चंडीगढ़: पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को प्रशासन का काम संभाले हुए अभी बस एक महीने से थोड़ा ज्यादा ही समय हुआ है, लेकिन उनके काम करने के अंदाज ने दिखा दिया है कि वह पहले की सरकार से अलग हैं. वास्तव में मान पर रिमोट कंट्रोल सरकार के आरोप लगते रहे हैं. कहा जाता है कि पंजाब को दिल्ली में बैठे उनकी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल चला रहे हैं.
प्रशासन के मामलों में मान भले ही केजरीवाल के कदमों पर चलते हो और पॉलिसी गाइडेंस के लिए दिल्ली के सीएम पर निर्भर हो, लेकिन उन्होंने अपनी टीम भी बनानी शुरू कर दी है.
राज्य की बागडोर संभालने के एक हफ्ते बाद मान ने नौकरशाही में फेरबदल किया. इसमें दो दर्जन आईएएस और आईपीएस अधिकारी शामिल थे. लेकिन प्रशासन के बड़े पदों पर कोई बड़ी नियुक्ति नहीं की गई.
उन्होंने अपने सीएमओ में ब्यूरोक्रेट्स की एक छोटी सी टीम बनाई है और अपने पुराने समय के कुछ राजनीतिक सहयोगियों को प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी हैं.
दिप्रिंट ने ‘मान की इस टीम’ को जानने की कोशिश की है, कि कौन कैसे और क्या काम कर रहा है.
ए वेणु प्रसाद – ब्यूरोक्रेट सहयोगी
11 मार्च को आप के पंजाब चुनाव जीतने के एक दिन बाद यानी मान के आधिकारिक तौर पर राज्य के सीएम के रूप में कार्यभार संभालने से पांच दिन पहले सचिवालय में नई सरकार के तहत पहली बड़ी नियुक्ति के बारे में खबर आने लगी थी. यह नाम 1991 बैच के आईएएस अधिकारी ए. वेणु प्रसाद का था जिन्हें नए मुख्यमंत्री का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया.
निश्चित रूप से उनकी नियुक्ति के संबंध में आधिकारिक आदेश, मान के मुख्यमंत्री कार्यालय का कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद आया.
प्रसाद मान के नौकरशाही सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं. आप के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, प्रसाद को बिजली, परिवहन और एक्साइज विभाग का काफी तजुर्बा हैं, इसलिए उन्हें चुना गया है. सुधारों के अपने वादे के नजरिए से आप के लिए ये नियुक्ति काफी महत्वपूर्ण है. उनकी अगुवाई में मुफ्त बिजली देने के सरकार के वादे को पूरा करने पर नीति बनाई जाएगी.
माना जाता है कि प्रसाद के अकादमिक अनुभव ने उन्हें यहां तक पहुंचाने में भूमिका निभाई है. उनके पास फाइनेंस में एमबीए के अलावा सॉयल साइंस(मृदा विज्ञान) में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और सार्वजनिक नीति और कृषि में दो स्नातकोत्तर डिग्री हैं.
गौरव यादव – भरोसेमंद पुलिस अधिकारी
गौरव यादव मान के विशेष प्रधान सचिव हैं. वह पुलिस और कानून-व्यवस्था मामलों पर मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार हैं. यादव ‘मान प्रशासन’ के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि सिर्फ पंजाब में ही आप सरकार का पुलिस पर अधिकार क्षेत्र है. (दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है तो वहां पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती है)
यादव और केजरीवाल ने एक ही साल 1992 में सिविल सेवा परीक्षा पास की थी. उसके बाद यादव भारतीय पुलिस सेवा में चले गए और केजरीवाल को भारतीय राजस्व सेवा में नियुक्त किया गया. बाद में राजनीति में आने के लिए केजरीवाल ने नौकरी छोड़ दी थी.
क्या यादव और केजरीवाल एक समीकरण साझा करते हैं? पार्टी के पदाधिकारी और सरकारी अधिकारी जो इस तथ्य से अवगत हैं उनके पास इसका कोई साफ जवाब नहीं है. वह इस बारे में कुछ भी कहते हुए सावधानी बरत रहे हैं.
यादव उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं. रैंक के हिसाब से एक एडिशनल डीजीपी हैं और उन्हें काउंटर-इंसर्जेंसी और मॉडर्नाइजेशन में उनकी विशेषज्ञता के लिए चुना गया था.
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राजबीर सिंह घुमन – विश्वासपात्र सहयोगी
मुख्यमंत्री के निजी सचिव और विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) 35 साल के राजबीर सिंह घुमन भगवंत मान के विश्वासपात्र हैं. वह 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले, चुनाव प्रचार के दौरान सीएम के संपर्क में आए थे.
मान के पंजाब के संगरूर से लोकसभा सांसद बनने के बाद से घुमन उनके साथ हैं. वह सरकार के रोजमर्रा के काम में उनकी मदद करते हैं और उनके सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक हैं.
घुमन घराचोन गांव के रहने वाले हैं. उनका ये गांव मान के गांव सतोज से करीब 40 किमी दूर है. पेशे से इंजीनियर घुमन, मान के साथ जुड़ने से पहले संगरूर के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में सहायक प्रोफेसर थे.
सुखवीर सिंह – राजनीतिक सचिव
मान के दूसरे भरोसेमंद सहयोगी और दूसरे ओएसडी सुखवीर सिंह हैं. चौंतीस साल के सुखवीर सिंह औऱ घुमन एक ही गांव से हैं और दोनों बेहद अच्छे दोस्त भी हैं. घुमन के कहने पर ही सिंह ने 2014 के आसपास मान के साथ जुड़ने का फैसला किया था.
घुमन जहां अक्सर रैलियों और आधिकारिक कार्यक्रमों के दौरान मान के साथ देखे जाते रहे हैं, वहीं सिहं परदे के पीछे रहकर काम करने वाले लोगों में से हैं. वह पेशे से एक इंजीनियर हैं और मान के खास भी. मान अक्सर सिंह को अपना ‘राजनीतिक सचिव’ कहते हैं. सिंह क्षेत्रीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय मामलों तक, सभी महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रमों के बारे में मान को जानकारी देते हैं. सभी बैठकों के दौरान नोट्स भी लेते हैं.
आप के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उन्हें मान का ‘राजनीतिक सलाहकार’ भी कहते हैं.
मंजीत सिद्धू – मीडिया सलाहकार
पंजाब, सुनाम के शहीद उधम सिंह गवर्नमेंट कॉलेज में पढ़ते हुए मान ने खुद को एक राजनीतिक व्यंग्यकार के रूप में स्थापित कर लिया था. 1990 के दशक की शुरुआत में पंजाब में बड़ी संख्या में लोग उन्हें जानते थे और उनके ऑडियो कैसेट से परिचित थे. लेकिन मंच पर या रिकॉर्डिंग के लिए जाने से पहले मान अक्सर अपने दोस्तों के एक समूह के सामने प्रैक्टिस किया करते थे. मंजीत सिद्धू उनके उसी सर्कल का हिस्सा थे.
मनसा के रहने वाले सिद्धू उनतालीस साल के हैं. 2014 में आप में शामिल होने के बाद से मान के सलाहकार के रूप में बने रहे हैं. सिद्धू सबसे लंबे समय तक पार्टी की पंजाब इकाई के मीडिया सलाहकार थे. फिलहाल मीडिया सलाहकार प्रोफाइल को कई विंगों में बांट दिया गया है. सिद्धू उस टीम का नेतृत्व करते हैं जो आप, पंजाब सरकार और मान से जुड़ी सभी खबरों की खबर को मान तक पहुंचाते हैं.
पार्टी के पदाधिकारी उन्हें मान का ‘दूत’ कहते हैं. वह सभी कैबिनेट मंत्रियों के साथ मिलकर काम करते हैं. विधायकों को ट्रैक करना, प्रवक्ताओं को ब्रीफ करना और अक्सर प्रमुख राजनीतिक मुद्दों पर पार्टी की विचारधारा के बारे में बताना ही उनका मुख्य काम है.
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