रायपुर: कोरोना संकट के इस दौर में एक ओर जहां छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिलाएं 24 लाख से भी ज्यादा बच्चों, लड़कियों और गर्भवती महिलाओं को रेडी-टू-ईट फ़ूड पैकेट मुहैया करा रही हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्व-सहायता समूहों ने आगे आकर सस्ते मास्क और सेनिटाइजर का निर्माण करने का बेड़ा उठाया है. आम जनता को ये मास्क राज्य सरकार द्वारा संचालित ग्रामीण विकास कार्यक्रम ‘बिहान’ के तहत स्थापित जिला केंद्रों में 15 से 20 रुपये के दाम में दिए जा रहे हैं.
देशव्यापी लॉकडाउन होने बाद राज्य के 24 जिलों में 853 महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़ी लगभग 2500 महिलाओं द्वारा मास्क लोगों के लिए सस्ते दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ से जुड़ी इन महिलाओं द्वारा 2 अप्रैल, 2020 तक 5 लाख से अधिक मास्क का निर्माण किया गया है, इनमें 4 लाख 20 हजार मास्क की बिक्री की जा चुकी है. इन समूहों द्वारा तकरीबन 50 लाख 70 हजार रूपए का मास्क तैयार किए गए हैं.
इसी प्रकार पांच जिलों में 13 महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 3 लाख रूपए मूल्य का 600 लीटर से अभी अधिक सेनिटाइजर तैयार किया गया है. महिला समूहों द्वारा तैयार किए गए मास्क और सेनिटाइजर स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य शासकीय विभागों और स्थानीय बाजारों में बिक्री की जा रही है.
दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार ‘बिहान’ के महिला स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गए मास्क और हैंड सेनिटाइजर प्राथमिकता के आधार पर सरकार के विभिन्न विभागों और अस्पतालों को मुहैया कराए जाते हैं. इसके अलावा जिलों में स्थापित बिहान के अपने ही बिक्री केंद्रों से सस्ते दरों पर बेचे जा रहें हैं. बिहान स्व सहायता समूहों की सप्लाई खुले बाजार में अभी कुछ ही दवाई दुकानों तक सीमित है.
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बिहान से जुड़े राज्य सरकार के अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि महिलाओं के स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गए मास्क और सेनिटाइजर की बाजार में मांग अधिक है जिसे पूरा करने की वे लगातार कोशिश कर रहें हैं.
ग्रामीण विकास विभाग में तैनात सहायक राज्य परियोजना प्रबंधक गोपाल मित्तल कहते हैं, ‘कोरोना के देशव्यापी खतरे को देखते हुए बिहान के महिला स्व सहायता समूहों द्वारा ये मास्क और सेनिटाइजर का लगातार मेहनत कर अधिक से अधिक तादात में निर्माण किया जा रहा है.
वहआगे कहते हैं, ‘हमारा प्रयास है कि दोनों उत्पादों को बड़ी मात्रा में खुले बाजार में पहुंचाया जाए जिससे मास्क और सेनिटाइजर की कालाबाजारी के लिए कोई मौका न मिले. हमारे द्वारा तैयार किये गए 600 लीटर सेनिटाइजर में अब मात्र 21 लीटर ही स्टॉक में रह गया है, जबकि 50 हजार से भी कम मास्क बचे हैं.’
‘आनेवाले दिनों में उत्पादन बढ़ाने का पूरा प्रयास किया का रहा है ताकि आम नागरिकों को सस्ते और अच्छे मास्क और सेनिटाइजर मिल सकें.’
मित्तल ने आगे बताया कि बिहान की महिलाओं द्वारा बनाये गए ये मास्क और सेनिटाइजर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंडों के अनुरूप राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग और छत्तीसगढ़ बायोटेक लैब की देख रेख में तैयार किए जा रहें हैं.
राजनांदगांव, रायगढ़, सरगुजा, कबीरधाम, कोरिया, धमतरी, बलौदाबाजार, बस्तर, रायगढ़, गरियाबंद, जांजगीर-चांपा, बालोद, दुर्ग, सुकमा, मुंगेली, कांकेर, बीजापुर और जशपुर के अतिरिक्त 6 अन्य जिलों में मास्क तैयार किए गए हैं. इसी प्रकार सेनिटाइजर का निर्माण धमतरी, सरगुजा, जांजगीर जिले के एक-एक, बलौदाबाजार जिले के 6 और रायगढ़ जिले की 5 महिला स्व-सहायता समूह शामिल हैं.
1.85 लाख जरूरतमंदों को भोजन, 2 लाख मास्क
कोरोनावायरस के संक्रमण से उत्पन्न लॉकडाउन की वजह से जरूरतमंद गरीबों, मजदूरों एवं निराश्रितों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट को देखते हुए शासन-प्रशासन द्वारा राज्य के सभी जिलों में निःशुल्क भोजन एवं राशन उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई है. इस कार्य में स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं एवं दानदाता भी अपनी ओर से हरसंभव सहयोग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशों के अनुसार सभी जिलों में गरीबों, मजदूरों, निराश्रितों एवं जरूतमंद लोगों के भोजन एवं आवास का प्रबंध किया गया है.
शेल्टर कैम्प में रह रहे लोगों के लिए, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा दूसरे राज्यों के भी श्रमिक शामिल हैैं, जिला प्रशासन द्वारा भोजन, चाय नाश्ता एवं चिकित्सा सुविधा निःशुल्क मुहैया करायी जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार आज एक अप्रैल से राज्य के 28 जिलों में एक लाख 84 हजार 712 लोगों को निःशुल्क भोजन एवं राशन का वितरण किया जा रहा है. इसी प्रकार स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से अब तक दो लाख एक हजार 298 लोगों को आवश्यक मदद एवं मास्क का वितरण किया गया है.