नई दिल्ली: शनिवार को चुनाव आयोग के पास दिए गए हलफनामे के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह और उनकी पत्नी सोनल शाह द्वारा शेयर मार्केट में किए गए निवेश में पिछले पांच वर्षों में 15 अप्रैल 2024 तक 71 प्रतिशत की ठोस वृद्धि के साथ बढ़कर 37.4 करोड़ रुपये हो गई.
यह उनकी कुल संपत्ति का 57 प्रतिशत बैठता है; बाकी की संपत्ति, बचत खाता जमा, म्यूचुअल फंड, सोना और राष्ट्रीय लघु बचत योजना जैसी योजनाओं में निवेश के रूप में है.
शाह और उनकी पत्नी द्वारा किए गए इस निवेश में कोई स्पष्ट पैटर्न नहीं दिखता है, क्योंकि यह निवेश कई क्षेत्रों में फैली 242 कंपनियों में किया गया है. खास बात यह है कि सिर्फ 10 कंपनियां ही ऐसी हैं जिनमें 1 करोड़ से ज्यादा रुपयों का निवेश किया गया है. ये दंपती द्वारा सूचीबद्ध कंपनियों में किए गए कुल निवेश का 43 प्रतिशत है.
सोनल और अमित शाह के इक्विटी निवेश पर गहराई से नजर डालने से पता चलता है कि बैंकिंग और एफएमसीजी स्टॉक में उनकी विशेष रुचि है. सिर्फ दो बैंकों – केनरा बैंक (2.96 करोड़ रुपये) और करूर वैश्य बैंक लिमिटेड (1.89 करोड़ रुपये) – ने अपने पूरे शेयर बाजार आवंटन का लगभग 13 प्रतिशत हिस्सा लिया. इसके अलावा, दोनों ने बंधन बैंक और भारतीय स्टेट बैंक और उसकी कुछ सहायक कंपनियों में भी छोटे निवेश किए.
हलफनामे से यह भी पता चलता है कि कई एफएमसीजी बड़ी कंपनियां उन कंपनियों की सूची में शामिल हैं जिनमें दोनों ने मिलकर 1 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. उदाहरण के लिए, उन्होंने प्रॉक्टर एंड गैंबल हाइजीन एंड हेल्थकेयर लिमिटेड में 1.9 करोड़ रुपये, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड में 1.35 करोड़ रुपये और कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड में 1.07 करोड़ रुपये का निवेश किया.
इन तीनों को मिलाकर उनने स्टॉक निवेश का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा है.
अन्य कंपनियां जहां उन्होंने 1 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया, वे हैं गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स लिमिटेड (1.79 करोड़ रुपये), लक्ष्मी मशीन वर्क्स लिमिटेड (1.75 करोड़ रुपये), एमआरएफ लिमिटेड (1.29 करोड़ रुपये), भारती एयरटेल लिमिटेड (1.22 करोड़ रुपये), और सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड (1.05 करोड़ रुपये).
कुल मिलाकर, शाह और उनकी पत्नी की कुल संपत्ति – चल और अचल दोनों – 2019 में 40.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 65.7 करोड़ रुपये हो गई, जो कि 63 प्रतिशत की वृद्धि है. दोनों के चल संपत्ति में निवेश के जरिए 82 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि उनकी अचल संपत्ति का मूल्य इन पांच वर्षों में केवल 36 प्रतिशत बढ़ा.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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