scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होममत-विमतविपक्ष की एकजुटता के अलावा और भी बहुत कुछ है जो भाजपा को पहुंचा रही है नुकसान

विपक्ष की एकजुटता के अलावा और भी बहुत कुछ है जो भाजपा को पहुंचा रही है नुकसान

Text Size:

मोदी-शाह जोड़ी की जुझारू शक्ति को कम नहीं आकना चाहिए,परन्तु 2019 अब एक वास्तविक प्रतियोगिता की तरह नजर आ रहा है।

पिछले आठ महीनों में सम्पन्न हुए 10 लोकसभा उप-चुनावों के नतीजे एक बात स्पष्ट करते हैं: यह सिर्फ गैर-बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) पार्टियों का एक साथ चुनाव में आना नहीं है जिसने भाजपा के सीटो के आकड़ो को 10 सीटो में से मात्र एक सीट पर समेट दिया है यह 2014 के लोकसभा चुनावों के बिलकुल विपरीत है कयोंकि पार्टी इन्हीं 10 सीटो में से आठ में विजयी थी। विपक्षी एकता एक आवश्यक कारक रहा है, परन्तु सिर्फ विपक्षी एकजुटता ही है जो उप चुनाव में आये परिणामो में थोडा ही अंतर बना पायी है। बीजेपी के लिए हार का एक दूसरा कारण पार्टी के आधारभूत वोट का महत्वपूर्ण कटाव है। समान रूप से, यद्दपि एक घटते हुए आधार के साथ बीजेपी जीत सकती थी यदि विपक्ष विभाजित होता। प्रत्येक अवस्था बीजेपी की पराजय के लिये आवश्यक थी परन्तु पर्याप्त नहीं थी, यह दो कारकों का संयुक्त प्रभाव ही है जिसने यह अंतर बनाया है।

2014 में बीजेपी ने 10 में से 6 सीटो पर जीत हासिल करी अधिक्ता से नहीं बल्कि पूर्ण बहुमत से। जो की डाले गए मतों के 50 प्रतिशत से अधिक था। अन्य दो सीटो पर पार्टी का वोट प्रतिशत बहुमत के रूप में कम था, फुलपुर में 48.7 प्रतिशत और गुरदासपुर में 46.3 प्रतिशत। 2014 में विपक्षी एकता ने इन दो सीटो पर या इस तरह की और सीटों के परिणामों को ले कर बहुत कम या ना के बराबर का अंतर बना पता ,क्योंकि उनका संयुक्त वोट शेयर आधे से भी कम होता। यदि बीजेपी आज, 2014 के मतदान के आधार को बरकरार रखती तो पिछले आठ महीनों के उप-चुनावों में संयुक्त विपक्ष भी बहुत कम प्रभाव डाला पाता।

सावधानी के साथ इस तरह के विश्लेषण को प्रस्तावित करना चाहिए। उप-चुनाव के परिणाम सत्ता पार्टी के खिलाफ जाते हैं, और उन स्थानीय मुद्दों को जो चुनावों के विपरीत हैं और अधिक प्रभाव रखते हैं (कैराना में गन्ना उत्पादकों की शिकायतों की तरह)। अधिकांशतः सरकार के बड़े नेता अभियान में नहीं जाते हैं। फिर भी, बीजेपी का 2014 की तुलना में हुआ वोट शेयर का नुकसान आश्चर्यजनक है। राजस्थान के अलवर और अजमेर में, पार्टी का वोट शेयर क्रमश: 35 प्रतिशत और 20 प्रतिशत तक घट गया है औए साथ ही गुरदासपुर में 22 प्रतिशत तक। गोरखपुर में वोट शेयर का नुकसान अपेक्षाकृत कम (9 प्रतिशत) रहा है, इसलिए समाजवादी पार्टी से हार भी अपेक्षाकृत कम अंतर से थी।

पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य है जहाँ भाजपा को कुछ सांत्वना प्राप्त हो सकती है,जहां उलुबेरिया निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी ने कम्युनिस्टों को तृणमूल कांग्रेस के मुख्य विपक्ष की जगह से हटा दिया है ।2014 में, कम्युनिस्टों ने भाजपा के ढाई गुना  वोट प्राप्त किये लेकिन अब मतों के मामले में वे तीसरे पायदान पर खिसक गए हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि केरल के चेंगानूर विधानसभा क्षेत्र में, बीजेपी तीसरे स्थान पर आने के बावजूद दुसरे स्थान पर आयी कांग्रेस से अधिक पीछे नहीं है।सच्चाई यही है की 10 सीटो में से 3 सीटे जीतने के बावजूद भी कांग्रेस की स्थिति बढ़िया नहीं है – उन तीन सीटों में गुरदासपुर में एक और दो राजस्थान में हैं।अन्य जगहों पर, अलग अलग निर्वाचन छेत्रों में जहां लगभग दस लाख लोगों ने मतदान किया , कांग्रेस की वोटों की संख्या 25,000 भी नहीं रही। कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में इसकी संख्या पर नजर डालते हैं : 18,858, 19,353 और 23,109। पालघर में, पार्टी चौथे स्थान पर रही।

10 निर्वाचन क्षेत्र जहाँ उपचुनाव आयोजित किए गए हैं, ऐसे राज्यों में हैं जिनमें लगभग 235 लोकसभा सीटें हैं,जो कुल सीटों के 40 प्रतिशत से ज्यादा है। जिस प्रकार के नतीजे रहे हैं उनसे यह एक निर्णायक संकेत तो नहीं लग रहा। दूसरी तरफ, परिणाम छह अलग-अलग राज्यों में से हैं जहां भाजपा की एक मजबूत उपस्थिति है, जबकि कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के एक साथ आने से भाजपा द्वारा 2014 में जीती गईं 17 सीटों में से कई कम हो सकती हैं। किसी को भी मोदी-शाह जोड़ी की जुझारू शक्ति को कम नहीं समझना चाहिए, लेकिन 2019 का चुनाव अब असली प्रतियोगिता लगती है। 2014 की पुनरावृत्ति नहीं होगी अगर भाजपा को 31 प्रतिशत जो कि पहले से ही कम वोट शेयर है में गिरावट का सामना करना पड़ा, और साथ ही एकजुट विपक्ष का सामना भी करना है।

नोट: इस विश्लेषण में नागालैंड और श्रीनगर उप-चुनावों के नतीजे शामिल नहीं हैं, दोनों स्थानीय पार्टियों द्वारा जीते गये हैं जिनके पास बड़ी राष्ट्रीय प्रासंगिकता नहीं है।

Read in English :  There’s more to the BJP’s losses than just opposition unity

 

share & View comments