कोच्चि, 19 सितंबर (भाषा) युवा कांग्रेस ने केरल राज्य मानवाधिकार आयोग (केएसएचआरसी) से संपर्क कर राज्य में ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा बौछार किये जाने वाले पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया।
युवा कांग्रेस की एर्नाकुलम जिला समिति के उपाध्यक्ष सलमान ओलिकल ने शुक्रवार को राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को एक याचिका सौंपी। उन्होंने दावा किया कि केरल में इस मस्तिष्क संक्रमण के कारण कई मौतें हुई हैं, जो मुख्य रूप से दूषित पानी से फैलता है।
ओलिकल ने कहा, ‘कांग्रेस और युवा कांग्रेस नियमित रूप से एलडीएफ सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया करते हैं। बृहस्पतिवार को तिरुवनंतपुरम में 13 विरोध प्रदर्शन हुए, जहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की।’’
याचिका में आरोप लगाया गया है कि बौछार में इस्तेमाल किया गया पानी दूषित है और कहा कि अगर बिना शोधित या क्लोरीन रहित पानी प्रदर्शनकारियों के चेहरे, नाक या मुंह के संपर्क में आता है, तो इससे ‘‘स्वास्थ्य को गंभीर खतरा’’ हो सकता है।
ओलिकल ने केएसएचआरसी से आग्रह किया कि वह स्वयं इस मामले को देखे और पुलिस व अन्य अधिकारियों को निर्देश दे कि वे प्रदर्शनकारियों पर बौछार करने में इस्तेमाल किये जाने वाले पानी का क्लोरीनीकरण और शोधन सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर हम विरोध प्रदर्शनों के दौरान सफेद शर्ट पहनते हैं। अगर पानी की बौछार की जाती है, तो शर्ट पीली हो जाती है। पुलिस का दावा है कि वे सशस्त्र पुलिस शिविरों से पानी लाते हैं, लेकिन हम स्रोत को लेकर निश्चित नहीं है।’’
‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक अत्यंत घातक संक्रमण है, जो मुक्त-जीवित अमीबा के कारण होता है और आमतौर पर झीलों, नदियों और झरनों जैसे मीठे पानी के स्रोतों से फैलता है।
केरल में हाल के महीनों में इसने 19 लोगों की जान ली है। इस वर्ष राज्य में इसके 70 से अधिक मामले सामने आए हैं।
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