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Monday, 23 December, 2024
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डायबिटीज़ के मरीजों के लिए कोविड-19 है खतरनाक, जानें लॉकडाउन के दौरान शुगर कैसे करें नियंत्रित

एंड्रोक्राइनोलॉजिस्ट अंबरीश मिठल कहते हैं अगर आप स्मार्ट हैं तो सिर्फ बेसिक्स को फॉलो करें और आसान इंटरनेट की तकनीक का उपयोग करते हुए आप डायबिटीज़ के विजेता बन सकते हैं

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ऐसा लगता है कि कोरोनावायरस से जूझते हुए मानों अन्य सभी विकृतियां गायब हो गयी हों. पर ऐसा नहीं है. और इस बात को केवल डॉक्टर समझते हैं. यही कारण है कि पुरानी ‘गैर-आकस्मिक’ स्थितियों वाले रोगियों को क्लीनिक और अस्पतालों से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं.

कोरोनोवायरस पर प्रारंभिक रिपोर्टों से स्पष्ट रूप से पता चला है कि मधुमेह वाले लोग संक्रमण के बाद अधिक जोखिम में होंगे. बाद के अध्ययनों ने पुष्टि की है कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, कैंसर या पुरानी फेफड़ों की बीमारी वाले बुजुर्ग रोगियों को विशेष रूप से कोविड -19 रोग के शिकार होने की संभावना है.

जब तक इन स्थितियों वाले लोगों को ज़रुरत नहीं पड़ती, उन्हें क्लिनिक या अस्पताल जाने से बचना चाहिए. और अगर वे वहां जाते हैं, तो उन्हें अन्य लोगों से दो हाथ के दूरी पर होना चाहिए. डॉक्टरों के लिए यह सलाह देना बहुत आसान है, लेकिन मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बेहद मुश्किल है कि वे अपनी चिंताओं को एक उग्र महामारी के कारण भूल सकें.

मधुमेह से छुटकारा नहीं

मधुमेह दूर नहीं होता है. भारत नरेंद्र मोदी सरकार के आदेशों के तहत बंद हो सकता है, लेकिन आपकी मधुमेह किसी भी आदेश से बाध्य नहीं है. यह आपके साथ रहता है, और कोविड -19 महामारी के बहुत बड़े और तात्कालिक खतरे से निपटने के प्रयासों के दौरान भी आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता है.

यहां तक कि अगर आप डॉक्टर से मिलना भूल भी जाएं, तो आपको रोज़मर्रा की जाने वाली चीज़ों का पालन करना जारी रखना चाहिए – सही समय पर भोजन करें, रोजाना लगभग 45 मिनट तक व्यायाम करें, और कट, छाले या किसी अन्य चोट के लिए हर दिन अपने पैरों की जांच करें.


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एक महत्वपूर्ण बिंदु परीक्षण है – ग्लूकोज स्ट्रिप्स का उपयोग करके रक्त शर्करा की स्व-निगरानी, जो इस अवधि के दौरान अनिवार्य है. वास्तव में, चूंकि इस कोरोनोवायरस-प्रेरित लॉकडाउन के दौरान हमारी जीवन शैली में परिवर्तन हो रहा है, मधुमेह वाले लोगों का और भी अधिक बार परीक्षण किया जाना चाहिए. यदि प्रयोगशाला की सुविधा उपलब्ध, सुलभ और अनुमेय हो, तो अपना HbA1c (तीन महीने का ब्लड शुगर औसत) परीक्षण करवाएं.

मधुमेह से निपटना ज़रूरी क्यों

अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (IDF) के अनुसार, भारत में मधुमेह से पीड़ित 77 मिलियन (या 7.7 करोड़) लोग हैं. और कई कारण हैं कि हमें इन कोशिशों के दौरान मधुमेह पर बेहतर नियंत्रण की आवश्यकता है.

सबसे पहले, ऐसा करने से निश्चित रूप से परिणामों में सुधार होगा यदि कोई कोरोनावायरस से संक्रमित हो जाता है. सभी मधुमेह समान नहीं हैं. दिल और गुर्दे की बीमारी वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति में खराब नियंत्रित मधुमेह, एक फिट, सक्रिय 40 वर्षीय व्यक्ति में अच्छी तरह से नियंत्रित मधुमेह से बहुत अलग है. दूसरे मामले वाले व्यक्तियों की तुलना बिना मधुमेह वाले कोविड संक्रमित व्यक्तियों से की जा सकती है. बेहतर नियंत्रण के साथ कोरोनोवायरस संक्रमण की गंभीरता बहुत कम हो जाती है. यह अपने आप में अच्छी मधुमेह रीडिंग सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कारण है.

मधुमेह नियंत्रण का दूसरा महत्वपूर्ण कारण सामान्य है – हमें दीर्घकालिक जटिलताओं को रोकने के लिए अपने नंबरों (शुगर, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल) पर निगरानी रखने की आवश्यकता है. इस ओर ध्यान न देकर हम खुद को आंखें, गुर्दे, पैर या दिल से जुडी अन्य दीर्घकालिक जटिलताओं के खतरे में डाल रहे हैं. अगर हम ठीक महसूस भी कर रहे हैं, तो भी ये बीमारियां कभी भी हमें जकड़ सकती हैं. कोरोनावायरस महामारी इस तथ्य को नहीं बदल सकती.

तीसरा कारण यह है कि जब यह महामारी समाप्त हो जाती है, तो हम एक नुकसान के साथ फिर से नयी शुरुआत नहीं करना चाहते हैं. यदि आपने अभी तक अपनी स्थिति को अच्छी तरह से संभाला है, तो यह बेवकूफी होगी यदि आप स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाने दें और फिर से नयी शुरुआत करें.

मूल बातों का ध्यान रखें

डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति के लिए चीजें उतनी निराशाजनक नहीं होती हैं, जितनी दिखाई जाती हैं. डायबिटीज स्ट्रेस सिंड्रोम में न जाएं. इसके लिए आवश्यक है कि आप ऊपर बताए अनुसार मूल बातों का पालन करें. वास्तव में, आपके पास लॉकडाउन के दौरान खुद का ध्यान रखने के लिए अधिक समय है. परिवार के साथ समय बिताएं. घर का बना खाना खाएं. मन लगाकर खाने का अभ्यास करें. कुछ ऐसी चीज़ों का आनंद लें जिन्हें आप करना भूल गए हैं.पढ़ना, लिखना, संगीत, पेंटिंग, फिल्में – आप यह सब कर सकते हैं. अपने ट्रेडमिल या स्थिर साइकिल का उपयोग करें, योग का अभ्यास करें या एक ऐप का उपयोग करें जो आपको व्यायाम करने के लिए मार्गदर्शित करती हो.

अन्य बातों के अलावा, सुनिश्चित करें कि आपके पास अग्रिम में एक महीने की आपूर्ति है – कोई जमाखोरी नहीं, लेकिन दवा और ग्लूकोज परीक्षण स्ट्रिप्स, सुई आदि की पर्याप्त आपूर्ति होनी चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण बात, अपने डॉक्टर से संपर्क स्थापित करें।आजकल अधिकांश डॉक्टर तकनीक के किसी न किसी रूप का उपयोग कर रहे हैं – यह ईमेल, वीडियो या व्हाट्सएप के माध्यम से हो सकता है. कृपया सुनिश्चित करें कि आपने उनके साथ पहले से कनेक्ट किया है और संवाद करने या परामर्श करने के सही तरीके की पुष्टि की है. यदि आपको उनसे संपर्क करने की आवश्यकता है, तो जल्दबाज़ी से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण है.

यदि आपके पास बीपी परीक्षण मशीन नहीं है, तो जल्द से जल्द खरीद कर उसका उपयोग शुरू करें. और अगर आपने अपने फ्लू और निमोनिया के टीके नहीं लिए हैं, तो कृपया जल्द से जल्द लें.


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बढ़ती महामारी निस्संदेह नियमित मधुमेह देखभाल को प्रभावित करेगी, शायद हमेशा के लिए. लेकिन अगर आप स्मार्ट हैं, मूल बातों का पालन करें, और सरल इंटरनेट-आधारित प्रौद्योगिकी के अनुकूल हों, तो आप एक विजेता बनेंगे. यह सच है कि जब आप व्यथित होते हैं तो आपके डॉक्टर द्वारा हाथ पकड़ने या आपके कंधे पर हाथ रख दिलासा देने का कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता. आप में से कई अपने डॉक्टर के साथ अपने सबसे अंतरंग रहस्य साझा करते हैं. वह संबंध विशेष है और वर्तमान की कोई भी व्याधि उसे छीन नहीं सकती.

’दूरस्थ’ वीडियो परामर्श के साथ इसे बदलना सबसे आकर्षक नहीं हो सकता है. लेकिन यह समय भी बीत जाएगा. और चीजें फिर से बेहतर होंगी.

जैसा कि बुद्ध ने कहा: ‘जो भी शुरु हुआ है, उसका अंत होता है.’

(इस लेख को अंग्रेजी में भी पढ़ा जा सकता है, यहां क्लिक करें)

(लेखक मैक्स हेल्थकेयर अस्पताल के एंडोक्राइनोलॉजी और मधुमेह प्रभाग के अध्यक्ष और प्रमुख हैं. ये लेखक के निजी विचार हैं.)

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