नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों और अलगाववादियों का भय खत्म करने के लिए सुरक्षा को मजबूत करने का निर्देश दिया.
मंत्रालय के अनुसार बैठक में प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, निदेशक आईबी, विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के डीजी, पुलिस और सेना के अधिकारी मौजूद थे.
गृह मंत्री ने सुरक्षा बलों और पुलिस से आतंकवाद रोधी अभियानों को सक्रिय रूप से संचालित करने का निर्देश दिया है. साथ ही अमित शाह ने सड़कों को हिंसा से मुक्त करने और कानूनी शासन बहाल करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन के प्रयासों की सराहना की है.
गृह मंत्री ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की भी समीक्षा की गई और इस बात पर जोर दिया गया कि जांच समय पर और प्रभावी होनी चाहिए.
उधर, बुधवार को गृह मंत्री शाह ने नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की उनकी उन मांगों को लेकर निशाना साधा है जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए. शाह ने कहा कि वह पड़ोसी देश से बात करने के बजाय जम्मू-कश्मीर के युवाओं से बात करना पसंद करेंगे.
केंद्र शासित प्रदेश के अपने तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर तीखा हमला किया है.
उन्होंने ‘गुप्कर गठबंधन’ पर देश में पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए ‘लाल कालीन बिछाने’ का आरोप लगाया.
शाह ने कहा, ‘कुछ लोग यहां पाकिस्तान की बात करते हैं. मैं आज उनसे कहना चाहता हूं कि पीओके के उन गांवों की संख्या के आंकड़े लाएं जहां बिजली है. हमारे कश्मीर के हर गांव में बिजली पहुंच गई है. मुफ्ती और कंपनी, अब्दुल्ला और संस ने 70 साल तक कश्मीर में शासन किया लेकिन 1 लाख घर नहीं दिए, लेकिन 2014 से 2022 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में 1 लाख लोगों को घर दिया हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जिन्होंने यहां 70 साल तक शासन किया, उन्होंने मुझे पाकिस्तान से बात करने की सलाह दी. मेरा साफ नजरिया है, मैं पाकिस्तान से बात नहीं करना चाहता, मैं बारामूला में गुर्जरों, पहाड़ी और बकरवालों से बात करना चाहता हूं. मैं कश्मीर के युवाओं से बात करना चाहता हूं. खुली आंखों और दिमाग से सोचें, जो आतंकवाद फैलाते हैं, उन्होंने कश्मीर का क्या अच्छा किया है?’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को अन्य राज्यों के साथ दौड़ में शामिल होना है जो देश में आगे बढ़ रहे हैं.
शाह ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘पहले यह आतंकवादी हॉटस्पॉट था, अब यह पर्यटन हॉटस्पॉट है. आपने (फारूक और महबूबा) ने युवाओं के हाथों में पत्थर और बंदूकें दीं, जबकि पीएम मोदी ने यहां उद्योग लाकर उनके हाथों में लैपटॉप और मोबाइल दिए.’
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