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Wednesday, 20 November, 2024
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आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने जीत के बाद बताया कब-कैसे खुलेगा शाहीन बाग़ का जाम

अमानतुल्लाह ख़ान ने कहा कि अभी नेशनल पॉप्यूलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को दिल्ली में लागू करने को लेकर केजरीवाल सरकार ने कोई फ़ैसला नहीं लिया है.

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह ख़ान का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह को शाहीन बाग़ जा कर वहां का धरना खत्म करवाना चाहिए. पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत के बाद पार्टी के लिए जीत हासिल करने वाले सभी विधायक सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे.

इस दौरान दिप्रिंट से हुई बातचीत में अमानतुल्लाह ख़ान ने कहा, ‘अब जब नतीजे आ गए हैं तो अमित शाह को शाहीन बाग़ की महिलाओं से मिलने जाना चाहिए. उन्हें इस बात का भरोसा दिलवाना चाहिए कि भारत में एनआरसी लागू नहीं होगा.’

उनका तर्क है कि जीत के बाद केजरीवाल जैसे सबके सीएम हैं वैसे ही नरेंद्र मोदी सबके पीएम और अमित शाह सबके गृह मंत्री हैं. उन्हें शाहीन बाग़ जाकर वहां बैठी महिलाओं से पूछना चाहिए उन्हें किस बात से दिक्कत है और ये भरोसा दिलाना चाहिए कि एनआरसी लागू नहीं होगा.

अगर शाह शाहीन बाग़ नहीं जाते तो धरना खत्म करने का क्या उपाय हो सकता है, इस सवाल के जवाब में खान ने पलट कर सवाल दाग दिया, ‘(शाह) क्यों नहीं जा सकते? इतनी नफ़रत क्यों, वो इस देश के लोग नहीं हैं? वो इस देश के बाशिंदे नहीं है क्या जो वो उनसे मिलने नहीं जाना चाहते?’

फिर उन्होंने कहा कि शाहीन बाग़ के लोगों से मिलना इनकी ज़िम्मेदारी है, ये सबके होम मिनिस्टर हैं. उन्होने ये भी कहा कि दिल्ली की जनता ने अमित शाह को करंट पहुंचाया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शाहीन बाग़ तक करंट पहुंचाने की बात करने वाले गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली के नतीजों से करंट लगा है.

दरअसल, शाह ने दिल्ली चुनाव के दौरान मतदाताओं से इतने ज़ोर से ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का बटन दबाने की अपील की थी कि करंट शाहीन बाग़ तक पहुंचे.

चुनाव के दौरान शाहीन बाग़ एक बड़ा मुद्दा रहा है और आम आदमी पार्टी ने इस मामले पर पूरे प्रचार में चुप्पी साधी हुई थी. अब भी इस मुद्दे पर पार्टी कोई स्टैंड नहीं लेना चाहती और इसलिए ओखला के सांसद बार-बार गृह मंत्री को उनका दायित्व याद दिला रहे हैं.

दिप्रिंट के एक सवाल के जवाब में ख़ान ने कहा कि अभी नेशनल पॉप्यूलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को दिल्ली में लागू करने को लेकर केजरीवाल सरकार ने कोई फ़ैसला नहीं लिया है. एक बार शपथ ग्रहण और कैबिनेट गठन हो जाए उसके बाद तय किया जाएगा कि एनपीआर लागू करना है या नहीं.

उन्होंने इस सबको बाद की बातें करार दिया. केजरीवाल से हुई मुलाक़ात पर उन्होंने कहा कि इस मुलाक़ात के दौरान कुछ ख़ास नहीं हुआ. उन्होंने कहा, ‘विधायक दल की मुलाक़ात हुई और हमने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी.’ आपको बता दें कि आप ने जिन दो सीटों पर सबसे बड़ी जीत दर्ज की है उनमें बुराड़ी और ओखला की सीटें शामिल हैं.

एक तरफ़ जहां बुराड़ी से मिली सबसे बड़ी जीत में संजीव झा 2015 के 67,950 वोटों से जीत की तुलना में इस बार 88,158 वोटों से जीते हैं. वहीं, ओखला से अमानतुल्लाह ख़ान ने बीजेपी के ब्रह्म सिंह को 71,827 वोटों से हराया. ये पार्टी को मिली दो सबसे बड़ी जीत है.

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद अंतिम नतीजों में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिली हैं. ये पिछली बार पार्टी को मिली 67 सीटों से पांच कम हैं. वहीं भाजपा को पिछली बार के 3 सीटों की तुलना में इस बार 8 सीटें मिली हैं. कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रिय पार्टियों का लगातार दूसरी बार सूपड़ा साफ़ हुआ है.

आप को 53.57 प्रतिशत, भाजपा को 38.51 प्रतिशत, कांग्रेस को 4.26 प्रतिशत वोट मिले हैं.

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