नई दिल्ली: सरकार ने पहली बार उरी और पुलवामा हमलों के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों के जरिये रक्षा नीति को विदेश नीति के साये से बाहर निकाला और ‘राष्ट्र प्रथम’ के इस कदम से भारत अमेरिका और इजरायल जैसे देशों की सूची में शामिल हो गया.
गृह मंत्री ने यहां एचटी लीडरशिप समिट में कहा कि ये हमले आतंक के खिलाफ एक कड़ा जवाब और साथ ही सरकार के ‘राष्ट्र प्रथम’ के संकल्प को प्रदर्शन थे.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘अतीत में आतंकवादी आते थे और हमारे सैनिकों को मार कर वापस चले जाते थे और घुसपैठ की इन घटनाओं पर कोई जवाब नहीं दिया जाता था. यह पहली बार है, जब हमारे प्रधानमंत्री ने फैसला किया कि हमारी सीमाओं का उल्लंघन आसान नहीं होगा.’
शाह ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, ‘पूरी दुनिया हैरान थी, जब भारतीयों ने आतंकी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया और सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के जरिए उनके घर में घुस कर उन्हें मारा.’
उरी आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमले का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि भारत ने एक मिसाल कायम की है.
शाह ने कहा कि केवल अमेरिका और इजरायल ने ही इस तरह के हमले किए लेकिन इन हमलों ने ऐसे अभियानों में सक्षम राष्ट्रों की सूची में भारत का नाम शामिल होना सुनिश्चित किया.
उन्होंने कहा, ‘पहली बार, रक्षा नीति विदेश नीति के साये से बाहर आई. हमने यह स्पष्ट किया कि हम सभी के साथ शांति चाहते हैं. हम किसी से दुश्मनी नहीं चाहते लेकिन अपनी सीमाओं की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है.’
शाह ने कहा, ‘हमारी रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम दुनिया भर में एक निश्चित और जोरदार संदेश भेजने में सक्षम हुये हैं कि अगर आप शांति बनाए रखना चाहते हैं, तो हमें शांति से व्यवहार करना चाहिए. इस संदेश की वजह से भारत को दुनिया में एक नई तरह की पहचान मिली है.’
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