scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमराजनीतिकांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद 4 सितंबर को जम्मू में करेंगे पहली जनसभा

कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद 4 सितंबर को जम्मू में करेंगे पहली जनसभा

जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद सहित केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस के करीब 64 वरिष्ठ नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

Text Size:

नई दिल्ली: पिछले हफ्ते कांग्रेस छोड़ देने और एक राजनीतिक दल बनाने का फैसला करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद 4 सितंबर को जम्मू के सैनिक कॉलोनी में एक जनसभा करेंगे.

कांग्रेस से लगभग 50 साल पुराने अपने नाता तोड़ने के बाद से यह उनकी पहली जनसभा होगी. जनसभा का समय 11 बजे निर्धारित है.

आजाद ने कहा है कि वह जल्द ही एक नई पार्टी शुरू करेंगे और आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में पहली इकाई का गठन किया जाएगा. आजाद 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं.

आजाद की नई पार्टी की घोषणा के बाद कई नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद उन 64 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.

मंगलवार को गुलाम नबी के आवास पर बैठक करने के बाद पार्टी के तीन नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. यह तीनों नेता पार्टी के ग्रुप 23 के सदस्स हैं.

आजाद से मिलने वाले नेताओं में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा थे.

आजाद ने सोनिया गांधी को लिखे अपने त्याग पत्र में पार्टी नेतृत्व, खासकर राहुल गांधी पर पिछले नौ वर्षों में पार्टी को चलाने के तरीके को लेकर निशाना साधा था.

पांच पन्नों के पत्र में, आजाद ने दावा किया था कि एक मंडली पार्टी चलाती है, जबकि सोनिया गांधी सिर्फ ‘नाममात्र प्रमुख’ थीं और सभी बड़े फैसले ‘राहुल गांधी या बल्कि उनके सुरक्षा गार्ड और पीए’ द्वारा लिए गए थे.

आजाद ने कहा था कि वह ‘बड़े अफसोस’ के साथ अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं और कांग्रेस के साथ अपने लगभग 50 साल का नाता तोड़ रहे हैं.

64 नेताओं का इस्तीफा 

जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद सहित केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस के करीब 64 वरिष्ठ नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

इन नेताओं ने अपना संयुक्त त्याग पत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है.

जम्मू में एक प्रेस कांफ्रेंस में ताराचंद, पूर्व मंत्री अब्दुल माजिद वानी, मनोहर लाल शर्मा, घरु राम और पूर्व विधायक बलवान सिंह सहित अन्य नेताओं ने कांग्रेस से अपने इस्तीफे की घोषणा की.

बलवान सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में त्याग पत्र पढ़ते हुए कहा, ‘हम दशकों से पार्टी से जुड़े हुए थे और अपनी पूरी ऊर्जा और संसाधन जम्मू कश्मीर में पार्टी का विस्तार करने में लगाया लेकिन दुर्भाग्य से हमने पाया कि जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है वह अपमानजनक है.’ इस पत्र पर कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के 64 नेताओं और वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं.

पत्र में कहा गया है,‘हमारे नेता और पथप्रदर्शक गुलाम नबी आजाद ने आपको (सोनिया गांधी को) लिखे पत्र में मुद्दों को गिनाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. हमारा मानना है कि हमें भी कांग्रेस से बाहर चले जाना चाहिए ताकि एक सकारात्मक राजनीतिक समाज निर्मित करने में कुछ उपयोगी योगदान दे सकें, जहां लोगों की बात सुनी जाए और जवाब भी दिया जाए.’

पार्टी की प्रदेश इकाई के नेताओं ने इस्तीफा पत्र में कहा, ‘हम सभी आजाद का समर्थन करते हैं और जम्मू कश्मीर को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने में उनके साथ होंगे.’

बलवान सिंह ने दावा किया कि एक निर्वाचित सरकार की अनुपस्थिति में जम्मू कश्मीर अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि आजाद का यहां से राष्ट्रीय स्तर की पार्टी गठित करने के फैसले से सभी के लिए चीजों को ठीक करने की प्रेरणा मिलेगी.

उन्होंने कहा, ‘हमें भरोसा है कि जम्मू कश्मीर एक बार फिर से आजाद के नेतृत्व में पूर्ण राज्य का दर्जा वापस प्राप्त करने में सफल होगा.’

बलवान सिंह ने कहा कि आजाद लोगों के लिए जम्मू कश्मीर में क्षेत्रों और समुदायों के बीच दूरी मिटाने की एकमात्र उम्मीद हैं.

भाषा के इनपुट से 


यह भी पढ़ें : श्रीलंका संकट के बाद चीन यह समझने में जुटा है कि दिवालिया घोषित करने का मतलब क्या होता है


share & View comments