नई दिल्ली: यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध के रूप में पहलवान गंगा नदी में अपने पदक विसर्जित करने के लिए हरिद्वार पहुंच गए हैं. हरिद्वार पहुंचने के बाद महिला पहलवान एक दूसरे से गले लिपटकर रोने लगे. वहां मौजूद अन्य लोग पहलवानों को सांत्वना दे रहे थे. बता दें कि आज ही पहलवानों ने अपने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कहा था कि आज शाम में वह अपने जीते हुए मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे.
#WATCH | Uttarakhand: Wrestlers reach Haridwar to immerse their medals in river Ganga as a mark of protest against WFI chief and BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh over sexual harassment allegations.#WrestlersProtest pic.twitter.com/WKqSJQyaH0
— ANI (@ANI) May 30, 2023
सभी पहलवानों ने पत्र को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए कहा था कि “हम अपने मेडल आज शाम 6 बजे हरिद्वार में गंगा नदी में बहा देंगे. गंगा हमारी मां हैं, जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत करके ये सारे मेडल जीते थे.”
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) May 30, 2023
सवाल पूछते हुए पत्र में आगे कहा गया कि क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन-उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया हैं.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन को लेकर पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के साथ-साथ आयोजकों और उनके समर्थकों के खिलाफ दंगा करने तथा सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में रविवार को एफआईआर दर्ज की थी.
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने उन्हें रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नये संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून-व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया था.
पहलवानों ने मंगलवार को जारी पत्र में आगे लिखा कि “अब लग रहा है कि क्यों जीते थे. क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करें. हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे. कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं. तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना खत्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ है. अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है. इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना.”
रविवार को हुई गिरफ़्तारी का जिक्र करते हुए पहलवानों ने आगे कहा कि भारत में बेटियों की जगह कहां हैं. क्या हम केवल नारे बनकर या सत्ता में आने भर का एजेंडा बनकर रह गई हैं. ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनकर हमें मुखौटा बनाकर केवल अपना प्रचार करता है यह तेज सफेदी वाला तंत्र और फिर हमारा शोषण करता है. हम उस शोषण के खिलाफ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है.
देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था. प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
रविवार को हुई पहलवानों की गिरफ़्तारी का विनेश फोगाट ने विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की आलोचना भी की थी.
गंगा सभा के अध्यक्ष ने किया विरोध
गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम ने पहलवानों का विरोध करते हुए कहा कि वह इसे राजनीतिक अखाड़ा नहीं बनने देंगे. उन्होंने कहा, “पहलवान यहां आएं हैं उनका स्वागत है, लेकिन आज हम यह नहीं होने देंगे.”
यह भी पढ़ें: पहलवानों से ममता बनर्जी ने बातचीत कर दिया समर्थन, बोलीं- उनके साथ खड़े, BJP सांसद को बचा रही सरकार