चेन्नई, 13 मई (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया है कि वह छह महीने के भीतर एक समिति गठित करे जोकि यह पता लगाए कि किन पदों को उपाजिलाधिकारी की परिभाषा के तहत लाया जा सकता है।
न्यायमूर्ति एम गोविंदराज ने पी आनंदराज एवं 97 अन्य लोगों द्वारा दायर एक संयुक्त रिट याचिका का निपटारा करते हुए हाल में उक्त निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि विकास के लिए राज्य की नीतियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के मद्देनजर सरकार राजस्व एवं सामान्य प्रशासन से जुड़े सभी विभागों सहित तमिलनाडु प्रशासनिक सेवा के गठन पर विचार करे, जैसा कि केरल सरकार द्वारा किया गया है।
अदालत ने यह भी कहा कि सरकार राज्य स्तरीय सभी अधिकारियों के साथ समान व्यवहार करने और उन्हें प्रशासनिक सेवा में लाने के लिए केंद्र सरकार को उपयुक्त सिफारिशें करने के मद्देनजर समान अवसर प्रदान के संबंध में कदम उठाने पर विचार करे।
सभी याचिकाकर्ता तमिलनाडु ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग से संबंधित थे। उनका चयन तमिलनाडु लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समूह-1 परीक्षा के माध्यम से किया गया था। चूंकि, उन्हें राज्य सिविल सेवा में शामिल नहीं किया गया था इसलिए वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत नहीं हो सके।
भाषा
शफीक नरेश
नरेश
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