नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की ओर से बृहस्पतिवार को बुलाई गई बैठक में पार्टी के 62 में से 53 विधायकों ने शिरकत की. यह बैठक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से विधायकों को तोड़ने की कथित कोशिश के बारे में चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी. सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
सूत्रों ने बताया कि यह बैठक सुबह 11 बजे शुरू होनी थी और कुछ ही मिनट में संपन्न हो गई.
उन्होंने बताया कि केजरीवाल के आवास पर बुलाई गई बैठक से पहले पार्टी के दिल्ली में सभी 62 विधायकों से संपर्क हो गया था.
सूत्रों ने कहा कि ‘आप’ के कम से कम एक दर्जन विधायकों से बैठक से पहले संपर्क नहीं हो पा रहा था.
मुख्यमंत्री के आवास के बाहर पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों से कहा, ‘हम अपने कुछ विधायकों से संपर्क नहीं कर पाए क्योंकि वे शायद ट्रैफिक में फंस गए थे, लेकिन हम दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि ‘आप’ सरकार नहीं गिरेगी. मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि बैठक में सभी विधायक मौजूद रहेंगे.’
भाजपा विधायकों ने ‘आप’ के विधायकों को तोड़ने के आरोपों को खारिज किया और इसे केजरीवाल नीत पार्टी का लोगों की सहानुभूति हासिल करने का हथकंडा करार दिया.
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि ‘आप’ लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने दिल्ली की आबकारी नीति पर केजरीवाल की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया.
‘आप’ के चार विधायकों ने बुधवार को दावा किया था कि भाजपा नेताओं ने उनसे संपर्क कर पाला बदलने की पेशकश की है और उन्हें बताया गया था कि भाजपा केजरीवाल नीत पार्टी के 20-25 विधायकों से संपर्क बनाए हुए है.
इसके अलावा शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित होगा. यह सत्र दिल्ली सरकार के मंत्रियों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच और छापेमारी तथा भाजपा की ओर से उसके विधायकों को कथित रूप से ‘तोड़ने’ की कोशिशों को लेकर बुलाया गया है.
इस बीच भाजपा ने ‘आप’ को उन लोगों के नाम उजागर करने की चुनौती दी है, जिन्होंने पार्टी बदलने की पेशकश के साथ उसके विधायकों से कथित रूप से संपर्क किया है. उसने आरोप लगाया कि केजरीवाल नीत पार्टी दिल्ली सरकार के शराब ‘घोटाले’ से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
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