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Friday, 15 November, 2024
होमदेशआपको हटा दिया गया है- फेरबदल से पहले मोदी के मंत्रियों को बुरी ख़बर देने के लिए किसने कॉल किया

आपको हटा दिया गया है- फेरबदल से पहले मोदी के मंत्रियों को बुरी ख़बर देने के लिए किसने कॉल किया

हालांकि ये बदलाव कुछ समय से अपेक्षित था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि बहुत से बड़े मंत्री जो तरक़्क़ी की उम्मीद कर रहे थे, उनसे वास्तव में इस्तीफा मांग लिया गया.

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नई दिल्ली: बुधवार को मंत्रिमंडल में हुए व्यापक फेरबदल से पहले छह कैबिनेट मंत्रियों, एक स्वतंत्र प्रभार मंत्री और पांच राज्य मंत्रियों (एमओएस) को उनके पदों से हटा दिया गया.

हालांकि ये बदलाव कुछ समय से अपेक्षित था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि बहुत से बड़े मंत्री जो तरक़्क़ी की उम्मीद कर रहे थे, उनसे वास्तव में इस्तीफा मांग लिया गया.

लेकिन, सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया, कि ये पीएमओ नहीं था जिसने मंत्रियों को सूचित किया कि उन्हें हटाया जा रहा है. उन्हें बाहर किए जाने की ये कॉल बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की. और नए शामिल होने वाले चेहरों को भी पीएमओ से फोन नहीं आया. ये पार्टी महासचिव बीएल संतोष थे, जिन्होंने उन्हें ये अच्छी ख़बर सुनाई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हटाए गए मंत्रियों की सूची 6 जुलाई को नड्डा के साथ साझा की, जिस दिन नड्डा अपने हिमाचल प्रदेश के दौरे से लौटे थे. बीजेपी अध्यक्ष ने फिर गृह मंत्री अमित शाह और बीएल संतोष से मुलाक़ात की, और निजी तौर पर 12 मंत्रियों को अपने इस्तीफे देने के लिए सूचित किया.

एक मंत्री ने, जिन्हें मंत्रिमंडल से हटाया गया, दिप्रिंट से कहा, ‘मैं आराम कर रहा था जब बीजेपी अध्यक्ष के कार्यालय से फोन आया. मुझे लगा कि ये कॉल कैबिनेट स्तर पर तरक़्क़ी के लिए थी, लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि पार्टी ने मुझे कुछ अलग भूमिका देने का निर्णय किया है, और अब मैं मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं रहूंगा. इसलिए पार्टी के सिपाही होने के नाते, मैंने अपना इस्तीफा दे दिया.’

एक और निवर्तमान मंत्री ने दिप्रिंट को बताया कि वो बीमार चल रहे थे, और उन्होंने पीएम से अनुरोध किया था कि उन्हें मंत्री की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दें.

लेकिन, सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि कुछ मंत्री, जिनमें हर्ष वर्धन भी शामिल हैं, दूसरी लहर के दौरान कोविड स्थिति को ठीक से न संभाल पाने के कारण हटाए गए. उन्होंने कहा कि हर्ष वर्धन को संभवत: अगले साल होने वाले नगर निगम चुनावों से पहले दिल्ली का प्रभार दिया जा सकता है, और वो आदेश गुप्ता की जगह ले सकते हैं.

हटाए गए नेताओं में बाबुल सुप्रियो सबसे पहले थे, जिन्होंने अपनी नाराज़गी का इज़हार किया. अब हटा दिए गए एक फेसबुक पोस्ट में, सुप्रियो ने कहा कि उनसे ‘इस्तीफा मांगा गया’. बाद में उन्होंने सफाई दी कि उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री के नाते अपने पद से ‘इस्तीफा दिया’ था, और उनका ये बयान इस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए, कि उनसे इस्तीफा मांगा गया था.

जिन छह कैबिनेट मंत्रियों को हटाया गया उनमें हैं, रवि शंकर प्रसाद (क़ानून, संचार, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी), प्रकाश जावड़ेकर (पर्यावरण और सूचना एवं प्रसारण), डॉ हर्ष वर्धन (स्वास्थ्य), रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ (शिक्षा), डीवी सदानंद गौड़ा (रसायन व ऊर्वरक), और थावर चंद गहलोत, 73 (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता).

गहलोत का इस्तीफा अन्य मंत्रियों से एक दिन पहले हुआ, चूंकि मंगलवार को घोषित किया गया था, कि उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

हालांकि बृहस्पतिवार को नई मंत्रिपरिषद के साथ अपनी बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि नई टीम को अपने पूर्ववर्तियों से मुलाक़ात करके उनसे मार्गदर्शन लेना चाहिए, लेकिन बीजेपी सूत्रों ने कहा कि उनमें से कुछ को समय आने पर राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है.


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नए चेहरे

मंत्रिपरिषद में 36 नए चेहरे शामिल किए गए, और सात की पदोन्नति की गई. मोदी की नई टीम के हर मंत्री को कॉल करने का बड़ा काम बीएल संतोष ने अंजाम दिया.

ये संतोष ही थे जिन्होंने मंत्रियों को सूचित किया, कि वो मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनने जा रहे हैं, और उनसे तुरंत दिल्ली पहुंचने के लिए कहा.

यूपी के एक नेता ने, जो मंत्रिपरिषद का हिस्सा हैं, दिप्रिंट को बताया कि वो परिवार में एक शादी की तैयारी कर रहे थे, जब उन्हें बीजेपी मुख्यालय से एक फोन आया. संतोष जी ने मुझे बताया कि मुझे कैबिनेट में शामिल किया जाएगा, इसलिए मुझे तुरंत दिल्ली पहुंचना है. बाद में मुझे पीएमओ से एक कॉल आई कि अगले दिन, प्रधान मंत्री के साथ एक बैठक होने जा रही है’.

एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, कि हालांकि नए मंत्री को शामिल करना हमेशा पीएम का विशेषाधिकार होता है, लेकिन मोदी निर्णय लेने से पहले पार्टी से ‘हमेशा फीडबैक लेने की कोशिश करते हैं’. ‘इसलिए, नड्डा और बीएल संतोष भी इस काम में शामिल थे, और वो कई बैठकों में शरीक हुए थे.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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