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गुरूवार, 8 मई, 2025
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पहलवान बजरंग पूनिया ने नाडा के निलंबन के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया

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नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) अल्बानिया में अक्टूबर में होने वाली सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप से पहले पहलवान बजरंग पूनिया ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा अपने निलंबन को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

पहलवान ने दावा किया है कि एजेंसी का आचरण भारत के संविधान के तहत पेशे का अभ्यास करने और आजीविका कमाने के उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, और अगर ‘‘मनमाना’’ निलंबन नहीं हटाया गया तो उन्हें ‘‘सेवानिवृत्त होने के लिए मजबूर’’ होना पड़ेगा।

नाडा ने 21 जून को पूनिया को दूसरी बार निलंबित कर दिया तथा औपचारिक रूप से ‘‘नोटिस ऑफ चार्ज’’ जारी किया, जिससे वह प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गए।

यह कदम अनुशासन-विरोधी डोपिंग (एडीडीपी) समिति द्वारा पिछले निलंबन को इस आधार पर रद्द करने के तीन सप्ताह बाद उठाया गया कि नाडा ने पहलवान को ‘‘नोटिस ऑफ चार्ज’’ जारी नहीं किया था।

नाडा ने 10 मार्च को सोनीपत में आयोजित चयन परीक्षण के दौरान डोप परीक्षण के लिए अपने मूत्र का नमूना देने से इनकार करने पर 23 अप्रैल को पूनिया को निलंबित कर दिया था।

खेल की वैश्विक शासी संस्था ‘यूनाइटेड रेसलिंग वर्ल्ड’ ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था।

वकील वी. सिंघानिया के माध्यम से दायर अपनी याचिका में पूनिया ने तर्क दिया कि नाडा ने परीक्षण दिशानिर्देशों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए उनके निलंबन का कदम उठाया है।

उन्होंने अदालत से 21 जून का निलंबन आदेश का रद्द करने का अनुरोध किया।

भाषा

शफीक नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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