दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
आज के फीचर कार्टून में संदीप अध्वर्यु तंज कसते हैं. वे कहते हैं कि सरकार के पास प्रवासी मज़दूरों और कोविड के दौरान इलाज में मदद करने वाले वर्कर की मौत का डाटा नहीं है. लेकिन जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद का दिल्ली दंगो में क्या रोल है. इस पर दिल्ली सरकार के पास 11 लाख पन्नो का डॉक्यूमेंट है.
मंजुल ने भी प्रवासियों की मृत्यु पर आंकड़ों की अनुपस्थिति पर पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए इसे ‘थाली, दीया और मोर’ से ढकने को कहते हैं.
आर प्रसाद भी, आंकड़ों की कमी और प्रवासी श्रमिकों की चिंताओं को दूर करने में अपनी विफलता पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया को दर्शाते हैं.
हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इस राजनीतिक नाटक को लेकर आलोक निरंतर ने केंद्र के तीन कृषि विधेयकों पर तंज किया है.
ईपी उन्नी बताते हैं कि दिल्ली दंगों के लिए दिल्ली पुलिस की चार्जशीट 17,000 से अधिक पेज की है. उन्नी इस समय डॉ बीआर आंबेडकर और भारत के संविधान के महत्व को दर्शाते हैं.
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