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Saturday, 21 December, 2024
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वीएचपी का राम मंदिर का सपना होगा पूरा, गौ रक्षा और जम्मू कश्मीर में टूटे मंदिर बनवाना नया एजेंडा

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, 'जो खंभे बने रखे हैं वो मंदिर निर्माण में प्रयोग किए जाएंगे.'

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नई दिल्ली: अयोध्या के श्रीराम मंदिर का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को सुना दिया. अदालत के निर्णय के मुताबिक़ अयोध्या में ही राम मंदिर बनेगा जबकि मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ भूमि दिए जाने आदेश दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘आज अत्यंत प्रसन्नता और समाधान का दिन है. शताब्दियों से चले आ रहे संघर्ष, अनेक युद्ध और असंख्य बलिदानों के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय और सत्य को आज उद्घोषित किया है.’

उन्होंने कहा, ’40 दिन की तथा 200 घंटे से अधिक की मैराथन सुनवाई के बाद और सब प्रकार की बाधाओं से विचलित हुए बिना दिया गया यह निर्णय विश्व के महानतम निर्णयों में से एक हैं.

‘हिन्दू समाज लगभग 70 वर्षों के न्यायिक संघर्ष के बाद इस निर्णय की अधीरता से प्रतीक्षा कर रहा था. अन्ततः वह प्रतीक्षा पूर्ण हुई और न्याय की विजय हुई. हम सुप्रीम कोर्ट के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते है.’

आलोक कुमार ने यह भी कहा, ‘आज के फैसले के बाद दुनियाभर के हिन्दू समाज में अपार प्रसन्नता है. यह भी निश्चित है कि हिन्दू का मर्यादा में रहने का स्वभाव है, इसलिए यह प्रसन्नता आक्रामक नहीं होनी चाहिए.’

‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कोई पराजित नहीं हुआ है. किसी को अपमानित करने वाली बात नहीं होनी चाहिए. समाज का सौहार्द बना रहे इसका सबलोग प्रयत्न करे.’

‘आज कृतज्ञता का भी दिन है. सबसे पहली कृतज्ञता उन ज्ञात और अज्ञात राम भक्तों के लिए जिन्होंने इन संघर्षों में भाग लिया, कष्ट सहे और अनेकों ने बलिदान दिए.’

सबसे बड़ा लक्ष्य पूरा हुआ

राम मंदिर के निर्माण के फैसले के साथ विश्व हिंदू परिषद का सबसे बड़ा लक्ष्य पूरा हो गया है. इस निर्णय के साथ अब यह सवाल भी उठ रहे है कि वीएचपी का अब औचित्य क्या है. इस पर विश्व हिंदू परिषद का कहना कि वह अब ‘मंदिर निर्माण’ जल्द हो इस पर ध्यान देगी.

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘हमें कोर्ट के निर्णय का सम्मान करना चाहिए. अभी हमने पूरा ऑर्डर नहीं पढ़ा है.’

‘जो खंभे बने रखे हैं वो मंदिर निर्माण में प्रयोग किए जाएंगे.’

काशी मथुरा के मंदिरों के सवाल को लेकर आलोक कुमार ने कहा कि वीएचपी का पूरा ध्यान राम मंदिर ‘जल्द’ बनाए जाने पर और देश में, समाज जन-जागरण को लेकर है इसके अलावा हमें किसी काम के लिए फुर्सत नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘ वीएचपी की स्थापना 1964 में हुई थी. जो हमारे प्रोजेक्ट चल रहे है वो वैसे ही चलते रहेंगे. हम राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल होकर उनकी लड़ाई लड़ रहे थे.

‘यह महत्वपूर्ण निर्णय भव्य राम मंदिर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण एवं निर्णायक कदम है. हम विश्वास करते है कि भगवान राम के भव्य मंदिर का यथाशीघ्र निर्माण होगा.’

‘यह निश्चित है कि जैसे-जैसे यह मंदिर बनेगा, समाज में मर्यादाएं, समरसता, संगठन, हिन्दू जीवन जीने का प्रयत्न बढ़ेगा और एक सबल, संगठित, संस्कारित हिन्दू समाज विश्व में शांति और समन्वय स्थापित करने के अपने दायित्व को पूरा कर सकेगा.’

गौरक्षा और टूटे मंदिर पर होगा फोकस

दिप्रिंट से विशेष बातचीत में आलोक कुमार ने यह भी कहा, ‘राम मंदिर के अलावा जम्मू कश्मीर में टूटे हुए मंदिर को दोबारा बनाने और गौ रक्षा पर मुख्य फोकस करेगी.’

वीएचपी के भविष्य के बारे में बताते हुए आलोक कुमार ने कहा,’वीएचपी अब श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य में काम करेगी. हम चाहते है कि यह मंदिर भव्य बने. यह काम एक दिन में होने वाला काम नहीं है. इसमें कुछ समय लगेगा.अयोध्या नगरी ऐसी होना चाहिए जैसे राम के समय थी. श्रद्धालुओं के आने उनके रहने,ठहरने के लिए पूरी इंतजाम होने चाहिए.’

वीएचपी चाहता है कि,’जम्मू कश्मीर में जिन मंदिरों में हालत जीर्ण शीर्ण है,उनका पुन:उद्धार प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए. इसके अलावा वीएचपी के एजेंडे में गौरक्षा पर ध्यान देना है. वहीं गौमास की बिक्री पर रोक लगाना है.’

1964 में हुआ था वीएचपी का निर्माण

वीएचपी एक हिंदूवादी संगठन है. यह राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़ी हुई एक धार्मिक शाखा है. इसकी उपशाखाओं के तौर पर युवा शाखा को बजरंग दल महिला शाखा को दुर्गा वाहिनी के तौर पर जाना जाता है. दुनिया भर में हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए 29 अगस्त 1964 को वीएचपी का निर्माण हुआ था. स्थापना के बाद ही यह संग़ठन भारत समेत दुनियाभर में हिन्दू समाज को एकजुट करने, हिंदू धर्म को मजबूत करने में काम करता रहा.

29 अगस्त 19464 में मुंबई की साधना शाला में हुए सम्मेलन के दौरान आरएसएस के सरसंघ चालक गुरू गोलवलकर ने हिंदू समाज को जोड़ने व रक्षा के लिए वीएचपी बनाने का प्रस्ताव दिया था. 1966 के प्रयाग के कुंभ में इस संग़ठन का पूरा स्वरूप सामने आया. इसमें यह तय हुआ कि यह एक गैर-राजनीतिक संगठन होगा. राजनीतिक दल का अधिकारी विश्व हिंदू परिषद का अधिकारी नहीं होगा.

वीएचपी का आदर्श वाक्य है ‘धर्मों रक्षित रक्षित:’ यानी जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है.

वीएचपी का चिन्ह बरगद का पेड़ है. इसके संस्थापक सदस्यों में केशवराम काशीराम शास्त्री, स्वामी चिन्‍मयानंद, जयचमराजा वाडियार बहादुर, मास्टर तारा सिंह, एस.एस. आप्टे, सतगुरु जगजीत सिंह शामिल थे. इन सभी को तत्कालीन सरसंघ चालक माधव सदाशिव गोलवलकर ने हिंदू समाज की रक्षा, मजबूती की जिम्मेदारी सौंपी थी.

राम मंदिर आंदोलन में अहम रही भूमिका

श्री रामजन्म भूमि को लेकर 1989 में चलाया गया वीएचपी का शिलान्यास कार्यक्रम में देशभर से ईंट और चंदा जुटाया गया. लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया.

वही, 1990 में लालकृष्ण आडवाणी के सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक निकाली गई रथ यात्रा को सफल करने के लिए वीएचपी कार्यकर्ताओं ने अपनी पूरी ताकत लगा दी. जिससे राम मंदिर निर्माण का माहौल बनाने में सफलता मिली.

1992 में बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहाए जाने की घटना ने वीएचपी को कट्टर हिंदूवादी संगठन में बदल दिया.

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