scorecardresearch
Friday, 3 May, 2024
होमराजनीति'आग्रह', मणिपुर मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए तैयार शाह, विपक्षी नेताओं को चिट्ठी लिख कर मांगा सहयोग

‘आग्रह’, मणिपुर मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए तैयार शाह, विपक्षी नेताओं को चिट्ठी लिख कर मांगा सहयोग

सदन में शाह ने कहा कि जो लोग इस समय सदन में नारे लगा रहे हैं, इन्हें न सहकार में दिलचस्पी है और न ही सहकारिता में. उन्होंने आगे कहा, मैंने आज दोनों सदन के विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखा है कि वो जितनी भी लंबी चर्चा चाहते हैं, मैं उसके लिए तैयार हूं.

Text Size:

नई दिल्ली: मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि आज मैंने दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं को पत्र लिख कर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए सहयोग की अपील की है.

शाह ने कहा कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों से सहयोग चाहती है.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में सहयोग करेंगे.’’

सदन में शाह ने कहा कि जो लोग इस समय सदन में नारे लगा रहे हैं, इन्हें न सहकार में दिलचस्पी है और न ही सहकारिता में. उन्होंने आगे कहा, “मैंने आज दोनों सदन के विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखा है कि वो जितनी भी लंबी चर्चा चाहते हैं, ‘मैं उसके लिए तैयार हूं.”

शाह ने कहा कि सरकार को कोई डर नहीं है, मणिपुर पर जिसको भी चर्चा करनी है, वो चर्चा कर सकते हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

शाह ने ट्विटर पर उस पत्र को शेयर करते हुए लिखा, “मैं आपको यह पत्र राज्य सभा में मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए आपके सहयोग मांगने के लिए लिख रहा हूं.”


यह भी पढ़ें: मोदी मणिपुर के CM को क्यों नहीं हटाएंगे? ऐसा करने की 4 वजहें और 5 कारण कि उन्हें ऐसा क्यों करना चाहिए


दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर के लिए काम करें’

शाह ने खरगे को पत्र में लिखा है कि हमारी संसद भारत के जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला है. यह हमारी सामूहिक इच्छा के प्रतीक के रूप में खड़ी है और रचनात्मक बहस, सार्थक चर्चा और जन-समर्थक कानून के लिए प्राथमिक मंच के रूप में कार्य करती है. राज्य सभा, राज्यों की परिषद होने के नाते हमारे लोकतांत्रिक ढांचे में एक विशेष स्थान रखती है. यह हमारे विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हितों और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है.

शाह ने आगे लिखा है कि जैसा कि आप जानते हैं कि मणिपुर भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य है. मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत न केवल मणिपुर बल्कि सम्पूर्ण भारत की संस्कृति का गहना है.

गत छह सालों में मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी के शासन में यह क्षेत्र शांति और विकास के नए युग का अनुभव कर रहा था. परन्तु कुछ अदालती निर्णयों और कुछ घटनाओं के कारण मई माह शुरुआत में मणिपुर में हिंसा की घटनाएं घटी. कुछ शर्मनाक घटनाएं भी सामने आईं जिसके बाद उत्तरपूर्व की जनता और विशेषकर मणिपुर की जनता संसद से अपेक्षा कर रही है कि इस कठिन समय में सभी पार्टियां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर की जनता के साथ खड़ी रहे.

इस समय मणिपुर को यह विश्वास दिलाएं कि हम एक हैं. इससे पहले हमारी महान संसद ने यह करके भी दिखाया है कि सरकार द्वारा मणिपुर पर स्टेटमेंट नहीं बल्कि सम्पूर्ण चर्चा के लिए अपेक्षित है.

‘आग्रह करता हूं’

शाह ने अपने दो पन्नों के पत्र में विपक्ष के नेताओं से आग्रह करते हुए लिखा है कि हम अपने राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियों का न्यायसंगत और स्थायी समाधान खोजने के लिए पार्टी लाइन से ऊपर उठें और सदभाव से काम करें. मैं आपसे और आपकी पार्टी के सभी सदस्यों से संसद के निरंतर कामकाज को सुनिश्चित करने में अपना समर्थन देने का आग्रह करता हूं.

उन्होंने आगे लिखा कि आखिरकार, संसद सदस्य के रूप में, लोकतांत्रिक शासन के सिद्धांतों को बनाए रखना और अपने लोगों के कल्याण के लिए सामूहिक रूप से काम करना हमारा कर्तव्य है.

संसद में 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित है. विपक्ष चर्चा से पहले मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एक बयान देने की मांग कर रहा है.

विपक्ष चार मई को एक भीड़ द्वारा दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न का वीडियो सामने आने के बाद से ही मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है.

मणिपुर पुलिस ने वीडियो में दिखायी दिए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थाउबल जिले के नोंगपोक सेकमई पुलिस थाने में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म तथा हत्या का मुकदमा शुरू किया गया है.


यह भी पढ़ें: संसद में ‘गतिरोध’ खत्म करने के लिए ओम बिरला ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, पर विपक्ष अपने रुख पर अड़ा


 

share & View comments