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Monday, 6 May, 2024
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पंश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा सीट पर 5 बजे तक 53% वोटिंग, नतीजे 3 अक्टूबर को

गौरतलब है कि नंदीग्राम सीट से विधानसभा चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भवानीपुर विधानसभा सीट के लिए बृहस्पतिवार को हो रहे उपचुनाव में मतदान प्रतिशत सामान्य रहा.

गौरतलब है कि नंदीग्राम सीट से विधानसभा चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं.

अधिकारियों ने बताया कि शाम पांच बजे तक 53.32 प्रतिशत मतदान हुआ था. निर्वाचन आयोग ने बताया कि शाम छह बजे तक कितना मतदान हुआ इसका आंकड़ा शुक्रवार को उपलब्ध होगा.

उन्होंने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले की समसेरगंज सीट और जांगीपुर सीट पर क्रमश: 78.60 प्रतिशत और 76.12 प्रतिशत का उच्च मतदान दर दर्ज की गई है. अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव के दौरान दो प्रत्याशियों की मौत के कारण इन दो सीटों पर चुनाव रद्द करना पड़ा था.

इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 6,97,164 मतदाता पंजीकृत हैं. मतदान शाम छह बजे तक जारी रहा.

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भवानीपुर सीट पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो बनर्जी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रियंका टिबरेवाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के श्रीजीब बिस्वास से है. निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता के रूप में बनर्जी ने इलाके के मित्रा संस्थान में अपना मत डाला.

विधानसभा क्षेत्र में कुछ जगहों से भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की होने की सूचना मिली है.

टिबरेवाल ने आरोप लगाया कि तृणमूल ने वार्ड संख्या 72 में मतदान केंद्र पर मतदान प्रक्रिया जबरन रोकी और राज्य के मंत्री फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे.

भाजपा ने फिरहाद हाकिम और मुखर्जी के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत भी की है.

हालांकि, हाकिम ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने सवाल किया, ‘क्या सड़क किनारे स्टॉल पर चाय पीने से मतदाता प्रभावित होते हैं ? भाजपा जानती है कि वह उपचुनाव हार जाएगी और अब बहाने बना रही है.’

सत्तारूढ़ दल द्वारा मतदान केन्द्र के अंदर नकली मतदाताओं को लाने के दावों को लेकर भवानीपुर में एक मतदान केन्द्र के बाहर तृणमूल और भाजपा के समर्थकों के बीच मामूली हाथापाई हुई. मतदान केन्द्र पर तैनात सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रित किया.

तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग के पास एक शिकायत भी दर्ज कराई, जिसमें टिबरेवाल पर 20 कारों के काफिले के साथ घूमने और मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया. हालांकि टिबरेवाल ने इन आरोपों से इनकार किया है.

भाजपा ने बाद में आरोप लगाया कि उसके ‘पोलिंग एजेंटों’ को कई मतदान केन्द्रों के अंदर प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा. हालांकि, हाकिम ने कहा कि ऐसे दावे राजनीति से प्रेरित हैं.

एक अन्य घटना में भाजपा नेता कल्याण चौबे की कार को सरत बोस रोड पर कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया. गौरतलब है कि चौबे हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्यूलर के उम्मीदवार सतद्रु रॉय के चुनाव एजेंट के रूप में काम कर रहे थे.

कलकत्ता पुलिस ने घटना के संबंध में निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट सौंपी जिसके बाद आयोग ने इसे राजनीतिक हमला बताने वाली रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया.

समसेरगंज में सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से कुछ घंटे पहले बम फेंके गए. तृणमूल ने इन हमलों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया है, हालांकि पार्टी ने आरोपों को आधारहीन बताकर खारिज किया है.

कांग्रेस ने समसेरगंज सीट के नौ बूथ पर फिर से मतदान कराने की मांग की है.

निर्वाचन आयोग को अभी तक 97 शिकायतें मिली हैं जिनमें से 91 को खारिज कर दिया गया है. इन 97 में से 85 शिकायतें भवानीपुर सीट पर उपचुनाव से जुड़ी हुई थीं.

भाजपा ने भवानीपुर सीट पर बेहद कम मतदान होने को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा इस उपचुनाव को 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी बताए जाने पर व्यंग्य किया.

पार्टी के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘2024 के चुनावों में खुद को नरेंद्र मोदी के विकल्प के रूप में पेश करने की ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी योजना का क्या होगा? उन्होंने भवानीपुर को मिनी-इंडिया बताया था, जो देश को बताएगा कि कैसे भारी संख्या में मतदान करके भाजपा के खिलाफ लड़ना है और उन्हें (ममता) जीत दिलानी है.’

उन्होंने जानना चाहा कि तृणमूल के तमाम नेताओं के ‘दावों का क्या होगा कि ममता बनर्जी एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीतेंगी.’

भाजपा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए हाकिम ने कहा कि उन्हें (भाजपा) अपनी जमानत बचाने पर ध्यान देना चाहिए.

तृणमूल नेता ने कहा, ‘उन्हें चिंता करनी चाहिए कि वे अपनी जमानत बचा सकेंगे या वह भी जब्त हो जाएगी.’

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से हार गई थीं. अब मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें इस उपचुनाव में जीत हासिल करनी होगी. वहीं, दो उम्मीदवारों की मौत के बाद अप्रैल में जंगीपुर और समसेरगंज में चुनाव रद्द करना पड़ा था.

वोटों की गिनती और चुनाव परिणाम की घोषणा 3 अक्टूबर को होनी है.

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