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Sunday, 22 December, 2024
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जल्द ही IT क्षेत्र में वैश्विक मानदंड स्थापित करेगा भारत, डेटा बिल अगले साल आने की संभावना : वैष्णव

सरकार ने इस साल मानसून सत्र के दौरान पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को वापस ले लिया. उन्होंने जोर देकर कहा कि नया कानून तैयार करते समय उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को महत्व दिया जाएगा.

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अहमदाबाद: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि केंद्र सरकार अगले साल संसद के बजट सत्र में व्यापक तौर से निजी डेटा संरक्षण विधेयक (पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल) लाने की उम्मीद कर रही है. दिप्रिंट के साथ एक विशेष साक्षात्कार में वैष्णव ने इस बारे में बातें कीं कि कैसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का लक्ष्य गुजरात में 27 साल की सत्ता विरोधी लहर और आम आदमी पार्टी (आप) के बढ़ते प्रभाव को रोकना है और साथ ही उन्होंने 5जी नीलामी और भारतीय रेल के आधुनिकीकरण पर भी अपने आतंरिक विचार साझा किये.

डेटा सुरक्षा के मसले पर, वैष्णव – जो रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री हैं – ने कहा कि इस बारे में एक आम सहमति बन रही है कि इंटरनेट के उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) की गोपनीयता की रक्षा करना दुनिया भर की सरकारों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.

अपने जिम्मे वाले एक अन्य मंत्रालय के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय 2026 तक देश की पहली बुलेट ट्रेन शुरू करने के प्रति आश्वस्त है. यहां तक कि इस परियोजना पर जिस गति से काम किया जा रहे है, उससे जापानी भी लोग चकित हैं.


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डेटा संरक्षण विधेयक, 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी

वैष्णव ने दिप्रिंट को बताया, ‘(साल 2017 के) सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, नागरिकों के मौलिक अधिकार अब पूरी तरह से सुरक्षित हैं. हमें उम्मीद है कि हम बजट सत्र में डेटा सुरक्षा पर एक व्यापक विधेयक लाएंगे क्योंकि यह अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है.’

निजी डेटा संरक्षण विधेयक को 11 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था और इसके बाद इसे संसद की एक संयुक्त समिति (जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी – जेपीसी) को भेजा गया था, जिसने 16 दिसंबर, 2021 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी.

हालांकि, सरकार ने इस साल मानसून सत्र के दौरान एक ऐसे नए विधेयक की आवश्यकता का हवाला देते हुए पुराने वाले विधेयक को वापस ले लिया, जो जेसीपी द्वारा सुझाये गए 81 संशोधनों और 12 सिफारिशों के अनुसार ‘व्यापक कानूनी ढांचे में फिट बैठता हो.’

वैष्णव ने कहा, ‘पूरी दुनिया अपने नागरिकों के निजी डेटा के बारे में चिंतित है. ऑनलाइन यूजर्स के डेटा की सुरक्षा पर आम सहमति है. हमें जितना हो सके प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए, लेकिन यूजर्स की सुरक्षा के लिए भी एक तंत्र होना चाहिए. हम भी उसी सिद्धांत – यानि कि अपने यूजर्स की सुरक्षा – के आधार पर नियम बना रहे हैं और नए कानून का मसौदा तैयार कर रहे हैं.’

देश के संचार मामलों के मंत्री ने कहा कि अगस्त में हुई 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के नतीजे सरकार की उम्मीदों से बेहतर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम नीलामी से 80,000-85,000 करोड़ रुपये की (बोली) की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन यह 1.5 लाख करोड़ रुपये से ऊपर चला गया. यह हमारी उम्मीदों से कहीं अधिक था, और बोलियां अधिक पारदर्शी व तेजी से लगाई गई थी, और इसका सामंजस्य बिठाने का काम बहुत आसानी से किया गया था.’

इस नीलामी में रिलायंस जियो, जिसने सभी एयरवेव्स के लगभग आधे हिस्से का अधिग्रहण करने के लिए 88,078 करोड़ खर्च किए, 5G स्पेक्ट्रम के लिए शीर्ष बोली लगाने वाले के रूप में उभरा. 43,084 करोड़ रुपये की विजयी बोली के साथ भारती एयरटेल दूसरे स्थान पर रही.

वैष्णव ने कहा, ‘5जी स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और रसद (लॉजिस्टिक्स) के क्षेत्र में हमारे अनुभव को बदल कर रख देगा.’

उन्होंने कहा, ‘प्रधान मंत्री मोदी ने कहा है कि भारत को दूरसंचार क्षेत्र में वैश्विक रूप से अग्रणी देश होना चाहिए और हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं. 4G और 5G तकनीक के लिए, हमने एंड-टू-एंड स्टैक (सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर को अपना कार्य करने की अनुमति देने के लिए एक साथ काम करने वाले प्रोटोकॉल) बनाए हैं. केवल पांच देशों के पास एंड-टू-एंड तकनीक है और भारत उनमें से एक है.‘

उन्होंने फिर से दोहराया कि केंद्र सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी है. साथ ही, उन्होंने कहा कि बीएसएनएल देश के हर एक गांव को टेलीकॉम ग्रिड से जोड़ने के लिए काम कर रहा है.

उन्होंने कहा कि इस सरकारी दूरसंचार कंपनी में संरचनात्मक सुधार शुरू करने के बाद बीएसएनएल के भीतर संस्थागत पारदर्शिता लाई गई है और अब केंद्र सरकार इसके कानूनी ढांचे में बदलाव लाने पर काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि ‘प्रक्रियात्मक सुधार के नियमों की घोषणा 10-15 दिनों में की जाएगी.’

वैषणव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी ने हमें प्रौद्योगिकी और रेग्युलेशन में अग्रणी बनने का काम सौंपा हैं. उन्होंने कहा था कि भारत को वैश्विक मानदंड (बेंचमार्क) स्थापित करना चाहिए. अन्य देशों को यहां आना चाहिए और भारत से सीखना चाहिए, उन्हें हमारे नियामक और तकनीकी ढांचे की नकल करने के लिए यहां आना चाहिए – यही वे उद्देश्य हैं जो दूरसंचार और आईटी विभागों में हमारे प्रयासों के केंद्र में हैं.’


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बुलेट ट्रेन, ट्रेन स्टेशनों का पुनर्विकास

वैष्णव ने कहा कि उनका मंत्रालय देशभर में 200 रेलवे स्टेशनों को ‘गतिविधियों का केंद्र’ बनाने के लिए उनका फिर से विकसित करने की योजना बना रहा है.

यह कहते हुए कि प्रधानमंत्री मोदी का विजन (दूरदृष्टि) हरेक स्टेशन को ‘सिटी सेंटर’ में बदलना है, उन्होंने बताया कि गुजरात में 18 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है. उन्होंने बताया, ‘सूरत रेलवे स्टेशन, उधना जंक्शन और चार अन्य स्टेशनों पर काम शुरू हो चुका है, जबकि शेष के लिए निविदा जारी की गई है.’

लंबे समय से इंतजार किए जा रहे बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में पूछे जाने पर वैष्णव ने दिप्रिंट को बताया: ‘यह परियोजना 2026 की अपनी तय समय-सीमा के अनुरूप चल रही है. हमने खंबे बिछा दिए हैं और बहुत जल्द ट्रैक (पटरी) को बिछाया जाएगा. यहां तक कि जापानी सरकार भी हमारी गति से चकित है क्योंकि ताइवान में (बुलेट ट्रेन पर) प्रगति हमसे बहुत धीमी रही है.’

उन्होंने कहा कि गुजरात में बुलेट ट्रेन के लिए प्रस्तावित मार्ग के 92 किलोमीटर के रस्ते में खंभे लगाए जा चुके हैं और जल्द ही शेष मार्ग के साथ पटरियां बिछाई जाएंगी.

रेलमंत्री ने इस बात को भी रेखांकित किया कि कैसे वंदे भारत सेवा ने देश में ट्रेन यात्रा को बदल दिया है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी का यह विजन था कि एक आम यात्री को भी विश्वस्तरीय अनुभव मिले. यह (वंदे भारत) भारत में डिजाइन और निर्मित की गई थी और आत्म निर्भर भारत का एक बेहतरीन उदाहरण है.’


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‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’

यह पूछे जाने पर कि क्या आप पार्टी गुजरात में भाजपा के लिए चुनावी चुनौती के रूप में उभर सकती है, वैष्णव ने कहा कि लोगों ने मोदी जी के काम को देखा और उन पर भरोसा किया है, और उन्होंने कहा की आप के साथ ऐसा नहीं है.

उन्होंने कहा,’प्रधानमंत्री जी ने राजनीति में एक नया आयाम स्थापित किया है: सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण. भाजपा की राजनीति ही अंत्योदय की है.

उज्ज्वला योजना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के पीछे का विचार यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी महिला को खाना बनाते समय किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. इसी तरह, उन्होंने सरकार के अन्य कल्याणकारी उपायों, जैसे कि ‘हर घर नल योजना’ पर भी प्रकाश डाला.

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा गुजरात में किसी तरह की सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है, वैष्णव ने दिप्रिंट को बताया, ‘वहां का मूड सत्ता समर्थक है. जब हम राज्य का दौरा करते हैं और लोगों से मिलते हैं तो इसे जमीन पर साफ़ देखा जा सकता है.’

पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यालय में उपसचिव के रूप में काम करने और अब मोदी सरकार में एक मंत्री के रूप में काम करने के अपने अनुभव पर, उन्होंने कहा, ‘हम भाजपा कार्यकर्ता हैं, समय के साथ सब ढल जाते हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )


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