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Friday, 26 April, 2024
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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव: मोदी जी को गुस्सा क्यों आता है?

राज्य विधानसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी का प्रचार आशा की बजाय अस्वाभाविक गुस्से पर केंद्रित होता दिख रहा है.

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पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश गए. उन्होंने कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में चुनावी बिगुल फूंका. छिंदवाड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का गढ़ है जहां से रिकॉर्ड 9 बार चुनाव जीत चुके हैं और ग्वालियर ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ है जहां से वे चार बार चुनाव जीत चुके हैं. इसके अलावा मोदी शहडोल और इंदौर में भी गए. इन सभी जगहों पर मोदी के स्वागत में भारी भीड़ उमड़ी.

मोदी यह जानते हैं कि राजस्थान में लड़ाई कठिन है और कुछ लोग कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश में भी कांटे की टक्कर है. छत्तीसगढ़ में दोनों चरणों का मतदान हो चुका है. मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान है जहां पर भाजपा 15 साल से शासन में है.

गौर करने वाली बात है कि आम तौर पर मोदी विरोधियों को नीचा दिखाने के लिए जिस तरह मजाकिया अंदाज में उनकी हंसी उड़ाते हैं, उसके बजाय असाधारण गुस्से में दिख रहे हैं.

यह सब छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से शुरू हुआ जब ऐसा लगा कि प्रधानमंत्री शशि थरूर के उस बयान से चिढ़ गए हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि नेहरू ने ऐसे बेहतर लोकतंत्र की नींव रखी कि एक चायवाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है.


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मोदी ने कहा, ‘जब वे आपसे पूछें कि यह सड़क क्यों नहीं बनीं, आप उनसे पूछिए कि आपने 55 सालों में क्या किया. उनसे पूछिए कि आपकी चार पीढ़ियां सत्ता में रही हैं, आपने यह काम क्यों नहीं किया? क्या आपने पानी का पाइप बिछाया? क्या आपके नाना-नानी और दादा-दादी ने ऐसा किया?

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इस चुनाव में कांग्रेस परिवार पर हमला गौर करने लायक है. राहुल गांधी ‘नामदार’ हैं, मोदी कभी उनका नाम नहीं लेते, जबकि सोनिया गांधी को वे सीधे से ‘मैडम’ कहते हैं.

मोदी ने मध्य प्रदेश में एक रैली के दौरान कहा कि ‘नामदार’ जहां भी जाते हैं, हर गली-मोहल्ले में, वे कहते हैं कि कांग्रेस उज्जैन में मोबाइल फैक्ट्री लगवाएगी, कांग्रेस छिंदवाड़ा में मोबाइल की फैक्ट्री लगवाएगी या ग्वालियर में लगवाएगी… क्या कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इसे शामिल किया है.’

मोदी ने कहा, ‘जब मैडम की रिमोर्ट कंट्रोल की सरकार थी, तब मोबाइल फैक्ट्री सिर्फ दो थीं, जब से चायवाले की सरकार आई है, तबसे कितना विकास हुआ है?

ऐसा लगता है कि थरूर की उच्चवर्गीय ‘चायवाले’ वाली टिप्पणी, जिसमें शिष्टता नहीं है, प्रधानमंत्री को चुभ गई है.

​मध्य प्रदेश के शहडोल में प्रधानमंत्री ने फिर से कहा, ‘मैं आपको चुनौती दे रहा हूं कि चार दशक के आपके काम की चायवाले के चार साल के काम से तुलना कीजिए.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुंह में राम, बगल में छुरी.’

मोदी ने कहा, राहुल गांधी कहते हैं कि वे प्रेम की राजनीति करते हैं. लेकिन वे यहां मध्य प्रदेश में सिर्फ लोगों को उकसाने का काम कर रहे हैं. ‘मोदी ने यह नहीं किया, शिवराज ने यह नहीं किया.’ अगर वे कहते हैं कि मध्य प्रदेश में सड़कें क्यों नहीं हैं, स्कूल क्यों नहीं हैं, उनसे पलट कर पूछिए कि आपने 55 साल में क्या किया? जब कांग्रेस ने खुद ही कुछ नहीं किया तो वे अब क्यों पूछ रहे हैं कि काम क्यों नहीं हुआ?’

प्रधानमंत्री ने पूछा, ‘तब तुम्हारे दिमाग को ताला लग गया था क्या? क्या आपको पहली बार विकास का मतलब समझ में आया है?’ उन्होंने आगे कहा, ‘झूठ के शहंशाह कितना झूठ बोलते हैं. यहां ​त​क कि रात में सोते हुए नींद में भी वे बात करते हैं तो झूठ बोलते हैं.’


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यह नहीं पता है कि प्रधानमंत्री के वोटर पूछते हों कि ‘प्रधानमंत्री को गुस्सा क्यों आता है.’ यह भी नहीं पता है कि उनका गुस्सा वोटरों को उनके पक्ष में वोट देने को प्रेरित करता है.

ध्यान दें कि थरूर की ‘चायवाला’ से संबंधित टिप्पणी, जिससे बचा जा सकता था, पानी में आग नहीं लगा पाई. याद कीजिए 2014 के चुनाव के पहले मणिशंकर अय्यर की अशिष्ट टिप्पणी ने लोगों में कैसा विद्वेष फैलाया था कि तमाम लोगों ने जाकर इसलिए मोदी को वोट किया क्योंकि उन्हें अय्यर का बयान पसंद नहीं आया था.

अब मोदी की छत्तीसगढ़ में वह टिप्पणी काफी चर्चित हुई है जिसमें उन्होंने कहा कि कैसे कांग्रेस ने सीताराम केसरी को ‘बाथरूम में बंद कर दिया था’, उन्हें पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया था, उन्हें ‘फुटपाथ पर फेंक दिया और मैडम ​सोनिया ने उनकी जगह ले ली’.

जबकि तथ्य यह है कि सीताराम केसरी दलित नहीं, बल्कि वे बनिया जाति से आते हैं.

मोदी ने मध्य प्रदेश की दयनीय दशा के लिए 15 साल पहले शासन कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर भी हमला ​बोला. उन्होंने पूछा, ‘दिग्गी राजा ने 15 साल पहले क्या किया था? आपने उन्हें उखाड़कर फेंक दिया. नहीं फेंका?’ जनता ने समर्थन में खुश होते हुए शोर मचाया.

मोदी ने मतदाताओं को यह बार बार याद दिलाया कि 15 साल पहले जब मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे तो प्रदेश की क्या दयनीय हालत थी. जैसे कि वे लोगों से बता रहे हों कि अगर आपने कांग्रेस के लिए वोट किया तो वे काले और डरावने दिन फिर से वापस लौट आएंगे.

लेकिन मोदी ने बड़ी चतुराई से गुस्से को आशा से भी जोड़ा. उन्होंने कहा, ‘जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और मध्य प्रदेश में शिवराज ​मुख्यमंत्री थे, दिल्ली में बैठी कांग्रेस सरकार ने सरदार सरोवर बांध का काम रोक दिया था, लेकिन हमने काम को तेजी से आगे बढ़ाया. मैं आपसे वादा करता हूं कि अगर आप हमें फिर से वोट देते हैं तो मैं मध्य प्रदेश के इंजन को दिल्ली के इंजन से जोड़ दूंगा और आपके सारे सपने सच होंगे.’

मोदी ने बार बार दोहराया कि नोटबंदी से कांग्रेस को बहुत गुस्सा आया क्योंकि उन्होंने वर्षों से जो दौलत बटोरकर रखी थी, रातोंरात सब बेकार हो गई. उन्होंने कहा, लेकिन ‘यह मलाई खाने के खिलाफ मेरी लड़ाई है.’

मोदी ने मध्य प्रदेश में कहा, ‘नोटबंदी के कारण कोई रो रहा है? कांग्रेस रो रही है क्योंकि चार दशक में बटोरी गई उनकी संपत्ति चली गई.’

और अंत में ग्वालियर में उन्होंने भीड़ से अपील की, ‘हम कांग्रेस को मध्य प्रदेश में कदम नहीं रखने देंगे, यह हमारा वादा है. इतिहास कांग्रेस के 55 साल और भाजपा के 15 साल का गवाह है.’

मध्य प्रदेश में एक बात स्पष्ट है कि अगर नाराज नरेंद्र मोदी शिवराज सिंह चौहान की नैया पार लगा पाते हैं तो उनके पास पूरा मौका है.

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