scorecardresearch
Monday, 1 September, 2025
होमदेशबिना सहयोग के जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के लिए दुनिया के पास समय समाप्त हो रहा : कॉप30 अध्यक्ष

बिना सहयोग के जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के लिए दुनिया के पास समय समाप्त हो रहा : कॉप30 अध्यक्ष

Text Size:

नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) कॉप30 के अध्यक्ष आंद्रे कोरेया डू लागो ने सोमवार को चेतावनी दी कि बिना सहयोग के जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने के लिए दुनिया के पास ‘समय समाप्त’ होने का खतरा है। उन्होंने विकसित और विकासशील देशों के बीच राजनीतिक और वित्तीय खाई को पाटने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने जलवायु वार्ता में शामिल होने के प्रति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अनिच्छा की भी आलोचना की। कोरेया डू लागो ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम समझते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप मेरी बात नहीं सुनेंगे। और समस्या यह है कि वह विशिष्ट देशों के उत्सर्जन के बारे में बात नहीं करना चाहते।’

ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया है। यह दूसरी बार है जब उन्होंने अमेरिका को समझौते से बाहर निकलने का निर्देश दिया है। उन्होंने अपने पहले प्रशासन के दौरान ऐसा किया था और बाइडन प्रशासन के तहत अमेरिका फिर से इसमें शामिल हो गया।

कोरेया डू लागो ने स्वीकार किया कि जलवायु वार्ता लंबे समय से विकसित और विकासशील देशों के बीच एक तीव्र विभाजन का प्रतीक रही है।

उन्होंने कहा कि गरीब देश लगातार इस बात पर ज़ोर देते हैं कि धनी देश स्वच्छ विकास के साधन उपलब्ध कराएं, जबकि विकसित देश अक्सर पर्याप्त समर्थन दिए बिना केवल प्रतिबद्धताएं हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह विभाजन बहुत गहरा है।’

कॉप30 प्रमुख ने कहा कि इस अंतर को पाटना बेहद ज़रूरी है।

उन्होंने कहा, ‘हमें इसे पाटने की कोशिश करनी होगी क्योंकि विज्ञान हमें बताता है कि हमारे पास बहुत कम समय है।’’

उन्होंने कहा कि असली चुनौती ‘सही होने’ की नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने की है कि जलवायु कार्रवाई से रोज़गार पैदा हों, जीवन में सुधार हो और एक नई, हरित अर्थव्यवस्था को गति मिले।

कॉप 30 का आयोजन नवंबर 2025 में ब्राज़ील के बेलेम में होगा और यह अमेज़न क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन का पहला आयोजन करेगा।

ब्राज़ील और भारत में हुई प्रगति का हवाला देते हुए, उन्होंने जैव ईंधन के माध्यम से साओ पाउलो में वायु प्रदूषण में ‘अद्भुत’ कमी पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत भी इसी तरह के कदम उठा रहा है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि ऐसे समाधान महंगे हो सकते हैं। उन्होंने इन्हें किफ़ायती बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया।

कॉप30 की सीईओ एना टोनी ने लागो के संदेश को दोहराते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रदूषण नियंत्रण स्वास्थ्य और जलवायु लक्ष्यों को जोड़ने का एक अवसर प्रदान करता है।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments