नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने शनिवार को कहा कि योग महज एक व्यायाम नहीं है बल्कि यह जिंदगी जीने का एक तरीका है जो अनुशासन, सद्भाव और सजगता पैदा करता है।
न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एनजीटी में एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। एनजीटी परिसर में एक विशेष योग सत्र भी आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रमाणित प्रशिक्षकों द्वारा संचालित योग सत्र से हुई, जिसमें आसन, प्राणायाम और ध्यान क्रिया पर विशेष जोर दिया गया।
न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए योग के समग्र लाभ तथा मौजूदा समय में दुनिया में स्वास्थ्य, संतुलन और सचेत जीवन जीने के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ योग केवल व्यायाम का ही एक रूप नहीं है, बल्कि जिंदगी जीने का एक तरीका है जो अनुशासन, सद्भाव और सजगता पैदा करता है – ये मूल्य व्यक्तिगत कल्याण और पर्यावरण चेतना दोनों के लिए आवश्यक हैं।’’
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