लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस और भाजपा एक जैसे ही हैं, जिससे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेने की सभी अटकलों पर विराम लग गया है.
अखिलेश के बयान ने 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं करने के अपने संकल्प का भी संकेत दिया. गुरुवार को सपा नेता से पूछा गया था कि क्या उन्हें 3 जनवरी को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाले कांग्रेस के आउटरीच मार्च में शामिल होने का कोई निमंत्रण मिला है.
अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘अगर आपके मोबाइल पर कोई निमंत्रण है, तो कृपया मुझे तुरंत दें.’
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष बृजलाल खबरी की उस टिप्पणी का हवाला देते हुए मीडिया ने इस बात का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि भाजपा को छोड़कर सभी विपक्षी दलों को आमंत्रित किया गया है.
इस पर अखिलेश ने कहा, ‘हमारी शुभकामनाएं यात्रा के साथ हैं, लेकिन हमें कोई निमंत्रण नहीं मिला है. हमारी पार्टी के सिद्धांत अलग हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही हैं.’
अखिलेश का कांग्रेस पर हमला कोई नई बात नहीं है. मार्च 2021 में भी उन्होंने कहा था, ‘… पार्टी द्वारा अपनाए जा रहे तरीके भाजपा के समान हैं.’
अखिलेश के बयान ने संकेत दिया कि सपा 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन करने की इच्छुक नहीं दिख रही है. दिप्रिंट ने बुधवार को बताया था कि 2017 राज्य के चुनाव के पिछले अनुभव के मद्देनजर अखिलेश यादव का लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की ओर कोई झुकाव नहीं दिख रहा था.
जून 2021 में एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में, अखिलेश ने किसी भी गठबंधन से इनकार करते हुए कहा था कि कांग्रेस के पास यूपी में एक मजबूत संगठन नहीं है और पार्टी के साथ उनका 2017 का अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है.
उन्होंने कहा, ‘मैंने कांग्रेस को 100 से अधिक सीटें दीं, गठबंधन था लेकिन जो हम चाहते थे वह नहीं हो सका… हम भाजपा को हराने में सफल नहीं हो सके. कांग्रेस के पास यहां (वर्तमान में) ताकत नहीं है जो भाजपा को हरा सके.
कांग्रेस के जोनल अध्यक्ष नकुल दूबे ने दिप्रिंट को बताया, ‘उन्होंने (अखिलेश) यात्रा में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है. जयंत चौधरी ने कहा है कि वह बीमार हैं.
अखिलेश की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि उन्हें निमंत्रण नहीं मिला है, दूबे ने कहा, ‘निमंत्रण पहुंचा है या नहीं, यह एक विवादित तथ्य बन जाता है. निमंत्रण सभी के पास जा रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा का सिद्धांतों से कोई लेना-देना नहीं है. जो लोग भारत को गुलामी से बचाना चाहते हैं, उन्हें हमारे साथ जुड़ना चाहिए और जो नहीं चाहते हैं, वे इससे बच सकते हैं. यहां सिद्धांतों के बारे में कुछ भी नहीं है, यह केवल भारत को जोड़ने के बारे में है.
(अनुवाद : शिव पाण्डेय | संपादन : इन्द्रजीत)
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