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Tuesday, 5 November, 2024
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बिहार चुनाव स्थगित करने की विपक्ष की आवाज़ों के बीच, चुनाव आयोग पर टिकीं निगाहें, लेकिन बीजेपी, जेडीयू दिख रहे आश्वस्त

बीजेपी का कहना है कि आरजेडी हार के डर से चुनाव नहीं चाहती, जबकि विपक्ष पूछ रहा है कि जब लोग कोविड से मर रहे हैं, तो ऐसे में सत्ताधारी गठबंधन चुनाव क्यों कराना चाहता है.

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नई दिल्ली: भारतीय राजनीति ने हाल के समय में ऐसी अजीब स्थिति पहले कभी नहीं देखी, जहां सत्ताधारी पार्टियां चुनाव कराने के पक्ष में हैं, जबकि विपक्ष इसका विरोध कर रहा है.

ये अजीब सी स्थिति बिहार में देखी जा रही है, जहां साल के अंत में चुनाव कराए जाने हैं.

विपक्षी पार्टियां आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) और कांग्रेस, कोविड-19 महामारी के बीच चुनाव कराए जाने का कड़ा विरोध कर रही है, लेकिन सत्ताधारी जेडी(यू) और बीजेपी चुनाव तय समय पर कराना चाहती हैं. विपक्ष के अलावा बिहार में एनडीए की सहयोगी, लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) भी, विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए, चुनाव स्थगित कराना चाहती है.

बीजेपी ने कहा है कि विपक्ष हार के डर से चुनाव स्थगित कराना चाहता है, उधर विपक्ष सवाल उठा रहा है कि जब लोग मर रहे हैं, तो ऐसे में सत्ताधारी पार्टी चुनाव क्यों कराना चाहती है.

बीजेपी ने ये भी कहा है कि चुनाव पर फैसला अब चुनाव आयोग को करना है, लेकिन वो चुनावों के लिए तैयार है.

चुनाव आयोग ने अभी बिहार मतदान की तारीख़ों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन उसने तैयारियां शुरू कर दीं हैं. उसने ये भी कहा है कि चुनाव स्थगित करने की कोई योजना नहीं है.

इस बीच, बिहार में कोविड मामलों में उछाल देखा जा रहा है, जिसकी वजह से नीतीश कुमार सरकार ने, 31 जुलाई तक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है. ग्रामीण इलाक़ों को लॉकडाउन से बाहर रखा गया है. शुक्रवार दोपहर तक राज्य में 21,764 मामले और 197 मौतें दर्ज हो चुकीं हैं.

इसके अलावा, इस हफ्ते के शुरू में 25 बीजेपी नेता कोविड पॉज़िटिव पाए गए, जिनमें संगठन मंत्री नगेंद्र नाथ, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, महासचिव देवेश कुमार, और उपाध्यक्ष राधामोहन शर्मा शामिल हैं.

बीजेपी के पटना सांसद राम कृपाल यादव और पार्टी के कई उपाध्यक्ष सेल्फ-क्वांरंटीन में हैं, चूंकि वो कोविड पॉज़िटिव पार्टी नेताओं के संपर्क में आ गए थे.

जेडी(यू) मंत्री विनोद कुमार सिंह और शैलेश कुमार भी पॉज़िटिव पाए गए. इस महीने के शुरू में नीतीश कुमार के कार्यालय के कुछ स्टाफ मेम्बर्स भी कोविड पॉज़िटिव निकल आए. 6 जुलाई को मुख्यमंत्री की भतीजी का टेस्ट भी पॉज़िटिव आया था.


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इस सब ने विपक्ष को अपनी आवाज़ उठाने का मौका दे दिया, कि ऐसे मौक़े पर चुनाव नहीं कराए जाने चाहिएं.

बिहार विधान सभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने दिप्रिंट से कहा:’बिहार में, बीजेपी का पूरा नेतृत्व कोविड से संक्रमित है. मुख्यमंत्री का आवास कोविड से संक्रमित है, डिप्टी सीएम का ऑफिस स्टाफ पॉज़िटिव है. इसके बाद भी उन्हें चुनाव की चिंता ज़्यादा है’.

उन्होंने आगे कहा, ‘चुनाव स्थगित करने में आख़िर हर्ज ही क्या है? वो ऐसे समय चुनाव कराना चाहते हैं, जब लोग मर रहे हैं’.

लेकिन बीजेपी महासचिव और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, जानना चाहते थे कि आरजेडी चुनावों का सामना करने से क्यों डर रही है.

‘हम कोविड-19 की स्थिति देखते हुए चुनावों की तैयारी कर रहे हैं. अलग अलग विधान सभा क्षेत्रों में 100 से अधिक वर्चुअल रैलियां हो चुकी हैं. हम चुनाव के लिए तैयार हैं. लेकिन आरजेडी चुनावों का सामना करने से क्यों डर रही है?’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम चुनावों में देरी के पक्ष में नहीं हैं. हमने चुनाव आयोग को पहले ही अपने रुख़ से अवगत करा दिया था. अब उसे तय करना है’.

दिप्रिंट से बात करते हुए, उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी कहा, कि हार के डर से आरजेडी, चुनाव स्थगित कराने के बहाने ढूंढ रही है.

उन्होंने ये भी कहा,’आरजेडी उस कमज़ोर छात्र की तरह बर्ताव कर रही है, जो चाहता है कि इम्तिहान स्थगित हो जाएं, ताकि वो फेल न हो. चुनाव का समय तय करने के लिए, हमें चुनाव आयोग में आस्था रखनी चाहिए.’

खाद्य मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि आरजेडी, चुनाव से बचने के लिए कनफ्यूज़न फैला रही है.’आगामी चुनावों में वो और अधिक सीटें गंवाएंगे. इसलिए वो इससे बचना चाहते हैं. क्या गारंटी है कि 5-6 महीने में कोविड ख़त्म हो जाएगा? क्या वो चाहते हैं कि कोविड के ख़त्म होने तक चुनाव न हों?’

बिहार विधान सभा का कार्यकाल 29 नवम्बर को खत्म हो जाएगा. कार्यकाल ख़त्म होने के बाद, यदि चुनाव समय पर नहीं होते, तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा.


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‘आरजेडी चुनाव के लिए तैयार नहीं’

एक सीनियर बीजेपी लीडर ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से कहा, कि आरजेडी जो समय पर चुनाव नहीं करवाना चाहती, उसका अस्ली कारण ये है, कि वो इसके लिए तैयार नहीं है.

उन्होंने आगे कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान आरजेडी ने चुनावों की तैयारी नहीं की है. दो महीने तक (अप्रैल-मई) तेजस्वी यादव दिल्ली में थे. बीजेपी और जेडीयू की तरह उनके पास कोई वर्चुअल सेट अप नहीं है. प्रचार का उनका ज़रिया अधिकतर फिज़िकल ही है. अब जब चुनाव क़रीब आ गए हैं, वो जानते हैं कि वो बीजेपी-जेडी(यू) के संसाधनों का मुक़ाबला नहीं कर सकते, इसलिए महामारी के नाम पर चुनाव स्थगित कराने की मांग कर रहे हैं.’

आरजेडी के एक नेता ने, जो अपना नाम ज़ाहिर नहीं करना चाहते थे, इसी तरह के विचार व्यक्त किए.

‘सार्वजनिक तौर पर हम मांग कर सकते हैं, कि चुनाव स्थगित किए जाएं, लेकिन हम जानते हैं कि हम बीजेपी के संसाधनों का मुक़ाबला नहीं कर सकते. जेडी(यू) सत्ता में है, वो संसाधनों का बंदोबस्त कर सकती है, लेकिन लॉकडाउन और कोविड की वजह से, हमें फंड्स जुटाने में दिक़्क़तें आएंगी, और बीजेपी-जेडी(यू) इस स्थिति को भुनाना चाहते हैं.’

जेडी(यू) बेचैन है:आरजेडी

आरजेडी सूत्रों ने दिप्रिंट से कहा कि जेडी(यू) सबसे “बेचैन” है, ये सुनिश्चित कराने के लिए, कि चुनाव समय पर हो जाएं.

आरजेडी के एक सूत्र ने कहा, ‘अगर चुनावों में देरी होती है, तो नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, और राज्य राष्ट्रपति शासन के अंतर्गत आ जाएगा. ऐसी सूरत में सीटों की सौदेबाज़ी पर असर पड़ेगा. इसलिए नीतीश देरी के पक्ष में नहीं होंगे. इससे उनकी ताक़त कम हो जाएगी, और बीजेपी को फायदा पहुंचेगा.’

सूत्र ने ये भी कहा कि नीतीश को एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान पर शक है, जो लगातार उनपर हमले कर रहे हैं, और चुनाव लड़ने के लिए ज़्यादा सीटें मांग रहे हैं.

सूत्र ने ये भी कहा कि नीतीश के क़रीबी सहयोगी, इस घटनाक्रम पर क़रीब से नज़र रखे हैं, ये पता करने के लिए कि सीटों की अधिक हिस्सेदारी, पासवान की निजी आकांक्षा है, या नीतीश पर दबाव बनाने की ख़ातिर, वो बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं.

इस बीच जेडी(यू) चुनावों की तैयारी में लगी है, और हर ज़िले में वर्चुअल रैलियां कर रही है. पार्टी के वर्चुअल प्रचार को नीतीश के क़रीबी सहयोगी और सांसद आरसीपी सिन्हा मैनेज कर रहे हैं.

चुनाव के लिए अपनी पहली ई-रैली नीतीश 6 अगस्त को संबोधित करेंगे.


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बीजेपी नीतीश से ‘दुश्मनी’ मोल लेना नहीं चाहती

बीजेपी के एक दूसरे नेता ने कहा, कि बीजेपी नीतीश को दुश्मनी मोल लेने का कोई मौक़ा नहीं देना चाहती, और ना ही ये चाहती है कि नीतीश के मन में, उसकी मंशा पर कोई संदेह पैदा हो.

उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ऐसा कुछ नहीं करेगी जिससे नीतीश नाराज़ हों. महाराष्ट्र और झारखंड में नुक़सान उठाने के बाद, बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ बहुत एहतियात बरत रही है. (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह का संदेश साफ है, कि हम बिहार में सरकार नहीं गंवा सकते, और हमें नीतीश को सपोर्ट करना है.’

उन्होंने कहा,’अगर किसी सूरत में कोविड की वजह से स्थिति बदल जाती है, तो चुनावों को टालने के लिए उनकी सहमति होनी चाहिए. लेकिन ये सब उसपर निर्भर करता है, कि आने वाले दिनों में हम कोविड से कैसे निपटते हैं. अभी भी समय है’.

इस बीच सांसद राम कृपाल यादव ने दिप्रिंट से कहा:’पार्टी राष्ट्रपति शासन क्यों चाहेगी, जब हम गठबंधन के सहयोगी के तौर पर चुनावों में जा रहे हैं?’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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