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Friday, 15 November, 2024
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शांति से जीने का सपना देखने वाले तमिलनाडु के BJP प्रमुख अन्नामलाई ने ‘जहरीली’ राजनीति की राह क्यों चुनी

बतौर आईपीएस अपने कार्यकाल के दौरान ‘सिंघम’ कहे जाने वाले अन्नामलाई अब तमिलनाडु भाजपा में अपनी भूमिका के साथ-साथ सह-प्रभारी के रूप में कर्नाटक विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं.

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चेन्नई: तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने 2019 में जब आईपीएस के पद से इस्तीफा दिया था, तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर यह तय कर रखा था कि आगे वह क्या करना चाहते हैं.

2011 बैच के अधिकारी ने अपने त्यागपत्र में लिखा था, ‘मैं बस कुछ समय निकालना चाहता हूं और जीवन की उन छोटी-छोटी चीजों का आनंद लेना चाहता हूं, जो मैं अब तक नहीं कर पाया.’

मसलन, ‘…अपने बेटे के लिए एक अच्छा पिता बनना, घर लौटकर खेती-बाड़ी करना, और देखते हैं कि क्या अब भी मेरी भेड़ें मेरी बात सुनती हैं क्योंकि मैं अब पुलिस वाला नहीं हूं.’

लेकिन जैसा कहते हैं, नियति ने कुछ और ही तय कर रखा था.

और अन्नामलाई राजनीति यानी एक ऐसे क्षेत्र में आ गए जिससे वो कभी नफरत करते थे. फिर जब 2021 में भाजपा ने उन्हें राज्य का प्रमुख नियुक्त किया तो उन्होंने अपने गृह जिले करूर से लगभग 400 किमी दूर चेन्नई को अपना आधार केंद्र बनाया.

दिप्रिंट से बातचीत में 38 वर्षीय अन्नामलाई ने कहा कि अब तक का सफर ‘संघर्ष’ भरा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘राजनीति मुझ पर जबरन हावी हो गई. मैंने तो किसी और बात के लिए ही इस्तीफा दिया था.’

उनके मुताबिक, राजनीति में शामिल होने का सुझाव उन्हें सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण से स्वीकार्य लगा—प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. उन्होंने कहा, ‘अगर मोदी जी भारतीय राजनीति में नहीं होते, तो मैं आपको लिखकर दे सकता हूं कि मैं भी यहां नहीं होता, बल्कि आईपीएस से इस्तीफा देने के बाद किसान बन गया होता.’

आईपीएस में अपने कार्यकाल के दौरान ‘सिंघम’ कहे जाने वाले अन्नामलाई अब तमिलनाडु भाजपा प्रमुख की भूमिका तो संभाल ही रहे हैं, इस महीने के शुरू में उन्हें कर्नाटक में भी एक अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे यहां तमिलनाडु में जमीनी स्तर पर सक्रिय रहना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भाजपा के खिलाफ कोई नैरेटिव सेट न हो. फिर मुझे कर्नाटक की जिम्मेदारी भी ईमानदारी से निभानी है जहां मैं सह-प्रभारी हूं (विधानसभा चुनाव के लिए). वहीं, एक फाउंडेशन (वी द लीडर्स, जिसे उन्होंने स्थापित किया है) है, जिसे मैं हर महीने तीन दिन देता हूं, फिर महीने में डेढ़ दिन खेती करने में बिताता हूं.’

बहरहाल, इन सबके बीच छोटी-छोटी चीजों का आनंद लेने का उनका सपना अभी भी पूरा नहीं हो पाया है.

अन्नामलाई कहते हैं, ‘इस सबकी, एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है—कोई निजता नहीं रह जाती है और बेशुमार यात्रा कार्यक्रम चलते रहते हैं.’


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‘यूपी ने मेरे जीवन को बदल दिया’

कर्नाटक-कैडर के आईपीएस अधिकारी अन्नामलाई, बेंगलुरु दक्षिण के पुलिस उपायुक्त थे, जब उन्होंने 2019 में इस्तीफा दे दिया. आईआईएम-लखनऊ से एमबीए के साथ इंजीनियरिंग स्नातक, अन्नामलाई का कहना है कि उत्तर प्रदेश ने ‘एक व्यक्ति के तौर पर मेरे जीवन को एकदम बदल दिया.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी राजनेता बनने की ख्वाहिश नहीं रखी. मैं अपना एमबीए करने के लिए उत्तर प्रदेश गया था, यूपी ने मुझे एक व्यक्ति के रूप में बदल दिया. मैं एक आईपीएस अधिकारी बन गया.’

उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ ऐसा करने के लिए आईपीएस को छोड़ा है, ‘जो लोगों के लिए बहुत कुछ कर सके.’

वह कहते हैं, ‘फाउंडेशन एक विकल्प था. लेकिन, अंतत: बहुत से लोग आपको प्रभावित करते हैं और कई विकल्प आपके सामने आते हैं.’

निजता को बहुत ज्यादा तरजीह देने वाले अन्नामलाई, जिनके दो छोटे बच्चे हैं, अपने परिवार को लोगों की नजरों से दूर रखना पसंद करते हैं. उन्होंने बताया कि उनके लिए सबसे ज्यादा खुशी के पल वो होते हैं जब उन्हें एकांत में किसी किताब को पढ़ने का मौका मिल जाता है.

एक राजनेता के तौर पर जीवन के संघर्षों के बारे में बताते हुए वह कहते हैं कि कभी-कभी ऐसा लगता है कि ‘आपका पूरा जीवन अस्त-व्यस्त है.’

उन्होंने कहा, ‘आप हर रोज अपने बिस्तर पर आराम से नहीं सो रहे होते हैं. समय-असमय अपने बच्चों से मिल पाते हैं। जब तक आप जागते हैं, तब तक वे स्कूल जा चुके हैं. जब तक आप वापस आते हैं, वे सो चुके होते हैं. ये सबसे ज्यादा तकलीफदेह होता है.’

अन्नामलाई ने कहा, ‘मेरे जीवन में केवल एक चीज निश्चित है और वह मेरा परिवार है, राजनीति अनिश्चित है.’

उन्होंने कहा, ‘मोदीजी और देश के लिए प्यार मुझे आगे बढ़ाता है. तमाम तकलीफों के बावजूद, मैं कहता रहता हूं कि कहीं न कहीं उम्मीद की किरण जरूर होगी.’

‘व्यवस्था को हिला देंगे बागी’

पहली पीढ़ी के राजनेता, अन्नामलाई भारतीय राजनीति को ‘बेहद जहरीला’ मानते हैं.

उन्होंने कहा, ‘मेरे जैसे फर्स्ट टाइमर के लिए, सभी की नजरें मुझ पर टिकी होती हैं. फर्स्ट टाइमर के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं होती है.’

उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों के लिए बैकग्राउंड एकदम सेट है. वे 35 साल से सिस्टम का हिस्सा हैं. नेतृत्व आपके इर्द-गिर्द केंद्रित होता है. पार्टी में आप ही अकेले नेता होते हैं. द्रमुक, अन्नाद्रमुक, टीएनसीसी या फिर पीएमके के अंबुमणि रामदास को ही ले लें, सभी 20-25 वर्षों की राजनीति से महारत हासिल कर चुक हैं. लेकिन अन्नामलाई के मामले में ऐसा नहीं है. राजनीति में सिर्फ दो साल हुए हैं, और संघर्ष कर रहा हूं.’

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, यही चीज उन्हें लोगों के साथ जोड़ने में भी मदद करती है.

उन्होंने कहा, ‘बहुत से लोग मुझमें खुद को देखते हैं. एक गांव से आने वाले पहली पीढ़ी के राजनेता के तौर पर राजनीति में आना, कोशिश करना और संघर्ष करना.’

उन्होंने खुद को एक विद्रोही के रूप में परिभाषित किया जो मौजूदा व्यवस्था को हिला देने के लिए राजनीतिक में आया है. उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों के लिए कुछ नया करने की कोशिश कर रहा हूं. नई आवाजें मायने रखती हैं.’

जबसे अन्नामलाई राजनीति में आए हैं, तबसे कई मुद्दों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. इनमें से एक उनकी घड़ी, फ्रांसीसी घड़ी निर्माता बेल एंड रॉस की बीआर 03 राफेल, से जुड़ा भी है जिसकी सत्तारूढ़ द्रमुक के सदस्यों ने खासी आलोचना की है.

घड़ी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया, ‘मैं इसे अब भी पहन रहा हूं.’

उन्होंने कहा, ‘भारतीय इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा है जब लोग एक ऐसे व्यक्ति के खर्च पर सवाल उठा रहे हैं जिसने कोई सरकारी पैसा नहीं लिया है,…यह दर्शाता है कि तमिलनाडु की राजनीति के लिए अन्नामलाई कितना ज्यादा मायने रखता है.’

अन्नामलाई ने अप्रैल में पूरे तमिलनाडु में पदयात्रा की योजना बनाई है और उनका कहना है कि उसी समय वह घड़ी के बिल सहित अपनी सभी महंगी वस्तुओं का खुलासा करेंगे. साथ ही कहते हैं, ‘उसी दिन, तमिलनाडु में सुनामी आएगी. मैं द्रमुक के मंत्रियों की 2.5 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का ब्योरा उनके नाम, बेनामी संपत्ति आदि का भी पूरा खुलासा करूंगा.’

भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर अन्नामलाई ने कहा कि वह पार्टी आलाकमान की तरफ से दी जाने वाली कोई भी भूमिका निभाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘यदि आप व्यक्तिगत रूप से मेरी राय पूछें तो मैं हमेशा तमिलनाडु में अपनी सेवाएं देते रहना चाहता हूं.’

उन्हें अगला मुख्यमंत्री बताने वाले पोस्टरों के बारे में एक सवाल पर अन्नामलाई ने कहा, ‘पद के साथ प्रसिद्धि आती है और साथ में लोकप्रियता भी आती है और इसके साथ नकारात्मक आलोचना आती है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार यह सब माया है. पद पार्टी की तरफ से दिए जाते हैं. पार्टी मुझसे जो भी करवाना चाहेगी मैं वह करूंगा.’

(अनुवाद: रावी द्विवेदी | संपादन: आशा शाह )

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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