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Sunday, 3 November, 2024
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क्रिप्टोकरेंसी क्यों ‘अच्छे दिन’ जैसी है, और मोदी के 3 कृषि कानूनों को रद्द करने से सबसे ज्यादा आहत कौन

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे कार्टून.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के विशेष रूप से प्रदर्शित कार्टून में, संदीप अधर्व्यु नरेंद्र मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहते हैं क्रिप्टोकरेंसी पीएम मोदी के वादे ‘अच्छे दिन’ की तरह है, जो कि यह भौतिक रूप से मौजूद नहीं है.

डेक्कन हेराल्ड में साजिथ कुमार ने भी क्रिप्टोक्यूरेंसी पर सरकार के प्रस्तावित बिल का मज़ाक उड़ाया है, जिसमें पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच एक काल्पनिक बातचीत को दर्शाया है.

सतीश आचार्य| Twitter/@satishacharya

सतीश आचार्य उन टीवी न्यूज चैनलों पर कटाक्ष करते हैं जिन्होंने खुले तौर पर मोदी और बीजेपी का समर्थन किया और विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ तरह-तरह के लेबल (बदनाम) लगाए. वह पीएम के शब्दों का इस्तेमाल करते हैं  कि किसानों को यह समझाने की उनकी क्षमता में कमियां थीं कि तीन कृषि कानून उनके लिए फायदेमंद होंगे.

मंजुल | News9

मंजुल मोदी सरकार द्वारा यू-टर्न लेने व तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने और लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के बीच एक समानांतर रेखा खींचते हैं.

ई.पी. उन्नी | The Indian Express

ईपी उन्नी ने कांग्रेस में इंदिरा गांधी-युग के विभाजन का हवाला देते हुए बताया है कि क्यों सभी दलों के नेता ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.

कीर्तिश भट्ट | BBC News Hindi

अब जब सरकार क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने की योजना बना रही है, तो कीर्तीश भट्ट गरीबी से पीड़ित एक शख्स को यह कहते हुए दिखाते हैं जिसमें वह सवाल करता है कि क्या यह (क्रिप्टोकरेंसी) कागजी मुद्रा जैसी है, क्योंकि उसके पास नहीं है.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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