नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना को लेकर एक गलत विमर्श गढ़ा गया और कहा कि यह ‘दिखावटी परियोजना’ नहीं बल्कि एक आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि नए प्रधानमंत्री आवास के लिये किसी डिजाइन को अंतिम रूप नहीं दिया गया है और सिर्फ दो परियोजनाओं- संसद भवन व सेंट्रल विस्टा एवेन्यू– का काम करीब 1300 करोड़ रुपये की लागत से फिलहाल चल रहा है.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि केंद्रीय परियोजना को लेकर झूठा विमर्श गढ़ा जा रहा था और किसी भी विरासत इमारत को ‘छुआ’ नहीं जाएगा.
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा, ‘यह एक व्यर्थ परियोजना नहीं है और इस परियोजना की आवश्यकता है.’
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सेंट्रल विस्टा परियोजना को जारी रखने की मंजूरी देते हुए कहा कि यह ‘अहम और आवश्यक’ राष्ट्रीय परियोजना है.
सेंट्रल विस्टा को लेकर गलत नैरिटिव गढ़ा गया, यह ‘दिखावटी परियोजना’ नहीं: हरदीप पुरी
अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया.
परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है.
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