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Sunday, 6 October, 2024
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क्रिप्टोकरेंसी में है करप्शन, निवेश का रास्ता या पैसा छुपाने का माध्यम

क्रिप्टोकरेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है.

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यह साल ऐसा है कि दुनिया भर के कई निवेशक रातों रात मालामाल हो गए हैं. उन्होंने न तो शेयर बाज़ार में निवेश किया था और न ही सोने में और न ही किसी और प्रचलित माध्यम में. उनका निवेश था क्रिप्टो करेंसी में जो न तो दिखता है और न ही जिसे कोई बैंक जारी करता है. दुनिया भर के कंप्यूटरों में उपलब्ध यह करेंसी कहीं भी कभी भी खरीदी या बेची जा सकती है. इसके लिए न तो किसी कागज की जरूरत है न ही किसी रसीद की. किसी तिलस्मी कथा की तरह हर चीज यहां रहस्यमय है. इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इसे पूरी तरह समझने के लिए बहुत वक्त चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि इसने लाखों लोगों की तकदीर कुछ मिनटों में बदल दी.

तीस साल पहले ही दुनिया में कंप्यूटरों का व्यापक इस्तेमाल शुरू हुआ था. देखते ही देखते दुनिया बदल गई और यह डिजिटल हो गई है. सेविंग्स और निवेश की दुनिया भी बदल गई है. अब पैसे बचाने के बारे में नहीं बल्कि बनाने के बारे में सोचा जाता है. रातों-रात करोड़पति बनने के सपने देखे जाते हैं. शेयर बाजार से लेकर मुद्रा बाजार तक सभी में निवेश किया जा रहा है. लेकिन जिसने सभी को चौंकाया वह है क्रिप्टोकरेंसी जिसने धन निवेश और उसे बढ़ाने का नया अनोखा तरीका बताया. यह पूरी तरह से गोपनीय है और कूट भाषा में अंकित होता है. इसे डिजिटल एसेट कहा जा सकता है जो कंप्यूटरों में स्टोर किया जाता है. इसका खाता बही सारी दुनिया में होता है और यह जबर्दस्त तरीके से इसे ‘क्रिपटिक’ यानी गोपनीय ढंग से रखा जाता है. हर ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कहा जाता है और सारे मिलकर एक ब्लॉकचेन बनाते हैं.

ऐसे में पैसा दुनिया के किसी भी कोने से दूसरे कोने में पलक झपकते ही पहुंच जाता है और इसका कोई रूप नहीं होता. एक देश से दूसरे देश तक यह लाखों कंप्यूटरों के जरिये जुड़ा हुआ है. इसमें हर ट्रांजेक्शन श्रृंखलाबद्ध तरीके से है. यह अति डिजिटाइजेशन का अद्भुत नमूना है जिसे कोई छेड़ नहीं सकता और उसमें कोई सेंध नहीं लगा सकता. इसमें डाली गई सूचना कभी भी बदली नहीं जा सकती. सारा पैसा कंप्यूटरों के हवाले. इसकी गोपनीयता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि कोई नहीं जानता किस महानुभाव ने ब्लॉकचेन बनाने की शुरुआत की और कैसे ये सारी दुनिया में फैल गई. ऐसा अंदाजा है कि आज दुनिया भर में लगभग पांच करोड़ लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.


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क्रिप्टो करेंसी कैश सिस्टम है

आजकल जिस बिटकॉयन की चर्चा जोर-शोर से हो रही है वह दरअसल क्रिप्टो करेंसी ही है. यह इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम है. किसी समय महज एक डॉलर से शुरू हुई इस करेंसी की आज कीमत 66,000 डॉलर है. इसी की तर्ज पर और भी कई और डिजिटल क्रिप्टो कैश आ गए हैं. इनमें सबसे ऊपर है एथिरियम जो बिटकॉयन की तरह ही विकेन्द्रित और ओपनसोर्स ब्लॉकचेन है. इन दोनों में फर्क यह है कि इसे डेवलप करने वालों के बारे में सभी को पता है. 2013 में एक प्रोग्रामर बिटालिक बुटेरिन ने इसे तैयार किया था. इसकी कीमत बिटकॉयन से काफी कम है क्योंकि यह उस पैमाने पर पॉपुलर नहीं हो सका है. ऐसी ही एक करेंसी सालोना है जिसकी कीमत लगभग 190 डॉलर है.

ऐसी ही एक करेंसी है एनएफटी यानी नन फंजिबल टोकन यानी एक ऐसा टोकन जिसकी कॉपी न हो सके. इसे बेचा और ट्रेड किया जा सकता है. यह इरिथियम ब्लॉकचेन का ही हिस्सा है. जानकारों का कहना है कि इसकी कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होने से यह हर किसी के बस का नहीं. दिलचस्प बात यह है कि ये कलाकृतियों के लिए इन दिनों बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे हैं. कई कलाकारों का भाग्य इनकी वजह से ही चमक गया है. उनकी पेंटिंग्स वगैरह की अब कीमत मुंहमांगी मिल रही है.

सरकारों के सामने बड़ी चुनौती

क्रिप्टो करेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है. बिना कोई कागजात के ये चाहें तो करोड़ों-अरबों डॉलर इसमें लगा सकते हैं. इसका पता कोई नहीं लगा सकता है क्योंकि इसमें गोपनीयता इतनी है कि जांच एजेंसियों के छक्के छूट जाएंगे. इसमें कोई दस्तावेज या कोई सबूत नहीं होता है. होता है कूट भाषा में बना कोड जिसके जरिये सारा खेल होता है. यह पैसा मिनट भर में सौ-डेढ़ सौ देशों की सीमाएं पार करने की क्षमता रखता है. यानी अवैध पैसा भेजने वाला निश्चिंत रह सकता है कि उसके धन पर किसी भी जांच एजेंसी की नजर नहीं पड़ सकती. किसी तरह की निगरानी भी बैकार है. यह दुनिया भर की सरकारों के लिए के सिरदर्द साबित हुआ है. भारत सरकार ने इस पर कुछ समय के लिए रोक भी लगाई थी और आगे के लिए कानून बनाने की बात सोची थी लेकिन सरकार के कुछ सलाहकारों ने ऐसा न करने की हिदायत दी. इसके बाद इस पर से प्रतिबंध हट गया है. इसकी बजाय अब सरकार एक डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रही है जिसमें कोई नकदी नहीं होगी और न ही होगा कोई क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेकिन यह होगा विशुद्ध देसी.


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बॉलीवुड हस्तियां आईं क्रिप्टो करेंसी के साथ

भारत में यूं तो क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में आ गई है लेकिन अभी इसमें कोई खास तेजी नहीं आई है. निवेशक अभी थोड़ी ही रुचि दिखा रहे हैं. हां, उन्हें बटकॉयन की आसमान छूती कीमत ललचा भी रही है. सही समझ के अभाव में ज्यादातर अभी इससे दूर ही हैं. लेकिन अब क्रिप्टों करेंसी की कुछ कंपनियां चाहती हैं कि धनतेरस, दीवाली में लोग सोने की बजाय क्रिप्टो करेंसी की खरीदारी करें. इसके लिए उन्होंने बॉलीवुड की कुछ मशहूर हस्तियों को अपने साथ लिया है और उनके विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं. क्रिप्टो एक्स्चेंज कॉयन स्विच कुबेर और कॉयन डीसीएक्स को निवेश के एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं और भारतीयों को धनतेरस जैसे पर्व पर निवेश करने को कहलवा रही हैं. इन विदेशियों का मानना है कि सलेब्रिटी इंडोरसमेंट से भारत में क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ेगी. बॉलीवुड हस्तियों में अमिताभ बच्चन का मामला कुछ ज्यादा ही दिलचस्प है. उन्होंने पहले तो रिजर्व बैंक की तरप से बैंक फ्रॉडों से बचने की सलाह का विज्ञापन किया और उसके बाद कॉयनडीसीएक्स की पब्लिसिटी भी की.

क्रिप्टो करेंसी के लिए विदेशों में सलेब्रेटी इंडोरसमेंट सामान्य सी बात हो गई है. फुटबॉल के नामी खिलाड़ी टॉम ब्रैडी, मॉडल जीसेल बंडचेन, पेरिस हिल्टन, किम कार्दश्यान जैसी हस्तियों ने क्रिप्टो करेंसी के लिए पब्लिसिटी की है. एक सर्वे के मुताबिक वहां 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे हस्तियों के कहने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करेंगे.

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करें न करें यह आप के विवेक पर निर्भर करता है. यहां ध्यान रखिये कि इलेक्ट्रॉनिक मनी जितनी तेजी से आती है उतनी ही तेजी से जाती है. क्रिप्टो करेंसी स्वतः चलने वाली करेंसी है और यह लाखों कंप्यूटरों से होकर गुजरती है. इसमें कोई ठोस आधार नहीं है, न ही इसके पीछे कोई वित्तीय संस्थान है. ध्यान रहे कि पिछले दिनों जब एलन मस्क ने क्रिप्टो करेंसी पर संदेह जताया था तो उसके भाव औंधे मुंह गिर गए थे. लेकिन बाद में उन्होंने एक अरब डॉलर से भी ज्यादा पैसा इसमें लगा दिया तो फिर इसमें तेजी आ गई. इसलिए इसमें पैसा लगाने के पहले सोचना जरूरी है. एक बार अगर सिस्टम में कोई गड़बड़ी हो गई तो फिर यह औंधे मुंह गिर जाएगी. या फिर किसी बड़े हैकर ने अगर इसमें अपना पेंच फंसा दिया तो वह चारों खाने चित्त हो जाएगा.

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और यह उनके निजी विचार हैं)


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