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Friday, 29 March, 2024
होमराजनीति'रिक्शावाला यहां तक कैसे पहुंचा', 2000 करोड़ की डील और जादू-टोना तक, संजय राउत का शिंदे पर जमकर हमला

‘रिक्शावाला यहां तक कैसे पहुंचा’, 2000 करोड़ की डील और जादू-टोना तक, संजय राउत का शिंदे पर जमकर हमला

शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक समाचार चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा कि शिवसेना विधायकों की खरीद-फरोख्त और सरकार बनाने में 2000 करोड़ रुपये खर्च किए गए. साथ ही उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है.

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नई दिल्ली: शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा कि वह अपने आरोप पर कायम हैं कि शिवसेना विधायकों की खरीद-फरोख्त और सरकार बनाने में 2000 करोड़ रुपये खर्च किए गए. साथ ही उन्होंने दावा किया कि पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी इसी डील का हिस्सा था.

इंडिया टीवी को इंटरव्यू देते हुए शिवसेना सांसद ने कहा, ‘ये मेरा अनुमान है, लेकिन डील की रकम और अधिक हो सकती है.’

उन्होंने कहा, अगर हमारे 50 विधायक टूट गए और अगर 50 करोड़ का ही हिसाब लगाए तो दो हजार करोड़ हो ही जाता है.’

इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कि चुनाव आयोग को आपने बताया था कि 2000 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं तब जाकर यह सरकार बनी है, शिवसेना नेता ने कहा, ‘जो बात पूरे देश को मालूम है वह चुनाव आयोग को मालूम नहीं है? जो बच्चा-बच्चा जानता है इस देश का. हमारे चुनाव आयोग में इतने विद्वान हैं, उनको भी पता होना चाहिए.’

पिछले हफ्ते संजय राउत ने ट्वीट किया था, ‘मेरे पास पुख्ता जानकारी है कि शिवसेना का नाम और उसके चुनाव चिह्न को हासिल करने के लिए 2000 करोड़ रुपये की डील हुई है. यह शुरुआती आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है. कई चीजों का खुलासा होगा. देश के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.’

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प्रॉपर्टी बचाने की चिंता

जब संजय राउत से यह पूछा गया कि पार्टी की 384 करोड़ की प्रॉपर्टी को बचाने की ज्यादा चिंता है तो उन्होंने कहा, ‘अब इस देश की राजनीति में 300 करोड़ रुपये कोई आंकड़ा है क्या? आप मुझे बताइए, इतनी पुरानी पार्टी है हमारी, 50 साल से भी ज्यादा इस पार्टी को हो गया है. इतने साल से हम मुंबई और राज्य में सत्ता में हैं, केंद्र में हमने काम किया है. तो अगर एक पार्टी के फंड के नाते 300-400 करोड़ रुपये पार्टी में जमा किया है तो शिंदे साहब को पेट में दर्द होने की जरूरत नहीं है.’

क्या मातोश्री पर कब्जे का डर

शिवसेना सांसद से पूछा गया कि क्या आप इस बात से डरते हैं कि मातोश्री पर भी कब्जा हो जाएगा, तो उन्होंने कहा, ‘देखिए, चुनाव आयोग के माध्यम से इन लोगों ने शिवसेना और हमारे धनुष-तीर के निशान पर कब्जा किया है. वह संभालें दो-तीन महीने के लिए, फिर इनकी ताकत दिख जाएगी. यह पूरा जो गोलमाल है वह कुछ दिनों का खेल है, असली शिवसेना तो लोगों के बीच में है, जनता में है.’

जब शिवसेना सांसद से पूछा गया कि आपको इस बात की चिंता क्यों है कि नाम और चुनाव चिन्ह चला गया, अगर ठाकरे का ब्रांड है तो फिर चला लेंगे?’

उन्होंने कहा, ‘क्यों नहीं चलाएंगे? ठाकरे ब्रांड पर ही आज तक सबकुछ चला है. शिंदे भी ठाकरे ब्रांड का ही प्रोडक्ट है न. वह ठाकरे जी के नाम के सिवाय जीत ही नहीं सकते.’


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शिंदे सरकार कर रही काला जादू

पिछले दिनों शिवसेना के मुख्यपत्र सामना में लिखे एक संपादकीय में आरोप लगाया गया था कि शिंदे सरकार उद्धव गुट को परेशान करने के लिए काला जादू का सहारा ले रही है. इसमें आरोप लगाया गया था कि पिछले वर्ष जून में महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार बनने के बाद से राज्य में काला जादू और जादू-टोना जैसी अंधविश्वास की घटनाएं बढ़ी हैं. उन्होंने इसको लेकर कई उदाहरण पेश किए थे.

जब शिवसेना सांसद को इसको लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘इस बारे में आप जनता में जाकर सर्वे कर लीजिए. आपको जनता बता देगी कि महाराष्ट्र में क्या चल रहा है. आप मंत्रालय में या मुख्यमंत्री निवास में जाकर देखिए कि क्या चल रहा है. गुवाहाटी में जिस मंदिर में गए थे, वहां क्या कर रहे थे? किसकी-किसकी बलि चढ़ाई? सबको मालूम है, उसमें छिपाने वाली बात क्या है? आप महाराष्ट्र में घर-घर में जाकर पूछिए, यह जादू-टोना क्या चल रहा है. यह महाराष्ट्र के घर-घर की परंपरा नहीं है, यह सब अंधश्रद्धा है.’

इस संपादकीय में लिखा गया था कि जब से महाराष्ट्र में शिंदे-देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनी तब से कई अविश्वसनीय घटनाएं हुई जैसे, सुप्रिया सुले की साड़ी जल गई, अजित पवार लिफ्ट में फंस गए, बालासाहेब थोराट का कंधा टूट गया, धनंजय मुंडे का एक्सीडेंट हो गया, संजय राउत जेल चले गए.

इसपर संजय राउत ने कहा, ‘आप आगे एक लाइन पढ़ना भूल गए. मैंने लिखा था ऐसी महाराष्ट्र की जनता की भावना है.’

उन्होंने कहा ‘काला जादू, काला जादू होता है. मैं बाल ठाकरे के जादू को मानता हूं.’

न्यायपालिका पर सत्ता का प्रभाव

न्यायपालिका पर सत्ता में बैठे लोगों के पक्ष में काम करने के आरोप पर शिवसेना सांसद ने कहा, ‘हां, मैंने यह लिखा है और मैं इस पर विश्वास करता हूं. यह आरोप लगाने वाला मैं अकेला नहीं हूं. देश के कई बड़े लोग भी यह कह रहे हैं कि हमें न्याय नहीं मिल रहा है. मैंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही एकमात्र जगह बची है जहां हमें न्याय मिलने की उम्मीद की किरण दिखती है.’

राणे से झूठा आदमी भारतीय राजनीति में नहीं

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना सांसद नारायण राणे पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, ‘राणे से झूठा आदमी इस देश की राजनीति में नहीं हुआ है. मैं इस पार्टी में बैठा हूं. उन्होंने 3 बार पार्टी छोड़ी है. मैं मेरी पार्टी के साथ वफादार हूं और यही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है, यही मेरी ताकत है. अभी 40 लोग हमारे मित्र थे, मेरे सामने आकर नजर से नजर नहीं मिला सकते. एकनाथ शिंदे ने खुद एक बार कहा था कि वह रिक्शा चलाते थे. रिक्शा चलाने वाला आदमी कहां पहुंच गया? उसे किसने बनाया? बालासाहेब की शिवसेना ने.’

जॉनी लीवर हैं राज ठाकरे

संजय राउत ने राज ठाकरे की तुलना जॉनी लीवर से की. जब उनसे पूछा गया कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के तौर-तरीके शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे से काफी मिलते-जुलते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘जॉनी लीवर और राजू श्रीवास्तव जैसे हास्य कलाकार और मिमिक्री आर्टिस्ट भी नकल कर सकते हैं, लेकिन ऐसे कोई नेता नहीं बन जाता.’

संजय राउत ने कहा, ‘जॉनी लीवर सबकी नकल करता है. राजू श्रीवास्तव बहुत अच्छी नकल करता था. सुनील पाल की नकल मैं हमेशा देखता हूं. बालासाहेब को यह नकल बहुत अच्छे लगते थे. सबको बुलाकर दरबार करते थे. बालासाहेब की नकल और भी लोग करते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि सब बालासाहेब ठाकरे बन गए. मैं ठाकरे साहब जैसा लिखता हूं तो लोग बोलते हैं कि आप बालासाहेब ठाकरे बन गए. मैं बोलता हूं, बालासाहेब ठाकरे एक ही हैं. मैं नकल नहीं करता.’


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