scorecardresearch
Tuesday, 19 November, 2024
होमदेशराहुल भट की हत्या: कश्मीरी पंडितों ने श्रीनगर में विरोध मार्च निकाला

राहुल भट की हत्या: कश्मीरी पंडितों ने श्रीनगर में विरोध मार्च निकाला

Text Size:

श्रीनगर, 21 मई (भाषा) जम्मू कश्मीर के श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक लाल चौक के घंटाघर पर ‘ओम’ का जाप करते हुए और ‘‘आखिर कबतक’’ की तख्तियां लिए हुए सैकड़ों कश्मीरी पंडितों ने 10 दिन पहले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा राहुल भट की हत्या के बाद अपने स्थानांतरण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

सिविल लाइंस के लाल मंडी इलाके से मार्च करते हुए, समुदाय के 200 से 300 प्रदर्शनकारियों ने धरना दिया और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उस पर उनकी मांगों को नहीं सुनने के आरोप लगाये।

साल 2011-12 में प्रवासियों के लिए एक विशेष रोजगार पैकेज के तहत लिपिक की नौकरी पाने वाले भट (35) की 12 मई को मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा इलाके में स्थित उनके कार्यालय में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

कश्मीरी पंडितों के अनुष्ठानों के अनुसार, 10 वां दिन शोक की अवधि के अंत का प्रतीक होता है।

प्रदर्शनकारियों में पुरुष और महिलाएं शामिल थीं और उन्होंने ‘‘आखिर कब तक?’’ सवाल वाली तख्तियां ली हुई थीं। इन प्रदर्शनकारियों ने साथ ही अपने रक्तपात को रोकने के लिए घाटी में तैनात सभी प्रवासी कर्मचारियों का भारत में किसी भी अन्य स्थान पर स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति’’ की मांग वाली तख्तियां भी ले रखी थीं।

प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए, कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने कहा कि जब तक यह प्रशासन उनकी बात को नहीं सुनता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।

लाल चौक क्षेत्र से निकलने से पहले, प्रदर्शनकारियों ने सामूहिक रूप से ‘‘ओम’’ का जाप किया और फिर शहर के जवाहर नगर इलाके में स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय तक मार्च किया, जहां उन्होंने पार्टी के खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक तितर-बितर हो गए।

दक्षिण कश्मीर के मट्टन इलाके में भी केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के खिलाफ इसी तरह के जुलूस निकाले गए। बेमौसम बारिश को झेलते हुए, कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने प्रसिद्ध मार्तंड मंदिर की ओर कूच किया, जहां कुछ युवाओं ने मृत्यु के 10 वें दिन के अनुष्ठान के अनुसार अपने सिर मुंडवाए।

उन्होंने ‘‘राहुल भाई अमर रहें’’ जैसे नारे लगाए और सुरक्षित स्थानों पर अपने स्थानांतरण की मांग की। भट की हत्या के साथ-साथ कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करने में प्रशासन की ‘‘विफलता’’ को लेकर जम्मू-कश्मीर में कई जगह विरोध प्रदर्शन किये गए हैं।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments