मुंबई, 24 अप्रैल (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पहला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि वह इसे सभी भारतीयों को समर्पित कर रहे हैं।
इस मौके पर मोदी ने मशहूर गायिका को एक ऐसे कलाकार के रूप में याद किया, जोकि राष्ट्र-निर्माण का एक अभिन्न अंग रहीं।
यह पुरस्कार स्वरकोकिला लता मंगेशकर की याद में शुरू किया गया है। मशहूर गायिका का इस साल छह फरवरी को 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद मोदी ने कहा, ”स्वरकोकिला होने के साथ ही लता दीदी मेरे लिए बड़ी बहन की तरह थीं। उन्होंने कई पीढ़ियों को प्रेम और करुणा की भाषा सिखायी। मैं खुद को भाग्यशाली महसूस करता हूं कि उन्होंने मुझे बड़ी बहन की तरह प्यार दिया। कई दशक बाद आने वाला रक्षाबंधन का त्योहार उनके बिना होगा।”
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहे प्रधानमंत्री मोदी शाम करीब पांच बजे मुंबई स्थित कार्यक्रम स्थल षणमुखानंद हॉल पहुंचे।
मोदी ने कहा कि वह इस पुरस्कार को देश के सभी नागरिकों को समर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि संगीत मातृत्व और स्नेह का अहसास देता है।
मोदी ने कहा, ”हम सभी भाग्यशाली हैं कि हमने लता दीदी में संगीत की यह शक्ति देखी।”
समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लता मंगेशकर की आवाज ने 80 वर्षों से अधिक समय तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने कहा कि ग्रामोफोन, सीडी, डीवीडी, पेन ड्राइव और डिजिटल संगीत से लेकर ऐप के युग तक लता मंगेशकर ने अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरा।
मोदी ने कहा, ”गीतों की दुनिया और इसकी यात्रा, लता दीदी की यात्रा के साथ चले, जिन्होंने कलाकारों की पांच पीढ़ियों को अपनी आवाज दी और भारत को गौरवान्वित किया। इस ग्रह पर उनकी यात्रा का अंत ऐसे समय में हुआ, जब हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”उन्होंने आजादी से पहले भी भारत को अपनी आवाज दी। देश की 75 वर्षों की यात्रा हमेशा उनके सुरों से बंधी रही। हमारा पूरा राष्ट्र देश के वास्ते दिये गए योगदान के लिए मंगेशकर परिवार का आभारी है। गायिकी के अलावा, उनके (लता मंगेशकर) भीतर राष्ट्र भक्ति का जज्बा रहा जिसके पीछे उनके पिता का हाथ था।”
उन्होंने कहा, ” मैं आमतौर पर इस तरह के सम्मान समारोहों से खुद को दूर रखता हूं। मैं खुद को समायोजित नहीं कर पाता (इस तरह के कार्यक्रमों में)। हालांकि, जब पुरस्कार बड़ी बहन लता मंगेशकर के नाम पर हो, तो मेरे प्रति मंगेशकर परिवार के स्नेह और अधिकार के कारण, इसे स्वीकार करना मेरा दायित्व बन जाता है।”
उन्होंने कहा कि लता दीदी हमेशा कहा करती थीं कि एक व्यक्ति उम्र से नहीं बल्कि उसके कर्मों से महान बनता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”मैं समझता हूं कि हम सभी को उनके विचारों से सीख लेनी चाहिए।”
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को पुरस्कार प्राप्त किया और इस दिन लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर की 80वीं पुण्यतिथि है।
पुरस्कार प्रदान करने वाले ‘मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चेरिटेबल ट्रस्ट’ के मुताबिक, लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार हर साल ऐसे व्यक्ति को दिया जाएगा, जिसने राष्ट्र, उसके लोगों और समाज के लिए ”अग्रणी, प्रभावशाली और अनुकरणीय” योगदान दिया है।
गौरतलब है कि शिवसेना और भाजपा में जारी राजनीतिक घमासान के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। हालांकि, महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई कार्यक्रम में मौजूद रहे।
भाषा
शफीक उमा
उमा
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