नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने को है. दूसरी पारी के पहले वर्ष में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचार का नया तरीका इजात किया है. कोविड-19 और लॉकडाउन से घरों में बंद लोगों और कार्यकर्ताओं से जुड़ने के लिए पार्टी अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म का सहारा ले रही है. पार्टी की रणनीति के तहत केंद्र सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक ओर जहां 10 करोड़ लोगों के साथ वर्चुअल रैली करने की योजना बना चुकी है. वहीं केंद्रीय मंत्रियों के इंटरव्यू का दौर भी शुरु किया है. इसके जरिए सरकार की सफलता को घर-घर पहुंचाने की योजना है.
खास बात ये है कि भाजपा कोविड-19 के काल में सरकार की बात जनता तक पहुंचाने के लिए मीडिया पर भरोसा नहीं कर पा रही है. इस कारण पार्टी ने मंत्रियों के इंटरव्यू के दौर शुरु किए है और मजेदार बात ये है कि केंद्रीय मंत्रियों के इंटरव्यू लेने वाले भी भाजपा के प्रवक्ता ही होंगे.
ये सारे इंटरव्यू सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए प्रचारित किए जा रहे है. इस नए फॉरमेट की खासी चर्चा है. हालांकि, इससे पहले फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा पीएम मोदी के ‘आम’ वाले इंटरव्यू पर सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था.
लोगों तक बात पहुंचाने लिए नया प्रयोग
नाम न छापने के अनुरोध पर पार्टी महासचिव ने दिप्रिंट से कहा, ‘कोविड-19 और लॉकडाउन के दौरान हम राजनीतिक दलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों से जुड़ने का एक नया अवसर मिला. प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के बिना भी हम हमारी बाते सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में सफल रहे है. भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो हमेशा से नई तकनीक को अपनाने से पीछे नहीं रहती हैं. इसलिए हमने नया प्रयोग शुरु करते हुए अन्य मीडिया माध्यमों के अलावा हमारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ही इंटरव्यू श्रृखंला शुरु की जाएं. अगर किसी भी मीडिया संस्था को हमारे इंटरव्यू के कटेंट की जरुरत लगती है तो वहां से भी ले सकते है.’
पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रभात झा ने दिप्रिंट से कहा,’हमारी पार्टी एक नया प्रयोग शुरु किया है. ये हमारी पार्टी के आंतरिक मामला है. प्रवक्ता मंत्रियों से प्रशन पूछ रहे है इसलिए ताकि कार्यकर्ता भी इससे सीख और समझ सके.
इंटरव्यू के जरिए प्रचार भी और जागरुकता भी
मोदी सरकार 2.0 केंद्र में अपने एक साल पूरे होने पर भाजपा ने जोर-शोर तैयारियां शुरु कर दी है. कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए पार्टी एक साधारण तरीके से लोगों तक अपनी बात पहुंंचाने की तैयारियों में जुट गई है. इसके लिए पार्टी सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए 750 वर्चुअल रैली और 1000 वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेगी.
इसके अलावा पार्टी ने कार्यकर्ताओं को जागरुक करने और लोगों को मोदी सरकार की उपलब्धियां बताने के लिए केंद्रीय मंत्रियों के इंटरव्यू श्रृंखला भी शुरु कर दी है. भाजपा द्वारा शुरु की गई नई परिपाटी में पार्टी के ही प्रवक्ता केंद्रीय मंत्रियों के इंटरव्यू ले रहे है.
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इनमें केंद्रीय रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से प्रवक्ता संबित पात्रा, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से प्रवक्ता नलिन कोहली, स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन से जीवीएल नरसिंहा राव और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से भाजपा सुधांशु त्रिवेदी ने सवाल जवाब किए. इसका भाजपा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारण भी किया. 20 मई को आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का पहला इंटरव्यू प्रसारित किया गया था.
भाजपा के राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी डॉ.संजय मयूख ने दिप्रिंट से कहा,’कोरोना के दौर में केंद्र सरकार द्वारा लोगों के लिए उठाए कदम और सरकार द्वारा एक साल में किए गए कामों को आम जनता के साथ कार्यकर्ताओं को बताना चाहते है इसलिए हमने इंटरव्यू श्रृंखला की शुरुआत की हैं.’
‘राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा के निर्देश पर भाजपा के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हम यह कर रहे है. पार्टी प्रवक्ता कहीं न कहीं मीडिया से रोज डिबेट के जरिए जुड़े ही रहते है, जो विषय जनता के बीच चल रहे होते हैं वे सभी प्रवक्ता को पता होते हैं. इसलिए प्रवक्ता प्रश्न पूछ रहे हैं.’
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इंटरव्यू जर्नलिस्ट से करवाने के सवाल के जवाब में डॉ.मयूख ने कहा, ‘हम क्यों किसी जर्नलिस्ट से ये इंटरव्यू करवाएं. केंद्र की मोदी सरकार ने जो काम किए है वह हम हमारे माध्यमों का उपयोग करते हुए जनता के बीच रख रहे है.’
डॉ. मयूख ने दिप्रिंट से कहा, ‘पार्टी के पास एक वृहद सोशल मीडिया प्लेटफार्म है. इसमें लाखों की तादाद में हमारे कार्यकर्ता और आम नागरिक जुड़े हैं. इसके माध्यम से सरकार के काम लोगों तक पहुंचा रहे है, अन्य मीडिया के अपेक्षा हमें यहां कोई समय सीमा और शब्द सीमा की कोई लिमिटेशन नहीं है. इसका हम उपयोग कर रहे है. हमारे संसाधनों का प्रयोग कर हमारे कार्यकर्ताओं को जागरुक भी कर रहे है.’
कांग्रेस और विपक्ष को जवाब देने की तैयारी
नाम न छापने के अनुरोध पर महासचिव ने बताया कि, ‘2014 से ही पीएम मोदी का हमेशा से मंत्रियों और सांसदों को सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग करने पर जोर रहा है. ताकि अन्य मीडिया माध्यमों पर निर्भरता कम हो जाए. इसके बाद ही अधिकांश मंत्री कई जानकारी सोशल मीडिया के जरिए ही शेयर करते है. इसके चलते ये नया प्रयोग भी शुरु किया गया ताकि जनता को सीधे जोड़ा जा सके.’
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उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस पार्टी नेता भी लागतार वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे है. इसलिए हमने यह भी हमारी बात पहुंचाने के लिए प्रवक्ता और केंद्रीय मंत्रियों के सवाल जवाब शुरु किए है.
केंद्रीय मंत्रियों के इंटरव्यू के लिए घंटो तैयारी कर रहे है प्रवक्ता
सूत्र के अनुसार, ‘भाजपा प्रवक्ता द्वारा लिए जा रहे इंटरव्यू को लगातार मॉनीटर भी किया जा रहा है. ताकि यह समझ में आ सके कि इसे कितने लोग देख रहे है. उनका रिस्पांस कैसा आ रहा है. वहीं पार्टी ने प्रवक्ताओं से भी कहा गया है कि ऐसे सवाल पूछे जाएं जो आम लोगों से जुड़े हुए हो.’
वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल का इंटरव्यू कर चुके भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा इस इंटरव्यू के लिए एक दिन पहले से तैयारी में जुट गए थे. करीब 50 मिनट के इस साक्षात्कार के लिए उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम आम लोगों से भी प्रश्न मंगाए.
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिप्रिंट से कहा, ‘केंद्र सरकार के फैसलों की जानकारी ज्यादा लोगों और हमारे पार्टी के कार्यकताओं तक पहुंचे इसलिए यह इंटरव्यू हुए है. इसका एक मकसद यह भी है कि पार्टी कार्यकर्ता भी मंत्रियों को सुने और सरकार द्वारा किए गए कामों से वे अवगत रहें. केंद्रीय मंत्री लगातार टीवी और अखबारों में भी इंटरव्यू दे रहे हैं. प्रेस कांफ्रेंस में भी शामिल हो रहे हैं. सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर आकर भी लोगों को अपने कामों की जानकारी साझा कर रहे हैं.
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भाजपा की राजनीति से पहले टीवी पत्रकारिता कर चुके नलिन कोहली ने भी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के इंटरव्यू के लिए एक दिन पहले से ही तैयारी में लग गए थे. उन्हें इस दौरान अपने पुराने अनुभव का फायदा मिला.
भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने दिप्रिंट से कहा, ‘पार्टी की तरफ से मुझे वित्तमंत्री के इंटरव्यू करने के लिए निर्देशित किया गया था. यह मेरे लिए भी एक नया अनुभव था. आमतौर पर हम सवाल के जवाब देते हैं लेकिन यहां सवाल पूछना था वो भी वित्तमंत्री से. मैंने वित्तमंत्री के कुछ पुराने इंटरव्यू देखे. प्रासंगिक विषयों को देखते हुए मैने सवाल तैयार किए थे.’
दोस्ताना माहौल में इंटरव्यू न कोई काउंटर प्रश्न न कोई तीखा सवाल
भाजपा द्वारा शुरु की गई घंटेभर की ये इंटरव्यू श्रृखंला पूरी तरह से दोस्ताना माहौल में दिखाई दी. सभी प्रवक्ताओं ने वहीं प्रश्न पूछे जो आमतौर पर प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में केंद्रीय मंत्रियों से पूछे जा चुके है.
किसी भी प्रवक्ता ने मंत्रियों से न तो कोई काउंटर प्रश्न किया न ही कोई तीखा सवाल किया.इसके अलावा न कोई ऐसा प्रश्न पूछा जिससे कोई नई जानकारी सामने निकल कर आ सके.
एंकर की भूमिका निभा रहे भाजपा प्रवक्ता भी समय-समय पर विपक्ष पर हमला बोलते दिखाई दिए. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से सवाल जवाब के दौरान प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहा राव ने विपक्ष पर हमला बोला. वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के इंटरव्यू के दौरान प्रवक्ता संबित पात्रा शायरी कर प्रश्न पुछते भी नजर आएं.
मंत्री क्या प्रवासी मजदूर और किसानों को इंटरव्यू देंगे: कांग्रेस
भाजपा के इस नए प्रचार अभियान पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दिप्रिंट से कहा,’मंत्रियों को अगर इंटरव्यू देना ही है तो प्रवासी मजदूर, किसान, बेरोजगार, छोटे दुकानदार और परेशान आम नागरिक को दें.’
वल्लभ ने आगे कहा, ‘भाजपा के लोग क्यों इस मंदी के दौर में पत्रकारों की रोजी रोटी खाना चाहते है. कई टीवी चैनल में भाजपा प्रवक्ताओं से भी बड़े प्रवक्ता बैठे हैं ये लोग क्यों उनकी भी रोजी रोटी छीन रहे है.अगर प्रवक्ता पत्रकार बन जाएंगे तो पत्रकारों का क्या होगा.’
भाजपा की इमेज बिल्डिंग एक्सरसाइज
सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) की डायरेक्टर डॉ पीएन वासंती ने दिप्रिंट से कहा, ‘भारत में राजनीतिक दलों में सबसे ज्यादा और रणनीतिक तरीकों से अगर कोई सोशल मीडिया का यूज करती है वो केवल भारतीय जनता पार्टी ही है. सोशल मीडिया में सूचना देने से लेकर लोगों को जवाब देने के लिए बकायदा बहुत बड़ी टीम 24 घंटे काम करती रहती है. कोविड 19 और लॉकडाउन के चलते प्रिंट मीडिया को नुकसान हुआ है. इलेक्ट्रानिक मीडिया से लोगों की थोड़ी रुची कम हुई है. सोशल मीडिया के प्लेटार्म का क्रेज पहले से ज्यादा बढ़ गया है. इसलिए भाजपा ने इसका सहारा लिया.’
उन्होंने कहा,’परंपरागत मीडिया की अपेक्षा सोशल मीडिया में किसी विशेषज्ञता की जरुरत नहीं होती है. सोशल मीडिया को मैनेज करना बहुत ही आसान होता है. ये बहुत जल्दी और आसानी से लोगों पर प्रभाव भी डालता है.आजकल ये भी देखने में आ रहा है कि जो चीजे सोशल मीडिया में ट्रेंड होती है वही कहीं न कही अखबार और चैनल की सुर्खियां भी होती है. दूसरे मीडिया संसाधानों में सबसे बड़ी समस्या स्पेस को लेकर होती है. यहां ऐसी कोई बात ही नहीं है. आप कितना भी चलाओं और कितना भी लिखों कोई सीमा निर्धारित नहीं होती है.’
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सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डवलपिंग सोसायटी'(सीएसडीएस) में राजनीतिक शोधकर्ता मंजेश राणा ने दिप्रिंट से कहा, ‘प्रवासी मजदूरों के पालयन को नहीं संभाल पाने से कहीं न कहीं सरकार और पार्टी की किरकिरी हुई है उसे देखते हुए भाजपा ने दोबारा अपनी इमेज बिल्डिंग की एक्सरसाइज शुरु कर दी है. इसके लिए ही यह इंटरव्यू शुरु किए है ताकि मीडिया के लिए यह कंटेंट फिर से प्रोडयूस हो. कही ने कही पूरा मामला सरकार के द्वारा दिए आत्मनिर्भर भारत के आर्थिक पैकेज, श्रमिक ट्रेने और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के ईदगिर्द ही हो.’
पार्टी की रणनीति यही होगी है कि,’हर जगह यह कम्यूनिकेट किया जाए कि सरकार ने लोगों को राहत के लिए पैकेज दिया है.भाजपा हमेशा मौके के फिराक में होती है कि कैसे वो किसी भी चीज को एक कैंपेन में तब्दील कर सके. इसलिए पार्टी ने अपनी बातों को लोगों तक पहुंचाने के लिए इंटरव्यू शुरु किया.’