लखनऊ : कानून व्यवस्था को लेकर यूपी में लगातार उठते सवाल के बीच योगी सरकार अब कई शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने पर विचार कर रही है. इसकी शुरुआत राजधानी लखनऊ और नोएडा में होने जा रही है. सोमवार को होने वाली प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है. हाल ही में हुए नोएडा एसएसपी के सस्पेंशन और लखनऊ एसएसपी के ट्रांसफर के बाद दोनों जिलों में पुलिस कप्तान के पद खाली पड़े हैं.
सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से पुलिस कमिश्नर सिस्टम को हरी झंडी मिल गई है. वह पिछले एक महीने के भीतर डीजीपी ओपी सिंह व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के साथ इस मुद्दे पर कई बार मीटिंग कर चुके हैं. हालांकि, अधिकारियों को कई दूसरे राज्यों में लागू पुलिस कमिश्नर सिस्टम को समझकर प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है. इसी कारण शुरुआत में इस व्यवस्था को केवल लखनऊ और नोएडा में लागू करने पर सहमती बनती दिख रही है.
दिप्रिंट से बातचीत में यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा का कहना था कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने पर सरकार के भीतर चर्चा चल रही है. लेकिन पूरी तरह अभी निर्णय नहीं हुआ है. इसलिए कमिश्नर सिस्टम के माॅडल पर कुछ भी टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी, कुछ दिन का इंतजार और करें अभी बैठकों का दौर जारी है. वहीं, डीजीपी ओपी सिंह ने कहा ये सरकार से जुड़ा फैसला है जो सरकार को ही लेना है. यूपी पुलिस लगातार कानून व्यवस्था को बेहतर करने पर जुटी है. जो भी निर्णय लिया जाएगा हम पूरी मेहनत से उस पर अमल करेंगे.
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गुरुग्राम और मुंबई कमिश्नर सिस्टम पर जोर
सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि यूं तो पुलिस कमिश्नर सिस्टम कई शहरों में है. लेकिन, अधिकारियों को गुरुग्राम व मुंबई का अध्यन कर प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है. मुंबई पुलिस कमिश्नर सिस्टम में गन लाइसेंस और आबकारी की दुकानों के लाइसेंस पुलिस कमिश्नर द्वारा ही जारी किए जाते हैं. वहीं गुरुग्राम में ऐसा नहीं है.
कमिश्नर को जो अधिकार इस सिस्टम में मिलते हैं. उनमें खासतौर पर धारा 144 लगाने का अधिकार अहम है. जूलूस, विरोध प्रदर्शन आदि के वक्त ये अहम हो जाता है. इसके अलावा शांतिभंग की आशंका में पाबंद लगामा, गैंगस्टर एक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई जैसे तमाम अधिकार पुलिस कमिश्नर के अंडर में हो जाते हैं.
बदल जाएंगे पद के नाम
यूपी पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होते ही पद के नाम भी बदल जायेंगे. शहर के कमिश्नर पद पर एडीजी या आईजी स्तर का अधिकारी होगा. उसके नीचे ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के दो पद होंगे, जिन पर डीआईजी स्तर के दो आईपीएस अधिकारी होंगे जो ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कहलाएंगे. इसके अलावा एसपी स्तर के चार से छह अधिकारी डिप्टी पुलिस कमिश्नर कहलाएंगे. फिर डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी होंगे, जो एसीपी यानि एसिस्टेंट पुलिस कमिश्नर कहलाएंगे.
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‘सिस्टम को प्रैक्टिकली चलाने में मेहनत की जरूरत’
यूपी के पूर्व डीजीपी आनंद लाल बैनर्जी ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि कोई भी सिस्टम लागू करने से ज्यादा कठिन उस पर लंबे समय तक मेहनत करते रहना होता है. पुलिस कमिश्नर सिस्टम की जरूरत लखनऊ में तो खासतौर पर थी. लेकिन इसमें अधिक आईपीएस रैंक के अधिकारियों को जगह देनी होगी. वहीं नोएडा को लेकर मेरा मानना है कि एनसीआर का पुलिस सिस्टम ही अलग होना चाहिए. वहां के पुलिसिंग सिस्टम पर काफी मेहनत की जरूरत है. मेरा हमेशा मानना है क्राइम कम करने के लिए केवल पुलिस रिफार्म नहीं बल्कि कांस्टिटियूशनल रिफाॅर्म समेत तमाम बदलाव की जरूरत है.
लखनऊ, नोएडा के बाद कई अन्य शहर भी
सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो अभी पुलिस कमिश्नर सिस्टम केवल लखनऊ व नोएडा में होने जा रहा है. इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भी देख सकते हैं. इसके बाद इसे मेरठ, आगरा, कानपुर समेत कुछ अन्य प्रमुख शहरों में लागू किया जा सकता है.