जगदलपुर, तीन जून (भाषा) छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मंगलवार को राज्य के युवाओं से आग्रह किया है कि वे माओवाद को समझें तथा केंद्र और राज्य की सरकारें इस चुनौती से निपटने के लिए क्या कर रही इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों का पहुंचाएं।
शर्मा मंगलवार को जगदलपुर शहर के डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुखर्जी सभागार में बस्तर शांति समिति द्वारा आयोजित ‘माओवाद का विद्रूप चेहरा – बीजिंग से बस्तर तक’ विषय पर एक संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
गृह विभाग भी संभाल रहे शर्मा ने कहा, ”नौजवान साथियों को जानकारी होनी चाहिए के माओवाद क्या है, यह कहां से शुरू हुआ और कैसे शुरू हुआ, इसे नौजवानों को समझना होगा। छत्तीसगढ़ और केंद्र की वर्तमान सरकारें इससे निपटने के लिए क्या कर रही हैं, यह नौजवानों को समझना है। मेरा नौजवान साथियों से निवेदन है कि आपके हाथ में सोशल मीडिया की बड़ी ताकत है, आपके बीच में कोई भी समाचार तरंग की तरह आगे बढ़ता है। मेरा आपसे निवेदन है कि आप अपने सोशल मीडिया का उपयोग इन बातों के लिए जरूर करें।”
उन्होंने कहा कि 1989 में बीजिंग के तियानमेन चौक पर इसलिए नरसंहार किया गया, क्योंकि कुछ नौजवानों ने वहां लोकतंत्र की मांग की थी। उन्होंने कहा कि चीन में लोकतंत्र न हो इसलिए हजारों नौजवानों को मौत के घाट उतार दिया गया था।
शर्मा ने कहा, ”व्यवस्थाओं में कुछ कमी होती है तब पहले चर्चा की जाती है, हल नहीं होने पर चेतावनी देकर आंदोलन किया जाता है। क्या धरना आंदोलन करने वालों को गोली मार दी जाए? यह माओवाद सिखाता है कि ऐसे लोगों को गोली मार दी जाए।”
उन्होंने कहा, ”चीन में पूरी जनता लाल सेना की गुलाम है। वैसा ही गुलाम उन्होंने (माओवादियों ने) बस्तर के लोगों को बना रखा है। चीन में गांव में सरकार को फैक्ट्री खोलनी है तब क्या पंचायत अनुमति देती है। चीन में खदान खोलना है तब क्या किसी जनप्रतिनिधि से पूछा जाता है। क्या वहां पंचायतें प्रस्ताव करती हैं। हमारे यहां खदान खोलनी है तब पंचायत जब तक अनुमति नहीं देती, तब तक बड़ी से बड़ी कंपनियां काम नहीं कर पातीं। यह लोकतंत्र की ताकत है। यहां ताकत जनता के हाथ में है।”
शर्मा ने कहा, ‘‘माओवादी बंदूक की नली से सरकार बनाना चाहते हैं। यह लोकतंत्र की हत्या कर सरकार बनाना चाहते हैं। यह वैसे ही सरकार बनाना चाहते हैं, जैसा इन्होंने चीन में बनाई है। यह वैसे ही लोगों को पराधीन करना चाहते हैं।”
उन्होंने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, ”कुछ लोग हैं जो यहां से वहां तक की यात्रा करते हैं, यह कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी जी की सरकार, विष्णु देव जी की सरकार कार्रवाई इसलिए कर रही है क्योंकि बस्तर के संसाधनों को किसी को दिया जाएगा। ऐसे लोग कितना बड़ा भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं आपको पूरी ताकत और पूरे वादे के साथ यह बात कहना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री की मंशा स्पष्ट है कि बस्तर का जल, जंगल और जमीन बस्तर का है, बस्तर के युवाओं का है, बस्तर के लोगों का है। बस्तर की उन्नति बस्तर मॉडल पर होगी। बस्तर के हिसाब से होगी।”
शर्मा ने कहा कि आने वाले समय में बस्तर को सुरक्षा शिविरों की आवश्यकता नहीं होगी, तब ये शिविर हमारे लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन के केंद्र बनेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘माओवादी बस्तर के आदिवासियों की हत्या कर रहे हैं। ऐसी दर्जनों घटनाएं हैं, जिनमें आदिवासियों की हत्या की गई। झीरम में कांग्रेस नेतृत्व की हत्या की गई। एक आदिवासी नेता (पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा) की हत्या कर उनके शव पर नाचा गया। यह कहां का मानवाधिकार है। और ऐसे लोगों के मानवाधिकार के लिए कुछ लोग हैदराबाद में बैठक करते हैं। जो लोग बस्तर के दर्द में शामिल नहीं हुए वह बस्तर की चर्चा में कभी शामिल हो ही नहीं सकते।”
उन्होंने आग्रह किया कि बस्तर की खुशहाली के लिए बस्तर के नौजवान सामने आएं।
इस दौरान राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप, बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी, ‘बस्तर द नक्सल स्टोरी’ फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन, आदिवासी समाज के नेताओं और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने संवाद में हिस्सा में लिया।
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