मुंबई, 16 मई (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के नेता सचिन सावंत ने मंगलवार को दावा किया कि जब देवेंद्र फड़णवीस मुख्यमंत्री थे तब 2019 में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी औरंगाबाद के खुल्दाबाद में मुगल शासक औरंगजेब के मकबरे पर गये थे।
ओवैसी के भाई अकबरूद्दीन ने 12 मई को औरंगजेब के मकबरे पर फातिहा पढ़ी थी जिसके बाद फड़णवीस ने रविवार को एक रैली में तेलंगाना के इन विधायक के विरूद्ध कार्रवाई नहीं करने को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार को निशाना बनाया था।
सावंत ने कहा कि यह मकबरा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत आता है और वही यहां प्रवेश को नियंत्रित करता है। उन्होंने सवाल किया कि क्यों मोदी सरकार अकबरूद्दीन के विरूद्ध शिकायत दर्ज नहीं कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि जम्मू कश्मीर की भाजपा नेता द्रक्षा अंद्राबी भी फड़णवीस काल में उसी स्थान पर गयी थीं।
सावंत ने ट्वीट किया, ‘‘औरंगजेब का मकबरा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत है। मोदी सरकार वहां प्रवेश को नियंत्रित, उसे प्रतिबंधित या उसपर रोक लगा सकती है। मोदी सरकार ओवैसी के विरूद्ध शिकायत क्यों नहीं दर्ज करती है? भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष खालिद कुरैशी को देखिए, वही कर रहे हैं जो फड़णवीस जी ने बताया।’’
उन्होंने ट्विटर पर एक ट्वीट में कहा, ‘‘ भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य एवं जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष डॉ द्रक्षा अंद्राबी कोरोना काल में मकबरे पर गयी थीं। जब फड़णवीस मुख्यमंत्री थे तब असदुद्दीन ओवैसी 2019 में मकबरे पर गये थे। तब फिर एमवीए सरकार को ही कार्रवाई नहीं करने के लिए क्यों दोषी ठहराना?’’
‘महान मुगलों’ में आखिरी शासक समझे जाने वाले औरंगजेब ने 1707 में अपनी मौत से पहले तक करीब 49 सालों तक शासन किया एवं उसके जीवन के आखिरी दो दशक दक्कन पर कब्जा जमाने की कोशिश में गुजरे और उस दौरान उसका मराठाओं के साथ सीधा संघर्ष हुआ।
औरंगजेब पर छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे सांभाजी को मृत्यु दंड देने का आरोप भी है।
भाषा राजकुमार नरेश
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