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Wednesday, 20 November, 2024
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आप स्ट्रेच मार्क्स को ख़त्म नहीं कर सकते, लेकिन इन तरीकों को अपनाकर उनसे बच सकते हैं

गर्भवती महिलाओं को शुरुआत से ही सावधान रहने की ज़रूरत है. पानी पीते रहना इसके लिए काफी महत्त्वपूर्ण होता है.

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खिंचाव के निशान यानि स्ट्रेच मार्क्स या स्ट्राइ (लाइन जैसा निशान) एक सामान्य तौर पर होने वाले त्वचा के दाग हैं जो किसी के भी आत्मविश्वास को कम कर सकते हैं, खासकर अगर वे शरीर के खुले हिस्सों पर दिखाई देते हैं तो. यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में आम है और कई लोगों में इसकी वजह से काफी तनाव भी देखने को मिलता है. तेजी से वजन बढ़ना या घटना, लंबे समय तक मोटापा, मांसपेशियों की अतिवृद्धि, जो अक्सर बॉडीबिल्डरों द्वारा अनुभव की जाती है, कुशिंग सिंड्रोम जैसे एंडोक्राइनोपैथिस और स्तन वृद्धि के परिणामस्वरूप स्ट्रेट मार्क्स आ सकते हैं.

इसके अलावा, 50 से 90 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में ये प्रेग्नेंसी से 6ठें से 9वें के दौरान डेवलेप हो जाते हैं. स्ट्रेच मार्क्स टॉपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के उपयोग और दुरुपयोग का एक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जो सूजन और जलन को कम करने वाला व्यापक रूप से उपलब्ध मरहम है. जिम जाने वाले लोग जो टिश्यू एक्सपैंडर्स का उपयोग करते हैं, उन्हें भी स्ट्रेच मार्क्स की शिकायत होती है.

ये कटफटी धारियों के निशान त्वचा के खिंचने का संकेत हैं – शरीर में विभिन्न शारीरिक-जैव रासायनिक परिवर्तनों के कारण त्वचा के अचानक कसने या ढीले होने का परिणाम. स्ट्रेच मार्क्स विभिन्न प्रकार के होते हैं: स्ट्राइ एट्रोफिकन्स (पतली त्वचा), स्ट्राइ ग्रेविडेरम (गर्भावस्था के बाद के निशान), स्ट्राइ डिस्टेन्साइ (खिंची हुई त्वचा), स्ट्राइ रूब्राइ (लाल धारियां), स्ट्राइ अल्बाइ (सफेद धारियां), स्ट्राइ नाइग्रा (काली धारियां) और स्ट्राई केरुलिया (गहरा नीला).

स्ट्राइ रूब्रा त्वचा पर गुलाबी, बैंगनी या लाल रेखाओं में प्रकट होती है, साथ में खुजली भी होती है. इन स्ट्रेच मार्क्स की आसानी से थेरेपी की जा सकती है और यदि आप सही स्टेज में डॉक्टर के पास पहुंचते हैं तो इनका इलाज किया जा सकता है. बैंगनी या लाल धारियां समय के साथ सफेद या चांदी जैसे रंग में बदल सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्ट्राइ अल्बाइ होता है, जो शरीर पर कम दिखाई देता है लेकिन इलाज करना अधिक कठिन होता है.


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आप क्या कर सकते हैं

जेनेटिक्स, त्वचा के प्रकार और त्वचा की देखभाल के तौर-तरीको के आधार पर स्ट्रेच मार्क्स का होना कई कारकों पर निर्भर करता है.

स्ट्रेच मार्क्स को बढ़ने से रोकने और त्वचा की इलास्टिसिटी में सुधार करने के लिए, सही वजन बनाए रखना, पानी पीते रहना और अपनी त्वचा को नियमित रूप से मॉइस्चराइज़ करना महत्वपूर्ण है. जोजोबा ऑयल, नारियल तेल, बादाम तेल, कोको या शिया बटर युक्त क्रीम का प्रयोग करें. यदि आप आर्द्र जलवायु वाले स्थान पर रहते हैं, तो ऐसे मॉइस्चराइज़र आज़माएं जो आपकी त्वचा के प्रकार के लिए उपयुक्त हों. नहाने के लिए ग्लिसरीन युक्त साबुन का प्रयोग करें जो आपकी त्वचा को बाथिंग सोप की तुलना में बेहतर हाइड्रेट करता हो. लगातार और सक्रिय रूप से त्वचा की देखभाल करना इसके लिए रामबाण है.

मसल-बिल्डिंग एक्सरसाइज़ भी फायदेमंद हो सकते हैं. आपके द्वारा नियमित रूप से ली जाने वाली कोई भी दवा स्ट्रेच मार्क्स को डेवलेप करने में योगदान कर सकती है. स्ट्रेच मार्क्स के इलाज और उन्हें स्थाई निशान बनने से रोकने के लिए किसी भी टॉपिकल ट्रीटमेंट या ओवर-द-काउंटर क्रीम या तेल का उपयोग करने से पहले एक हेल्थकेयर प्रोफेशनल या त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श ज़रूर लें.



गर्भवती महिलाएं, ध्यान रखें

गर्भवती महिलाओं को शुरुआत से ही सावधानी बरतने की ज़रूरत है. धीरे-धीरे वजन बढ़ाने के लिए हल्के व्यायाम के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें. प्रसव के समय सफेद हो जाने वाले स्ट्रेच मार्क्स का इलाज करना मुश्किल होता है या फिर कई बार वे इलाज योग्य भी नहीं रह जाते. स्ट्रेच मार्क्स से बचने के लिए कुछ सरल उपाय पर्याप्त पानी पीना, नियमित रूप से शरीर पर जोजोबा ऑयल, नारियल तेल या विटामिन ई मरहम लगाना और संतुलित आहार का सेवन करना शामिल है. अधिक फल, सब्जियां और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें. विटामिन और खनिजों, विशेष रूप से विटामिन सी और ई का सेवन बढ़ाने का प्रयास करें, जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं. अपनी त्वचा को सूखने न दें, और यदि आपको लाल धारियां दिखाई दें, तो उन पर तेल लगाना शुरू कर दें.

स्ट्रेच मार्क्स वाले क्षेत्रों की धीरे-धीरे मालिश करने से रक्त परिसंचरण और त्वचा के लचीलेपन को बढ़ावा मिल सकता है. अपने डॉक्टर या त्वचा विशेषज्ञ द्वारा अनुशंसित विशेष गर्भावस्था क्रीम या तेल का उपयोग करें, विशेष रूप से पेट और स्तन जैसे क्षेत्रों में. आरामदायक और सपोर्टिव कपड़े पहनने से त्वचा पर रगड़ और दबाव को कम किया जा सकता है.

सूरज की यूवी किरणों की वजह से दाग और अधिक दिखने लगते हैं, इसलिए उच्च एसपीएफ़ वाला सनस्क्रीन यूज़ करना सबसे अच्छा है. अन्यथा, जब आप बाहर हों तो शरीर के जो अंग खुले हों उन्हें ढक सकते हैं.

याद रखें कि स्ट्रेच मार्क्स को ख़त्म नहीं किया जा सकता. त्वचा की लगातार देखभाल केवल उन्हें हल्का करने में मदद कर सकता है और पूरी स्किन हेल्थ में सुधार करने में मदद कर सकता है. परिणाम अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए अपनी त्वचा की देखभाल की दिनचर्या को लगातार फॉलो करना और धैर्यवान बने रहना आवश्यक है. क्रायोथेरेपी, केमिकल पील्स और माइक्रोडर्माब्रेशन जैसे उपचार ऐसे विकल्प हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं. टॉपिकल ट्रेटिनॉइन 0.05% क्रीम मददगार है, लेकिन केवल शुरुआती चरणों में.

और यदि आपका स्थायी स्ट्रेच मार्क नहीं जा रहा है, तो उस पर टैटू भी बनवाया जा सकता है!

(डॉ. दीपाली भारद्वाज एक त्वचा विशेषज्ञ, एंटी-एलर्जी विशेषज्ञ, लेजर सर्जन और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित सौंदर्यशास्त्री हैं. उनका एक्स हैंडल @dermatdoc है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.)

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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