नई दिल्ली: आज सिर्फ देश ही नहीं पूरे विश्व में योग का डंका बज रहा है. विश्व पांचवा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है. इसबार भी समुद्र से लेकर बर्फ की चोटियों पर योग का नजारा देखने को मिल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर रांची में हैं. वह गुरुवार रात ही रांची पहुंचें. रांची के प्रभात तारा ग्राउंड में कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. पीएम मोदी के साथ इस ग्राउंड पर करीब 40,000 लोगों के भाग लेने की उम्मीद है, वहीं 10,000 लोगो ने ने ऑनलाइन आवेदन किया जबकि 4500 लोगों को पास मुहैया कराया गया है. पीएम की सुरक्षा के लिए करीब 4000 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं.
पीएम ने खुद की है पहल
लोगों में योग को जन-जन तक पहुंचाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ध्वजवाहक बने हुए हैं. पांचवें योग दिवस पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए इस बार मोदी झारखंड की राजधानी रांची में
होंगे. इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट से सेतुबंध आसन का एक थ्रीडी विडियो भी साझा किया. इस वीडियो को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, ‘क्या आपने सेतु बंधासन का अभ्यास किया है? ये वीडियो आपको आसन सिखाएगा और इसके कुछ लाभों को भी बताएगा.’
योग दिवस का विश्वभर में बज रहा है डंका
21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है, जब सूर्योदय जल्दी और सूर्यास्त देरी से होता है. ऐसा माना जाता है कि इस प्रक्रिया से कई तरह की आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं. जब पहले योग दिवस की घोषणा हुई थी तब भारत ने दो गिनीज विश्व रिकॉर्ड एक साथ बनाए थे. 35,985 लोगों के एक साथ योग सत्र का आयोजन किया गया था, और 84 देशों के नागिरक इस क्रिया के प्रतिभागी बने थे.
Across all continents, the #YogaDay2019 celebrations have begun with immense fervour. I urge you all to join the Yoga Day programmes in your respective nations and enrich the Yoga programmes with your participation. pic.twitter.com/bmA5ublVYE
— Narendra Modi (@narendramodi) June 16, 2019
भारत में योग के प्रीमियर इंस्टिट्यूट में से एक मोरारजी देसाई योग संस्थान के मीडिया प्रभारी तैयब आलम ने दिप्रिंट से बातचीत में बताया, ‘योग की लोकप्रियता का ये आलम है कि 2015 में केवल भारत से ही 80 लाख लोगों ने योग दिवस पर हिस्सा लिया वहीं दूसरे योग दिवस के समय यह संख्या बढ़कर 2.6 करोड़ हो गई और चौथे योग दिवस वाले दिन
करीब 10 करोड़ लोग योग दिवस वाले दिन प्रतिभागी बने थे.’
इसके अलावा बनारस हिंदू यूनिवर्सटी के योगा प्रशिक्षक के एम त्रिपाठी बताते हैं कि साल 2015 से पहले विश्वविद्यालय के चार महीने वाले डिप्लोमा कोर्स में 200 सीटों के लिए 300-400 आवेदन आते थे, लेकिन पिछले चार सालों में इस संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. और अब उतने ही सीटों के लिए 2000-2500 लोग एप्लाई कर रहे हैं.
पैरामिलिट्री से लेकर एम्बेसी के लोग सीख रहे योगा
योग दिवस के बाद से इसके प्रति लोगों में जागरुकता देखा जा सकता है. भारत सरकार की पहल पर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सों को योग की प्रशिक्षण दी जा रही है. तैयब के अनुसार, डिफेंस के लोगों में स्ट्रेस की समस्याएं देखी जाती है, जिसको दूर करने के लिए सरकार ने उन्हें योग से ठीक करने का बंदोबस्त किया है. ये 6 महीने का कोर्स होता है. जिसमें पिछले चार सालों में अबतक पैरामिलिट्री और पुलिस फोर्स को मिलाकर कुल 1500 लोग प्रशिक्षण ले चुके हैं. मोरारजी इंस्टिट्यूट में योग का प्रशिक्षण लेने के बाद ये लोग अपने-अपने ट्रूप में लोगों को योग सिखाते हैं.
#WATCH Rajasthan: "Yoga in Dunes” event organised by Desert Charger Brigade of Battle Axe Division of Indian Army at the golden sand dunes in Jaisalmer, on the eve of the #InternationalDayofYoga pic.twitter.com/r0z9ZeOY2U
— ANI (@ANI) June 20, 2019
सेंटर में इस योजना के तहत प्रशिक्षण ले रहे द्वारका के पुलिस अधिकारी ललित बताते हैं, ‘इसके दो फायदे हैं. एक तो हमारा स्वास्थ्य पहले से बेहतर हो रहा है. तनाव और अनिद्रा जैसी चीजें दूर हो रही हैं साथ ही रिटायर होने के बाद हमारे पास रोजगार का एक विकल्प भी तैयार हो गया है. हम आगे चलकर योग इंस्टरक्टर (प्रशिक्षक) के रूप में लोगों को अपनी सेवाएं दे सकते हैं.
जब एलोपैथी मुड़ा योग की तरफ
चिक्तिसा विज्ञान में बीमारी का इलाज करने की तरह तरह की तकनीक है. ऐलोपैथिक जिससे कठिन से कठिन रोगों का तुरंत इलाज होता है, वहीं आर्युवेदिक की शरण में जाने पर ऐसा माना जाता है कि रोग धीरे-धीरे कर के जड़ से खत्म किया जाता है. आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में जहां लोगों को जल्द से जल्द इलाज चाहिए वहां हर कोई ऐलोपैथिक की तरफ भागता है. लेकिन अब विगत कुछ वर्षों से ऐलोपैथिक डॉक्टर भी योग का लोहा मानने लगे हैं.
2016 में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) देश का पहला अस्पताल बन गया, जहां एलोपैथी के साथ-साथ योग और आयुर्वेद से मरीजों का इलाज किया जा रहा. यह सुविधा नए खुले सारे एम्स में उपलब्ध कराने की बात हुई.
Taking Yoga to newer heights! Amazed to see this in Nepal. #YogaDay2019 https://t.co/m8AV7EUUMC
— Narendra Modi (@narendramodi) June 17, 2019
इसके अलावा साल 2018 में मधुमेह व हाइपरटेंशन की बढ़ती बीमारी पर रोक लगाने के लिए योग की मदद लेने की बात कही गई. जिसके लिए एम्स के डॉक्टरों ने देश की राजधानी में दक्षिणी दिल्ली में योग का पहला सामुदायिक सेंटर की शुरुआत पिछले दिसंबर में की. एम्स में योग सेंटर होने के अलावा इस तरह की पहल किए जाने का मकसद था कि ज्यादातर लोग आवागमन में खर्च के कारण इसे बीच में छोड़ देते हैं. जबकि योग का लाभ प्रतिदिन करने पर ही मिलता है.
आगे की योजना क्या है
भारत सरकार योग को बढ़ावा देने में पूरी जोरों शोरों से लगी है. योग दिवस को इकोफ्रैंडली बनाया जा रहा है. योग के दौरान इस्तेमाल होने वाले मैट(दरी) पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए लगाए जा रहे हैं. वहीं आयुष्मान योजना के तहत 1.5 लाख योगा प्रशिक्षकों की नियुक्ति करने की योजना पर काम चल रहा है. इसके अलावा 2-3 महीने में डब्लू एच ओ की मदद से एक ऐप्प भी मार्केट में आने को तैयार है, जिसमें योग से संबधित सारी जानकारियां उपलब्ध होंगी.
Brilliant effort in Azerbaijan. #YogaDay2019 https://t.co/PvMQzx4Qy4
— Narendra Modi (@narendramodi) June 17, 2019
2015 में जबसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में घोषित किया है तबसे योग एक ब्रांड बन चुका है. इसको लेकर हर साल दुनिया भर में विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं. एक बड़े तबके में इस दिन को लेकर उत्साह देखा जा सकता है. होगा भी क्यों नहीं, जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मुखिया खुद ही इसकी पहल कर रहे हों.