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Saturday, 23 November, 2024
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कौन हैं गुजरात में ‘मिसोगिनी’ के विवाद में फंसने वाले केजरीवाल के पॉइंट मैन गोपाल इटालिया

एक पूर्व पुलिसकर्मी इटालिया ने पाटीदार आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह मंत्री पर जूता फेंकने के लिए 2017 में सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिए गए. 2020 में आप में शामिल हुए और जल्द ही गुजरात इकाई के प्रमुख बन गए.

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नई दिल्ली: एक कांस्टेबल और बाद में एक क्लर्क के रूप में काम करने से लेकर, हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार आंदोलन में एक प्रमुख भूमिका निभाने तक, 33 साल के गोपाल इटालिया- गुजरात में अरविंद केजरीवाल के पॉइंट मैन- ने अपने छोटे से राजनीतिक जीवन में एक लंबा सफर तय किया है.

आम आदमी पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष इटालिया को गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्यालय के बाहर से हिरासत में लिया. वहां उन्हें एक वीडियो के सिलसिले में तलब किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘अपमानजनक और अभद्र भाषा’ का इस्तेमाल किया है. तीन घंटे हिरासत में रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.

एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि गुरुवार को एनसीडब्ल्यू कार्यालय के बाहर इटालिया के 100-150 समर्थकों के इकट्ठा होने के बाद उन्होंने उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की थी.

हालांकि इटालिया ने दावा किया कि एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने उन्हें जेल में डालने की ‘धमकी’ दी थी. लेकिन शर्मा के मुताबिक, कथित टिप्पणियों के संबंध में आयोग को दिया गया उनका मौखिक जवाब, उनके लिखित बयान से मेल नहीं खाता है.

इस हफ्ते की शुरुआत में इटालिया के दो बिना तारीख वाले वीडियो सामने आने के बाद उन्हें कई लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. एक में, उन्हें कथित तौर पर मोदी के बारे में टिप्पणी करते हुए सुना गया है. इसे एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने ‘लिंग-पक्षपाती, स्त्री विरोधी और निंदनीय’ करार दिया. तो वहीं दूसरे वीडियो में वह कथित तौर पर हिंदू महिलाओं से मंदिरों में न जाने की अपील कर रहे हैं. वह वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि मंदिर ‘शोषण का घर’ होते हैं.

भारतीय जनता पार्टी ने आप पर आरोपों की बंदूक तानते हुए उनके इस कमेंट को लेकर गुजरात में सियासी भूचाल खड़ा कर दिया. आप ने कहा कि उन्हें दो कारणों से निशाना बनाया जा रहा है –उनकी ‘पटेल पहचान’ और चुनाव वाले राज्य गुजरात में ‘आप की बढ़ती लोकप्रियता’.

2020 में पार्टी में शामिल हुए इटालिया गुजरात में आप के अभियान की अगुवाई कर रहे हैं. आप के सूत्रों के अनुसार, वह उम्मीदवारों के चयन, फंडरेजिंग, सार्वजनिक बैठकों के आयोजन और स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं का आधार बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.


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कांस्टेबल से नेता बने

गुजरात के एक आप पदाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इटालिया 2013 में अहमदाबाद में एक कांस्टेबल के रूप में गुजरात पुलिस की इकाई लोकरक्षक दल में शामिल हुए थे. लेकिन उनकी चाह, हमेशा से जीवन में आगे बढ़ने की रही है.

2014 में उन्हें अहमदाबाद कलेक्ट्रेट में एक क्लर्क के रूप में राज्य के राजस्व विभाग में नौकरी पाई. 2017 में अपनी बर्खास्तगी तक उन्होंने वहां नौकरी की. राजस्व विभाग में रहते हुए ही इटालिया पाटीदार आरक्षण-में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे थे. हार्दिक पटेल के नेतृत्व में 2015 में शुरू हुए इस आंदोलन ने गुजरात में तूफान ला दिया था.

दिल्ली के एक वरिष्ठ आप नेता ने उस समय को याद करते हुए कहा, जब पार्टी दिल्ली के बाहर अपना संगठनात्मक आधार स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रही थी, तब अरविंद केजरीवाल को बाद के आंदोलन के दिनों में ‘इटालिया में प्रतिभा’ नजर आई थी.

इटालिया ‘आप’ और पटेल – तीन साल तक कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद- इसी साल जून में भाजपा में शामिल हो गए. इस पर टिप्पणी करते हुए नेता ने कहा, ‘वह (इटालिया) हार्दिक पटेल के करीबी थे. लेकिन यह दिलचस्प है कि वे आज दो अलग-अलग किनारों पर खड़े हैं.’

डिप्टी सीएम को किया फोन, मंत्री पर फेंका जूता

इटालिया 2017 में उस समय चर्चा में आए जब उन्होंने एक सरकारी कर्मचारी रहते हुए गुजरात के तत्कालीन डिप्टी सीएम नितिन पटेल को राज्य के शराबबंदी कानून के बारे में अपना विरोध जताने के लिए उन्हें फोन किया था.

बातचीत की एक रिकॉर्डिंग वायरल हो गई. इटालिया पर 2014 में पुलिस की नौकरी छोड़ने के बावजूद फोन पर खुद को ‘एलआरडी (लोकरक्षक दल) के जवान’ बताने पर ‘भेष बदलने’ के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.

बाद में उसी साल इटालिया ने राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विधानसभा के बाहर गुजरात के तत्कालीन मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा पर जूता फेंकने के लिए सुर्खियां बटोरीं. घटना के बाद सेवा नियमों के उल्लंघन के आरोप में उन्हें राजस्व विभाग से बर्खास्त कर दिया गया.

अपनी सरकारी नौकरी से बर्खास्त इटालिया एक सामाजिक कार्यकर्ता बन गए.

गुजरात में ‘आप’ के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘वह हमेशा जाति व्यवस्था, हिंदू मंदिरों में हायरार्की और राम कथा जैसे आयोजनों के खिलाफ मुखर रहे हैं. उन्होंने 2018 में ‘कायदा कथा’ नाम का एक आंदोलन शुरू किया, राज्य भर के गांवों की यात्रा की और संविधान पर जनता के साथ जुड़ गए. इससे उन्हें जमीनी स्तर पर एक मजबूत समर्थन आधार बनाने में मदद मिली.’

2020 में आप में शामिल होने के तुरंत बाद इटालिया को पार्टी की गुजरात इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया और वह राज्य अध्यक्ष बनने के लिए रैंकों के जरिए आगे बढ़े. वह दो साल से गुजरात में पार्टी का चेहरा हैं.

उनके नेतृत्व में आप ने पिछले साल सूरत नगर निगम चुनाव में 27 सीटें जीती थीं.

इस साल की शुरुआत में उन्हें गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (जीएसएसएसबी)- जो राज्य सरकार के तहत कुछ पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करता है- के अध्यक्ष के रूप में भाजपा नेता और अहमदाबाद के पूर्व मेयर असित वोरा को हटाने की मांग के विरोध में भाग लेने के लिए गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने 10 दिन जेल में बिताए थे. यह विरोध बोर्ड द्वारा आयोजित उस एक भर्ती परीक्षा के लिए था, जिसे पेपर लीक होने के बाद दिसंबर 2021 में रद्द कर दिया गया था.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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