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Monday, 23 December, 2024
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योगी आदित्यनाथ ने दिया निर्देश, कोविड-19 के 20 से अधिक संक्रमित वाले जिलों में वरिष्ठ अधिकारी भेजे जाएं

उत्तर प्रदेश के 56 जिलों से अब तक 1,507 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिसमें से 45 जनपदों में 1,299 लोगों का इलाज चल रहा है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिये है कि प्रदेश के जिन जिलों में 20 या उससे अधिक कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले है वहां वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जायें, और यह अधिकारी वहां जाकर स्थिति का जायजा लें.

अपर मुख्य सचिव सूचना और गृह अवनीश अवस्थी ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ‘ मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिये कि जिन जिलों में 20 या उससे अधिक कोरोना संक्रमित मामले हैं वहां वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती की जाएं. ऐसे जिलों की संख्या 15 है लेकिन चूंकि गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में पहले से ही अधिकारी तैनात है इसलिये चौदह जिलों में ऐसे अधिकारी तुरंत भेजे जाएं.’ यह वरिष्ठ अधिकारी एक सप्ताह तक उस जिले में डेरा डालेंगे और वहां रोगियों के इलाज से लेकर जनता को बंटने वाले राशन और सामुदायिक रसोईघर आदि की व्यवस्था पर गहरी नजर रखेंगे.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि वह घनी बस्तियों और गलियों में भी अपनी गश्त तेज करें और लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाएं.

अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि जो दूसरे जनपदों या राज्यों से सामान लेकर वाहन आ रहे उन पर किसी भी हालत में यात्री न बैठायें जाएं. ऐसी स्थिति में वाहन जब्त कर लिये जाएंगे.

 1507 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित, 1,299 का चल रहा इलाज

उत्तर प्रदेश के 56 जिलों से अब तक 1,507 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिसमें से 45 जनपदों में 1,299 लोगों का इलाज चल रहा है.

इस बीच लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के बाद अब एसजीपीजीआई लखनऊ, मेरठ एवं इटावा मेडिकल कॉलेज में भी ‘‘पूल टेस्टिंग’’ का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है.

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रदेश के 11 जनपदों में कोरोना के सक्रिय मामले नहीं हैं. प्रदेश के 56 जिलों से अब तक 1,507 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जिसमें से 45 जनपदों में 1,299 मामले सक्रिय हैं यानि इनका इलाज चल रहा है. अब तक 187 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं जबकि 21 लोगो की मौत हुई है.

प्रदेश में 1,584 लोगों को पृथक वार्ड में रखा गया है तथा 11,826 लोगों को संस्थागत पृथवास में रखा गया.

उन्होंने बताया कि लखनऊ के केजीएमयू के बाद अब एसजीपीजीआई लखनऊ, मेरठ एवं इटावा मेडिकल कॉलेज में भी पूल टेस्टिंग (कई संदिग्धों का नमूना एक साथ मिलकार जांच किया जाता है और संयुक्त नमूने में वायरस मिलता है तो प्रत्येक की अलग-अलग जांच की जाती है)का कार्य प्रारम्भ हो गया है. पूल टेस्टिंग में 812 नमूनों की जांच की गई है.

प्रसाद ने बताया कि जांच के लिए 3,737 नमूने भेजे गये तथा बैकलॉग मिलाकर 3,955 जांच किए गए हैं.

प्रसाद ने कहा, ‘ठीक होने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हमारी पूरी कोशिश है कि हम लोगों को सही समय पर सही चिकित्सा दें ताकि वे उपचारित होकर, स्वस्थ होकर घर लौट सकें.’ उन्होंने कहा कि तबलीगी जमात के सदस्यों या उनके संपर्क में आने की वजह से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 938 है. साथ ही कहा कि इस बीमारी से घबराने की आवश्यकता नहीं है बल्कि सावधान रहना है.

प्रसाद ने कहा, ‘लोग चेहरे को ढक रहे हैं, मास्क लगा रहे हैं. हमें इसका भी लाभ मिल रहा है. यही वजह है कि नये मामलों के बढ़ने की दर स्थिर हो गई है.’ प्रमुख सचिव ने बताया कि पृथक वार्ड में 1,584 मरीज हैं जबकि 11, 826 मरीज पृथकवास में हैं. हमारे पास इस समय 16, 869 पृथक वास के बिस्तर हैं जबकि दस हजार एकांतवास के बिस्तर हैं.

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