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Tuesday, 23 April, 2024
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कोविड-19 ने आईपीएल, ओलंपिक बंद किए पर ड्रोन और बड़े स्क्रीन के साथ एक सुरक्षित दायरे में हो सकते हैं खेल

कोरोना-मुक्त सीमित दायरे में प्रमुख खेल प्रतियोगिताओं के रोमांच और आनंद का अनुभव कर सकते हैं. हर खेल को ऐसा इलाका चुनना पड़ेगा जहां प्रतियोगी लीग या टूर्नामेंट कराने के लिए पर्याप्त संख्या में स्टेडियम और मैदान हों.

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आईपीएल और टोक्यो ओलंपिक के रद्द होने के बाद लॉकडाउन में खेल प्रतियोगिताओं के भविष्य को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. दर्शकों के बगैर खेलों का आयोजन? कोरोना-मुक्त दायरे में होने वाली खेल प्रतियोगिताएं? ये विकल्प उन प्रस्तावों में शामिल हैं जो कोरोनावायरस वाली दुनिया में खेलों की हमारी लत को संतुष्ट करने के लिए पेश किए गए हैं.

आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है– और खेलों का आयोजन हमारे लिए आवश्यक है. बाकी क्रिकेटप्रेमियों की तरह मुझे भी आईपीएल सीज़न के बर्बाद होने का मलाल है; और अब ओलंपिक, टेस्ट क्रिकेट एवं विंबलडन के बिना गर्मियों के इस मौसम की कल्पना असहनीय लगती है. इसलिए बड़ी खेल प्रतियोगिताओं का पुनर्सृजन होना चाहिए. जब तक हम सभी को कोविड-19 के टीके नहीं लग जाते, हमारी दुनिया सामान्य नहीं होने वाली है. इसमें शायद दो साल लगेंगे, और उसके बाद भी हमें शायद अपने कोरोना-मुक्त होने का सर्टिफिकेट लेकर चलना पड़े. अपने खेल नायकों का हौंसला बढ़ाते प्रशंसकों से भरे स्टेडियमों को देखना मानो अब दूर का सपना हो.


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कोरोना-मुक्त दायरे में खेल आयोजन

वैसे हम कोरोना-मुक्त सीमित दायरे में प्रमुख खेल प्रतियोगिताओं के रोमांच और आनंद का अनुभव कर सकते हैं. आवश्यक सुविधाओं वाले उपयुक्त क्षेत्रों का चयन किया जा सकता है. इसके बाद टीमों को बाह्य संपर्क से कटे होटलों में पूरे सीज़न के लिए रखा जा सकता है. अधिकारियों, कैमरा दल और अन्य संबंधित कर्मचारियों के लिए भी अलग-अलग इसी तरह के होटलों की व्यवस्था की जा सकती है. निरंतर परीक्षण किए जाने की व्यवस्था होगी और एक सुरक्षित इलाक़ा सुनिश्चित किया जाएगा. स्टेडियमों में दर्शक मौजूद नहीं होंगे. छोटी-बड़ी स्क्रीनों पर खेल देखने का चलन आम हो जाएगा.

ज़ाहिर है इन सबके लिए खेल सुविधाओं पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत पड़ेगी, लेकिन इससे खिलाड़ियों के करिअर में नई जान आएगी, प्रशंसक नई परिस्थितियों के अनुरूप खुद को ढालेंगे, और फिर विज्ञापन का पैसा भी दोबारा खेल जगत का रुख करेगा.

बास्केटबॉल और गोल्फ के लिए कोरोना-मुक्त पृथक दायरों की पहले की पड़ताल की जा रही है; आयोजन के इस मॉडल को फ्रेंच और यूएस ओपन (टेनिस), इंडियन प्रीमियर लीग (क्रिकेट) और टूर डे फ्रांस (साइकलिंग) के लिए भी आजमाया जा सकता है. ऐसा पृथक दायरा कैसे निर्मित किया जाएगा?

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पृथक दायरे का निर्माण

सर्वप्रथम, हर खेल को ऐसा इलाका चुनना पड़ेगा जहां प्रतियोगी लीग या टूर्नामेंट कराने के लिए पर्याप्त संख्या में स्टेडियम और मैदान उपलब्ध हों. टीमें मैचों के लिए देश के विभिन्न शहरों के चक्कर नहीं काट सकती हैं. उन्हें एक उपयुक्त इलाके में पृथक करके रखना होगा. यदि हर शाम 2 से 4 मैच आयोजित किए जाने हैं, तो उच्च गुणवत्ता वाले कम-से-कम 2-3 मैदानों की व्यवस्था करनी होगी.

उदाहरण के लिए, आईपीएल के लिए मुंबई एक आदर्श केंद्र साबित हो सकता है क्योंकि वहां टीमें वानखेड़े स्टेडियम, ब्रेबोर्न स्टेडियम, बॉम्बे जिमखाना मैदान, या बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स के एमसीए मैदान में खेल सकेंगी. टेनिस के लिए पहले से ही शानदार आयोजन केंद्र मौजूद हैं, जैसे न्यूयॉर्क का यूएसटीए बिली जीन किंग नेशनल टेनिस सेंटर जहां तीन ढंके कोर्टों समेत टूर्नामेंट स्तर के कुल 22 कोर्ट हैं, या ऑल इंग्लैंड क्लब जहां दो ढंके स्टेडियमों समेत टूर्नामेंट स्तर के 18 ग्रास कोर्ट हैं.

पहले ये सुनिश्चित करने के लिए खिलाड़ियों का परीक्षण किया जाएगा कि वे कोरोना-मुक्त हैं और फिर उन्हें इन स्थानों पर लाया जाएगा. एक बार परीक्षण में रोगमुक्त करार दिए जाने के बाद वे कोरोना-मुक्त समूह में शामिल कर लिए जाएंगे, और टूर्नामेंट या लीग के दौरान इस समूह को संक्रमण से सुरक्षित बनाए गए किसी होटल या अन्य आवास में रखा जा सकेगा.

यदि वे वहां से बाहर जाते हैं, तो उन्हें परीक्षण में निगेटिव पाए जाने के बाद ही वापस आने दिया जाएगा. इसी तरह आयोजन से संबंधित अन्य कार्मिकों– खेल पदाधिकारियों, कैमरा दल, मैदान की साज-संभाल करने वाले, लाइनपर्सन और अधिकारियों – को रोग-परीक्षण के बाद बाह्य संपर्क से कटे स्थलों पर रखा जा सकेगा. हर दो हफ्ते या किसी नियत अवधि में उनका रोग-परीक्षण किया जाएगा ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि उनके बीच संक्रमण का कोई भी मामला मौजूद नहीं है.

कोरोना-मुक्त दायरे में आवाजाही की अनुमति टेस्टिंग के आधार पर ही दी जाएगी, जिसका कि त्वरित और प्रभावी तरीका मौजूद है. सर्वाधिक प्रभावी टेस्टिंग में बिना असुविधा के गले या नाक से स्वाब के नमूने लिए जाते हैं और जांच रिपोर्ट आने में 15 मिनट भी नहीं लगते हैं. इसलिए कोरोना-मुक्त दायरे की स्थापना का बिल्कुल सरल तरीका मौजूद है. परीक्षण की रिपोर्ट एक स्मार्टफोन एप के ज़रिए डाउनलोड की जा सकेगी जिस पर आधारित क्यूआर कोड विभिन्न स्थलों में प्रवेश के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा.

बड़ी स्क्रीन, ड्रोन और ऑगमेंटेड रीयलिटी अनुभव को मज़ेदार बनाएंगे

इस साल खेल आयोजनों में दर्शकों की भीड़ रहने की संभावना नहीं है. इसके बजाय, बड़ी और छोटी स्क्रीनें हमें मैदान के करीब लाएंगी तथा नए कैमरा एंगलों और माइकों के इस्तेमाल, स्टेडियम के विभिन्न हिस्सों से वास्तविक दृष्टि के अनुरूप छवियों के लिए ड्रोनों के व्यापक उपयोग और विभिन्न प्रकार की ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) के सहारे दर्शक खुद को खेल एक्शन के मध्य महसूस करेंगे.

हालांकि भविष्य में ये संभव है, कि टेस्टिंग और ट्रेसिंग एप्स के व्यापक उपयोग के कारण कोरोनावायरस का संक्रमण झेल चुके या संबंधित टीका लगवा चुके लोगों को स्टेडियम के भीतर जाने दिया जाएं. ये भी संभव है कि खेल आयोजनों में शामिल होने के लिए टेस्टिंग का आंशिक भुगतान दर्शकों को ही करना पड़े. इसलिए हो सकता है अगले साल विंबल्डन में आपके लिए स्ट्राबेरीज़ और क्रीम के साथ कोरोनावायरस का परीक्षण भी उपलब्ध मिले.

खेल दुनिया भर में एक बड़ा व्यवसाय है. कई जानकारों का मानना है कि वैश्विक खेल व्यवसाय 2022 तक 600 बिलियन डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा.

खेलों से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है क्योंकि उत्साही समर्थक खेल प्रतियोगिताओं को देखने के लिए दुनिया भर के देशों में जाते हैं और विभिन्न गंतव्यों को देखने के अनुभव के लिए आयोजन के बाद भी कई दिनों तक वहीं टिके रहते हैं. टोक्यो ओलंपिक के स्थगित होने से कुल 6 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान होने की आशंका जताई जाती है.


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खेल एंटरटेनमेंट नेटवर्कों और विज्ञापनदाताओं के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इनके ज़रिए उन्हें बड़ी संख्या में दर्शक मिलते हैं, जिनमें युवाओं की बड़ी संख्या होती है. व्यवसाय पर इसके प्रभाव को देखते हुए, ये बेहद अहम हो जाता है कि खेल गतिविधियों को वापस सामान्य स्तर के करीब लाया जाए, ताकि ये आर्थिक क्रियाकलापों को गति दे सकें.

खिलाड़ी निश्चय ही अभ्यास और प्रतिस्पर्धा के काम में वापस जुट जाना चाहते हैं. उन्होंने अपने-अपने खेलों में महारत हासिल करने में अपना तन-मन-धन समर्पित किया है. इसी तरह खेल समर्थक भी प्रतियोगिताओं का इंतजार कर रहे हैं ताकि हमारे जीवन में थोड़ी खुशी और उत्साह वापस आ सके. कोरोना वाली दुनिया में खेलों का आयोजन न केवल संभव है, बल्कि आवश्यक भी.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

(जयंत सिन्हा संसद की वित्त मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष तथा झारखंड में हज़ारीबाग़ से लोकसभा सांसद हैं. ये उनके निजी विचार हैं.)

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