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Sunday, 22 December, 2024
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2024 के अमेरिकी चुनाव ट्रंप पर जनमत संग्रह साबित होने वाला है, इससे बाइडेन को ही फायदा होगा

दक्षिण कैरोलिना रिपब्लिकन पार्टी के अधिकांश लोगों ने ट्रंप का समर्थन किया है. यह 2024 के इलेक्शन में ट्रंप के व्यक्तित्व और रिपब्लिकन मतदाताओं पर पकड़ की ओर इशारा करता है.

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यह संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए सबसे असामान्य राष्ट्रपति चुनाव साबित हो रहा है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लगातार तीसरी बार रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार बनने की राह पर हैं. हालांकि इस चुनाव के नतीजे की भविष्यवाणी करना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसमें कांटे की टक्कर होगी.

दोनों प्रमुख पार्टियों के राष्ट्रपति पद के हारे हुए उम्मीदवार आमतौर पर इतिहास में कहीं खो से जाते हैं. हालांकि ऐसा हुआ है कि हारे हुए उम्मीदवार भी दोबारा प्रयास करते हैं, लेकिन, कम से कम हाल के अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में, ऐसा नहीं हुआ कि राष्ट्रपति के पद पर रह चुके व्यक्ति को हारने के बाद दोबारा इस पद के लिए नॉमिनेट किया गया हो..

लेकिन ट्रंप अपवाद साबित हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत और दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार निक्की हेली उनका मुकाबला करने वाली एकमात्र शख्स हैं. हालांकि, हेली आयोवा और न्यू हैम्पशायर दोनों में नोमिनेशन प्रतियोगिता हार गईं और अपने गृह राज्य दक्षिण कैरोलिना में भी हारने की राह पर हैं, जहां फरवरी के अंतिम सप्ताह में नामांकन किया जाएगा. वह कितने समय तक दौड़ में बनी रहेंगी, यह कह पाना मुश्किल है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उनके पास कुछ समय तक इसे जारी रखने के लिए पर्याप्त धन है, जिसमें कंज़रवेटिव कोच नेटवर्क एक प्रमुख समर्थक है.

जहां फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डिसेंटिस जैसे अन्य प्रमुख चुनौती देने वाले रिपब्लिकन बाहर हो गए हैं और ट्रंप का समर्थन किया है, वहीं हेली ने पूर्व राष्ट्रपति पर अपने हमले तेज कर दिए हैं. यह एक बदलाव है क्योंकि, ट्रंप को चुनौती देने वाले अन्य विरोधियों की तरह, हेली भी एक समय ट्रंप पर सीधे निशाना साधने से बच रही थीं.

हेली के ट्रंप को हराने की संभावना नहीं है

हेली का अंतिम खेल क्या होगा यह स्पष्ट नहीं है क्योंकि उसके ट्रंप को हराने में सक्षम होने की अत्यधिक संभावना नहीं है. वर्तमान में, आयोवा और न्यू हैम्पशायर दोनों में हार का स्वाद चखने के बाद, दक्षिण कैरोलिना में मतदान औसत में ट्रंप से लगभग 30 अंक पीछे चल रही है. दक्षिण कैरोलिना रिपब्लिकन पार्टी के अधिकांश लोगों ने ट्रंप का समर्थन किया है, हालांकि हेली वहां की गवर्नर रह चुकी हैं. लेकिन यह इस बात का भी संकेत देता है कि 2024 के इलेक्शन में क्या प्रमुख मुद्दे रहने वाले हैं: ट्रंप का व्यक्तित्व लेकिन रिपब्लिकन मतदाताओं पर उनकी पकड़ भी.

2016 में, ट्रम्प ने दावा किया कि उनके समर्थक इतने वफादार हैं कि वह फिफ्थ एवेन्यू के बीच में किसी को गोली मार सकते हैं लेकिन मतदाताओं को नहीं खो सकते. आठ साल बाद, पूरे अमेरिकी राजनीतिक स्पेक्ट्रम में उनके विरोधियों की हताशा के कारण, यह अंध-वफादारी रिपब्लिकन मतदाताओं की विशेषता बनी हुई है. इस प्रकार, ट्रंप के विरोधियों को उनके व्यक्तिगत, नैतिक मूल्यों की खामियों, 2020 के चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश में उनकी भूमिका, उनकी बढ़ती कानूनी परेशानियों और उनकी सरासर मूर्खता के बावजूद, उनकी आलोचना किए बिना उनसे लड़ना पड़ा, ताकि वे इन मतदाताओं को खो न दें.

हेली के पास केवल तभी मौका है जब कोई स्वास्थ्य समस्या ट्रंप की उम्मीदवारी को कमजोर कर दे – आखिरकार, वह 77 साल के हैं. लेकिन यह काफी कमज़ोर वजह है जिस पर प्राथमिक उम्मीदवारी को आधार बनाया जा सकता है, और देर-सबेर उनके भी घुटने टेकने की संभावना है.


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डेमोक्रेट अनिच्छा से बाइडेन का समर्थन करते हैं

डेमोक्रेट्स के पक्ष में, निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रदर्शन से काफी नाखुशी के बावजूद, पार्टी उनके साथ बनी हुई प्रतीत होती है. पिछले साल इस बात के कुछ शुरुआती प्रयास किए गए थे कि बाइडेन पद छोड़ दें, लेकिन इस स्तर पर, ऐसा होने की संभावना कम है. ट्रंप के खास वोटर्स की उनके प्रति गहरी निष्ठा के विपरीत, यहां तक कि उनके समर्थकों के बीच भी बाइडेन के प्रति एक अनिच्छा भरी स्वीकृति है.

दोनों पार्टियों के अलावा, मतदाताओं की खुद की डेमोक्रेट या रिपब्लिकन के रूप में पहचान के बजाय स्वतंत्र पहचान एक प्रमुख निर्णायक कारक होगा. हाल के जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, खुद को डेमोक्रेट मानने वाले वोटर्स की संख्या अब घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर 27 फीसदी रह गई है जो कि रिपब्लिकन के बराबर है, जबकि स्वतंत्र वोटर्स की संख्या अब अमेरिकी मतदाताओं में 43 प्रतिशत हैं. इस प्रकार, निर्दलीय दोनों पार्टियों की नज़र इन्हीं स्वतंत्र वोटर्स पर है, हालांकि रिपब्लिकन को थोड़ी बढ़त मिलती दिख रही है. आने वाले महीनों में आम चुनाव अभियान तेज़ होने पर इसमें बदलाव हो सकता है.

बाइडेन के सामने एक समस्या यह है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर दो गुटों के बीच युद्ध हो रहा है, और यहां तक ​​कि ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने की संभावना भी उन्हें अभी तक एकजुट नहीं कर पा रही है. अवैध अप्रवास, दक्षिणी सीमा पर नियंत्रण और गाजा में युद्ध जैसे मुद्दों पर डेमोक्रेट्स का प्रगतिशील धड़ा बाइडेन से बेहद निराश है. यह संभव है कि वर्ष के अंत में ट्रंप की चुनावी जीत की संभावना और बढ़ने पर वे उनका समर्थन करने के लिए तैयार हो जाएंगे. लेकिन यह बाइडेन कैंपेन के लिए एक और सिरदर्द जैसा है.

एक अन्य मुद्दा अमेरिकी अर्थव्यवस्था है, जिसमें विकास और रोजगार सृजन की दोनों की संख्या बढ़ी है लेकिन यह बाइडेन के समर्थकों की संख्या में तब्दील नहीं हुई है. यह संभव है कि एक आर्थिक प्रबंधक के रूप में उनके प्रति जो धारणा है वह समय के साथ बदल जाएगी. वास्तव में, यह बाइडेन के अभियान के लिए बहुत अच्छी खबर होगी यदि आर्थिक कल्याण के बारे में सकारात्मक भावनाएं साल के अंत में, जब चुनाव होने वाले हैं तब बाइडेन के पक्ष में बदलने लगें.

ट्रंप पर जनमत संग्रह

दूसरा कारक जो कि बाइडेन के पक्ष में है वह यह है कि यह चुनाव तेजी से ट्रम्प पर जनमत संग्रह बनता जा रहा है. हालांकि ऐसा प्रतीत होता है कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप कि खिलाफ विभिन्न मुकदमों ने उनके प्रति समर्थन को बढ़ाया है, वह पारंपरिक रिपब्लिकन सहित एक गहरे विभाजनकारी व्यक्ति भी हैं. ओपिनियन पोल में ट्रंप अभी भी थोड़ी बढ़त बनाए हुए हैं. इसमें न केवल राष्ट्रीय चुनाव बल्कि प्रमुख ‘युद्धक्षेत्र’ राज्य भी शामिल हैं. यह महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव राष्ट्रीय लोकप्रिय वोट के बजाय राज्य दर राज्य तय होता है. प्रमुख युद्धक्षेत्रों में, जो संभावित रूप से चुनाव का फैसला करेंगे, नवीनतम सर्वेक्षण औसत के अनुसार, बाइडेन केवल पेंसिल्वेनिया में आगे चल रहे हैं, जबकि ट्रंप विस्कॉन्सिन, नेवादा, जॉर्जिया, एरिजोना और मिशिगन में आगे चल रहे हैं.

हालांकि, आयोवा और न्यू हैम्पशायर की जीत में भी ट्रम्प के लिए चेतावनी के संकेत थे. हेली को वोट देने वाले बड़ी संख्या में निर्दलीय और यहां तक कि रिपब्लिकन ने भी सर्वेक्षणकर्ताओं से कहा कि वे नवंबर में आम चुनाव में ट्रम्प के बजाय बाइडेन को वोट देना पसंद करेंगे. इस प्रकार, हालांकि ट्रम्प को रिपब्लिकन पार्टी द्वारा आसानी से नॉमिनेशन मिलने की संभावना है, लेकिन आम चुनाव में यह और अधिक कठिन हो जाता है, क्योंकि निर्दलीय और कुछ रिपब्लिकन उनके खिलाफ मतदान करेंगे.

यह राष्ट्रपति चुनाव इस मायने में भी कुछ अनोखा है कि चूंकि दोनों पार्टियों के उम्मीदवार पहले से ही तय हैं, इसलिए चुनाव प्रचार सामान्य से कहीं अधिक लंबा होगा. विवादों रहने वाले ट्रंप, उनका रवैया, भाषा और निरंतर कोर्ट केस को देखते हुए, ज्यादातर इंडिपेंडेंट लोगों द्वारा बाइडेन को वोट देने की संभावना है, क्योंकि वे ट्रंप का एक और राष्ट्रपतित्व काल नहीं चाहते हैं. बाइडेन के प्रति वे चाहे जितना निराश हों, जैसा कि ज्यादातर डेमोक्रेट्स भी महसूस करते हैं, ट्रंप के प्रति उनकी नापसंदगी और एक और विवादों भरा राष्ट्रपति के कार्यकाल का डर उन्हें बाइडेन की ओर खींच सकता है. यही कारण है कि ट्रंप पर ध्यान केंद्रित करने और उन पर जनमत संग्रह कराने वाले चुनाव से बाइडेन को लाभ होने की संभावना है.

(लेखक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के प्रोफेसर हैं. उनका एक्स हैंडल @RRajagopalanJNU है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.)

(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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