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Monday, 4 November, 2024
होमदेश'भारत सह-अस्तित्व का बेहतरीन मॉडल', दुनिया को दे सकता है शांति का संदेश : वर्ल्ड मुस्लिम लीग प्रमुख

‘भारत सह-अस्तित्व का बेहतरीन मॉडल’, दुनिया को दे सकता है शांति का संदेश : वर्ल्ड मुस्लिम लीग प्रमुख

उन्होंने कहा कि भारत सह-अस्तित्व का एक बेहतरीन मॉडल है, सिर्फ शब्दों में नहीं, जमीन पर भी. हम जानते है कि इसने मानवता के लिए बहुत योगदान दिया है.

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नई दिल्ली : सऊदी अरबिया के पूर्व न्याय मंत्री उदारवादी इस्लाम को लेकर अग्रणी माने जाने वाले अल-ईसा ने मंगलवार को कहा कि भारत अपनी विविधता के साथ “सह-अस्तित्व का एक बेहतरीन मॉडल है.” और यह देश दुनिया को शांति का संदेश दे सकता है.

अल-ईसा ने आज राष्ट्रीय राजधानी में कहा, “अभी कुछ देर पहले हमने भारतीय समाज के विभिन्न घटकों के बारे में बात की है और हम पहले उनसे बातचीत करते रहे हैं. और मैं जानता हूं कि मुस्लिम भारतीय समाज के हैं, जैसा कि मैंने कहा, उन्हें अपने संविधान पर गर्व है, अपने राष्ट्र पर गर्व है और उन्हें भाईचारे पर गर्व है, जिसे वह बाकी समाज के घटकों के साथ साझा करते हैं.”

अल-ईसा अभी मुस्लिम वर्ल्ड लीग (एमडब्ल्यूएल) के महासचिव हैं, यह सऊदी स्थित एक संगठन है और विश्वभर में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करता है, वह खुसरो फाउंडेशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय राजधानी के भारतीय इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र में हुए एक कार्यक्रम के संबोधन में कही.

सऊदी के ये नेता भारत में 5 दिन की यात्रा पर आए हैं जो कि 10 जुलाई से शुरू हुई है. अल-ईसा ने “भारतीय ज्ञान” की सराहना करते हुए कहा, “हम साझा उद्देश्यों के लिए विभिन्न घटकों और विविधता से जुड़ते हैं. हम हमने भारतीय ज्ञान के बारे में बहुत सुना है और हम जानते है कि इसने मानवता के लिए बहुत योगदान दिया है…”

दौरे पर आए सऊदी प्रतिनिधि ने कहा कि उनका संगठन दुनियाभर में धार्मिक जागरूकता को बढ़ावा देने पर काम कर रहा है. “हम जानते हैं कि यहां सह-अस्तित्व बहुत अहम है…हम पूरी दुनिया में स्थिरता और सौहार्द को बढ़ाने के लिए भी काम करते हैं. हम भारत को इसकी सारी विविधता के घटक के साथ जनते हैं, यह सह-अस्तित्व का एक बेहतरीन मॉडल  है सिर्फ शब्दों में नहीं, जमीन पर भी.”

अल-ईसा ने कहा, “दुनिया में यह निराशावादी सिद्धांत है, जो कि कहता है कि सभ्यताओं में संघर्ष रोका नहीं जा सकता, और इस लिहाज से टकराव दो कारकों पर आधारित है. धर्म भी हैं और सभ्यताएं भी हैं. लिहाजा, संयुक्त राष्ट्र ऐसे सिद्धांतों से वाकिफ रहा है, जिस वजह से उसने एक संगठन बनाया, संयुक्त राष्ट्र के भीतर एक अंग, जिसे सभ्यताओं का गठबंधन या गठजोड़ कहा जाता है.”

उन्होंने कहा कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने संयुक्त राष्ट्र और उसके नेतृत्व के सहयोग से एक पहल शुरू की, यह संयुक्त राष्ट्र के प्लेटफॉर्म से शुरू की गई, जिसका शीर्षक है, “पूर्व और पश्चिम के बीच पुल का निर्माण करना.”

उन्होंने कहा, “हां, हम एक-दूसरे को सहयोग कर सकते हैं और हां, हम एक साथ शांति से रह सकते हैं.”

अल-ईसा सोमवार को भारत पहुंचे और उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर, अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी से मुलाकात की उम्मीद है, और सूत्रों के मुताबिक उनके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलने की संभावना है.

सूत्रों ने बताया कि वह भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के नेतृत्व से भी मिलेंगे और विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में प्रतिष्ठित नेताओं की एक सभा के साथ बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि उनका आगरा जाकर ताजमहल देखने का कार्यक्रम है.

सूत्रों के मुताबिक, वह अक्षरधाम मंदिर जा सकते हैं और कुछ प्रमुख हस्तियों से मुलाकात कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में रहने के दौरान, उनकी व्यस्तता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शुक्रवार की नमाज के लिए जामा मस्जिद दिल्ली का दौरा होगा.


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