नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को मोदी सरकार पर भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का मूल्यांकन कम करके आंकने का आरोप लगाते हुए पूछा कि भारत की सबसे मूल्यवान संपदा को “कौड़ियों के दाम” पर क्यों बेचा जा रहा है।
सरकारी स्वामित्व वाले एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बुधवार को खुदरा व संस्थागत निवेशकों के अंशदान के लिये खोले गए। आईपीओ नौ मई (सोमवार) को बंद होगा।
एलआईसी ने निर्गम के लिए मूल्य दायरा 902-949 रुपया तय किया है। कुछ शेयर एलआईसी के कर्मचारियों एवं पॉलिसीधारकों के लिए भी आरक्षित रखे गए हैं।
खुदरा निवेशक और पात्र कर्मचारियों को प्रति शेयर 45 रुपये की छूट मिलेगी जबकि पॉलिसीधारकों को 60 रुपये प्रति शेयर की छूट मिलेगी।
गांधी ने एक ट्वीट में कहा, “13.94 लाख कर्मचारी, 30 करोड़ पॉलिसीधारक, 39 लाख करोड़ की संपत्ति, शेयरधारकों को मिलने वाले रिटर्न के लिहाज से दुनिया की नंबर एक कंपनी। इसके बावजूद मोदी सरकार ने एलआईसी की कीमत कम तय की।”
कांग्रेस नेता ने पूछा, “आखिर भारत की सबसे महंगी संपत्तियों में से एक कौड़ियों के भाव क्यों बेची जा रही है?”
कांग्रेस ने पिछले मंगलवार को शेयरों के दाम पर भी सवाल उठाए थे और उनकी कीमत कम होने का आरोप लगाते हुए उन्हें 30 करोड़ पॉलिसीधारकों के भरोसे की कीमत पर कौड़ियों के दाम बेचने की बात कही थी।
भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ को बोली के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को शत-प्रतिशत प्रतिशत अभिदान मिल गया।
बीएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, पॉलिसी धारकों वाले हिस्से को तीन गुना से थोड़ा अधिक अभिदान मिला, जबकि कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्सा को 2.14 गुना अभिदान प्राप्त हुआ।
सरकार को एलआईसी के आईपीओ से 21,000 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद है। वह एलआईसी में अपनी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है।
भाषा
प्रशांत नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.