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Saturday, 21 December, 2024
होमलास्ट लाफबुरा प्रचार कैसे अच्छे में बदलें, और राहुल की भारत जोड़ो यात्रा एक 'होम रन' क्यों हो सकती है

बुरा प्रचार कैसे अच्छे में बदलें, और राहुल की भारत जोड़ो यात्रा एक ‘होम रन’ क्यों हो सकती है

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए पूरे दिन के सबसे अच्छे कार्टून.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के विशेष रूप से प्रदर्शित कार्टून में, मंजुल एक जिला कलेक्टर की खिंचाई करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हैं, जब वह तेलंगाना में उचित मूल्य की दुकान पर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं पाकर गुस्से में हो जाती हैं. सीतारमण इस वित्तीय वर्ष में दोहरे अंकों की विकास दर को लेकर आशावान बनी हुई हैं, तब जबकि भारत की अर्थव्यवस्था अब भी महामारी की आर्थिक मंदी से उबर रही है.

Alok Nirantar | Twitter/@caricatured

आलोक निरंतर 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू होने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर प्रकाश डालते हैं. एक उदाहरण जिसमें एक कांग्रेस नेता को अपनी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सुझाव देते हुए दिखाया गया है कि राहुल की आलोचना करने वालों के पास इस बार उनकी विदेश यात्राओं के लिए उनकी आलोचना करने का अवसर नहीं होगा.

Nala Ponnappa | Twitter/@PonnappaCartoon

नाला पोनप्पा बेंगलुरू में आउटर रिंग रोड पर भारी बारिश के बाद जलजमाव की ओर इशारा करते हैं, जिससे सड़क मार्ग से यात्रा करना मुश्किल हो जाता है. जलजमाव वाली सड़कों पर वाहन चालकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

Sajith Kumar | Twitter

साजिथ कुमार भारत द्वारा ब्रिटेन को पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में पछाड़ने की रिपोर्टों पर कटाक्ष करते हैं, ऐसे में जब सामाजिक तौर से लोग बेरोजगारी, खाद्य पदार्थों की उच्च कीमतों और अन्य मुद्रास्फीति से संबंधित मुद्दों से जूझ रहे हैं.

R. Prasad | Twitter@rprasad66 | The Economic Times

आर. प्रसाद भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर ध्यान खींचते हैं. अदालत जिसमें उन्होंने तमिलनाडु सरकार पर लगभग 40,000 मंदिरों और अन्य हिंदू धार्मिक संस्थानों पर मनमाने ढंग से नियंत्रण करने का आरोप लगाया है. प्रसिद्ध मंदिरों के विपरीत, कम जाने-पहचाने मंदिरों को चलाने वाले कई ट्रस्ट पूजा स्थल के मामलों के प्रबंधन के लिए सरकार पर निर्भर हैं.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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