नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने जमीन के संबंध में कुछ शर्तों का पालन नहीं करने पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रामपुर में मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को दी गई भूमि के अधिग्रहण के लिए शुरू की गई प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
वर्ष 2005 में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान द्वारा संचालित एक ट्रस्ट को संस्थान के लिए दी गई जमीन के संबंध में कुछ शर्तों के उल्लंघन के कारण राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरू की थी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है।
उच्च न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें मार्च 2020 में सब डिवजिनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) द्वारा भूमि पर निर्माण के साथ-साथ अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) रामपुर द्वारा भूमि को राज्य को सौंपने के लिए 16 जनवरी 2021 के आदेश पर प्रस्तुत एक रिपोर्ट को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला दोनों वर्तमान में सीतापुर जिला जेल में बंद हैं और कई मुकदमों का सामना कर रहे हैं। एसडीएम की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए दी गई जमीन पर एक मस्जिद का निर्माण किया गया और इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा दी गई मंजूरी का उल्लंघन हुआ।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि विश्वविद्यालय की जमीन को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपने यानी ट्रस्ट को दी गई जमीन के अधिग्रहण के लिए उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 104/105 के तहत कार्यवाही शुरू करने के लिए एडीएम द्वारा पारित आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
वर्ष 2005 में समाजवादी पार्टी की तत्कालीन सरकार ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय अधिनियम लागू किया, जिससे विश्वविद्यालय के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
इसके बाद राज्य सरकार ने कुछ शर्तों को लागू करते हुए ट्रस्ट को विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 12.5 एकड़ (5.0586 हेक्टेयर) की सीमा के विरूद्ध 400 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने की अनुमति दी, जिसमें से एक शर्त यह भी थी कि भूमि का उपयोग केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए किया जाएगा। कानून के अनुसार, यदि ऐसी शर्त का उल्लंघन किया जाता है तो राज्य सरकार द्वारा दी गई मंजूरी वापस ले ली जाएगी।
भाषा आशीष माधव
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