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Friday, 19 April, 2024
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इमरान खान ने सही कहा था मोदी कश्मीर मामले को हमेशा के लिए सुलझा देंगे : रेहम खान

यदि पाकिस्तान भारत को कश्मीर उपहार में देने वाला था, तो 70 साल तक लोगों को परेशानी में क्यों डाला?

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जब आप सोचते हैं कि स्थिति और ज्यादा बुरी नहीं हो सकती लेकिन तभी कोई मज़बूत व्यक्ति आपको अपनी कूटनीति से चकित कर देता है. ऐसी नीति मानवता के लिए भी चिंताजनक हो सकती है.

जब मैंने हमारे क्रिकेटर हीरो इमरान खान को कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए वाइट हाउस में देखा तो मुझे पता था ये बस कुछ समय के लिए जश्न है. उसके बाद परिणाम बहुत भयानक होंगे.

भारत ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा घटाकर कुटनातिक और रणनीतिक जीत हासिल की है. रातों रात जम्मू-कश्मीर का भूगोल बदल दिया गया. उसे राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया और उसकी स्वायत्तता छीन ली गई.

अभी तक घाटी का पूरे विश्व से संपर्क बंद है. कुछ खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि लोगों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार भी किया गया है.

मानवता के पहलू से देखें तो घाटी में नागरिक स्वतंत्रता का हनन हो रहा है. लेकिन साम्राज्य स्थापित करने की नीति सफल हो गई है. हम जितना चाहे रो सकते हैं लेकिन हम चकित क्यों हो रहे हैं?

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मोदी ने अपना वादा निभाया

नरेंद्र मोदी को हम पसंद करें या उनसे घृणा करें लेकिन उन्होंने जो वादा किया था वो पूरा करके दिखा दिया है. उनकी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में लोगों से वादा किया था कि अगर वो दोबारा सत्ता में आए तो अनुच्छेद-370 को हटा देंगे. मोदी ने अपने सभी साक्षात्कारों में भी अपनी मंशा को स्पष्ट किया है.

जब एक प्रमुख न्यूज चैनल ने मुझसे पूछा कि क्या मोदी ने इमरान को गुगली दी है. मेरा मानना है कि नहीं. मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि क्रिकेट से जुड़ी बातों को लोगों से जोड़ कर देखना काफी अजीब है. अगर इसी बात के संदर्भ में देखें तो टीम के चयनकर्ता को पता होता है कि वो सलामी बल्लेबाजी के लिए एक गेंदबाज को चुन रहा है.

पाकिस्तान के युवा गुस्से में हैं

सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले 70 सालों से पाकिस्तान के युवाओं के मन में ये सपना है कि कश्मीर पाकिस्तान बनेगा. श्रीनगर के एक कश्मीरी ने मुझे काफी समय पहले समझाया था कि उनकी इस मांग को लेकर कोई गंभीर नहीं है. उन्होंने मुझसे कहा वो लोग भ्रम में जी रहे हैं और उन्हें बस इस्तेमाल किया जा रहा है.


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मेरे ईमेल और वाट्सएप पर पाकिस्तान के युवा लगातार मैसेज कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर इतनी आसानी से कश्मीर को भारत को दे देना था तो उन्होंने 70 सालों तक महिलाओं और बच्चों के दुख को क्यों बढ़ा के रखा? मेरे पास अब इतना बड़ा दिल नहीं है कि मैं उन लोगों को याद दिलाऊं कि मैं अपने टीवी कार्यक्रमों के जरिए उन्हें इस बारे में सचेत कर रही थी.

दो साल पहले ही मैंने कश्मीर से जुड़े कार्यक्रमों में जाना बंद कर दिया था. मैं जान चुकी हूं कि ऐसे कार्यक्रम सिर्फ खाने-पीने का एक अड्डा होते हैं. काम की बात बिल्कुल नहीं होती है.

इमरान खान ने कहा कि उन्हें सब पता था

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद के ज्वाइंट सेशन में खड़े होकर कहा कि उन्हें मोदी के कश्मीर प्लान के बारे में पता था.

इमरान खान ने खुद माना कि जब से उन्होंने प्रधानमंत्री पद संभाला है तब से ही वो घमंडी मोदी से कन्नी काट रहे हैं. पुलवामा के बाद उन्होंने माना कि मोदी से दोस्ती करने की कोई उम्मीद अब नहीं है.

अप्रैल के पहले हफ्ते में इमरान खान ने दुनिया को आश्वस्त किया कि मोदी अगर दूसरी बार चुन कर आए तो कश्मीर मुद्दा सुलझ जाएगा. मोदी ने इमरान खान की बात को सही ठहरा दिया है. उन्होंने हमेशा के लिए इस मुद्दे को सुलझा दिया है. भारत ने कश्मीर पर बात करने के सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं.


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पाकिस्तान के न्यूज चैनलों ने भारत के अलगाववादी नेता यासीन मलिक की मौत की निराधार खबर चलाई थी. लेकिन हमारे प्रधानमत्री जानते हैं कि वो क्या दावा कर रहे हैं.

इमारन खान वर्तमान में ट्विटर और संसद में आरएसएस की विचाधारा के बारे में बता रहे हैं. वो आरएसएस की विचारधारा को जर्मनी के नाज़ी विचारों से तुलना कर रहे हैं.

इमरान के समर्थक जानते हैं कि जर्मनी और विश्व युद्ध उनके पसंदीदा विषय हैं और उन्हें इस पर महारत हासिल है.
इमरान खान के एक साल के कार्यकाल को देखें तो ऐसा लगता है कि वे अगले कई दशकों के लिए योजना बना रहे हों.

ऐसे में इमरान खान चौका मारने के लिए जगह क्यों नहीं बना पा रहे हैं? क्या इमरान मोदी के द्वारा क्लीन बोल्ड हो गए हैं या उन्होंने मैच फिक्स कर लिया है?

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

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