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Thursday, 21 November, 2024
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अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों और नेताओं के साथ बैठक की

नागरिकता अधिनियम 1955 में प्रस्तावित संशोधन पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के हिन्दुओं, सिखों, बौद्ध, जैन, पारसियों और ईसाइयों को भारत की नागरिकता देने की बात कहता है, भले ही उनके पास उचित दस्तावेज न हों.

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नई दिल्ली : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के राजनीतिक दलों, छात्र निकायों और नागरिक समाज समूहों के नेताओं साथ प्रस्तावित नागरिकता संशोधन (सीएबी) विधेयक की रूप-रेखा पर चर्चा की. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

बैठक में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, अरुणाचल प्रदेश मुख्यमंत्री पेमा खांडू और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, केन्द्रीय मंत्री किरण रिजीजू और विभिन्न सांसदों ने शिरकत की.

असम के मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि शाह ने शुक्रवार की रात त्रिपुरा और मिजोरम के राजनीतिक नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ 4 घंटे तक बैठक की और चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं.

सरमा ने ट्वीट किया, ‘केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर शुक्रवार को त्रिपुरा और मिजोरम के राजनीतिक दलों और नागरिक समाज संगठनों के साथ चार घंटे तक चर्चा की. वह आज असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के प्रतिनिधिमंडलों के साथ इसपर चर्चा करेंगे. चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं.’

नागरिकता अधिनियम 1955 में प्रस्तावित संशोधन पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के हिन्दुओं, सिखों, बौद्ध, जैन, पारसियों और ईसाइयों को भारत की नागरिकता देने की बात कहता है, भले ही उनके पास कोई उचित दस्तावेज नहीं हों.
विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर राज्यों में कड़े विरोध के मद्देनजर गृह मंत्री शुक्रवार और शनिवार को इस मुद्दे पर सिलसिलेवार बैठकें कर चुके हैं और तीन दिसंबर को भी वे इस सिलसिले में बैठके करेंगे.

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