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Friday, 10 May, 2024
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छत्तीसगढ़ में कोविड-19 से निपटने के लिए 34 आइसोलेशन केंद्र, 919 में से 849 के टेस्ट आए निगेटिव

एक मार्च के बाद विदेश दौरे से आनेवाले सभी व्यक्तियों की पहचान कर जांच की जाएगी. विशेषकर वे जो ब्रिटेन से आये हैं.

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रायपुर: कोरोनावायरस का संक्रमित संदिग्धों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि और कोविड-19 सैंपलिंग की निरंतर बढ़ती मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने 74 क्वारंटाइन और 34 आइसोलेशन केंद्र तैयार कर लिए गए हैं. इसके अलावा कोरोना मरीजों के लिए प्रदेश के आठ जिलों में कुल करीब 4000-4500 बिस्तरों वाले कोरोना वार्ड भी जल्द तैयार कर लिए जाएंगे.

दिप्रिंट से बात करते हुए प्रदेश स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह ने बताया, ‘राज्य मे कोविड-19 पॉजिटव पाए गए केस विदेश दौरे से लौटकर आए मामले अधिक हैं. इसलिए 1 मार्च के बाद विदेश दौरे से आनेवाले सभी व्यक्तियों की पहचान कर जांच की जाएगी. विशेषकर वे जो ब्रिटेन से आये हैं. यूके से वापस आये 96 लोगों की पहचान हो गयी है और अब इन सभी का कोविड-19 टेस्ट किया जाएगा.’

यूके से लौटे 96 लोगों पर विशेष नजर

कोरोनावायरस संक्रमण रोकने लिए की जा रहीं तैयारियों में राज्य सरकार ने प्रदेश भर में 74 क्वारेंटाइन केंद्र स्थापित कर लिए हैं. इन केंद्रों में एक हजार 249 लोगों को रखने की व्यवस्था है. वर्तमान में इन सेंटर्स पर 167 लोगों को रखा गया है. कोविड-19 संक्रमण से बचाव अभियान में लगे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार विभाग और पुलिस की टीम द्वारा करीब 35,000 से भी ज्यादा होम क्वारेंनटाइन के अतिरिक्त इन केंद्रों में रह रहे लोगों पर नजर रखी जा रही है. विदेश प्रवास से लौटे दो हजार 85 लोगों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को अब तक मिली है. इनमें यूके से लौटे 96 लोगों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया, ‘प्रदेश भर में ये क्वारेंनटाइन केंद्र ज्यादातर सरकारी प्रतिष्ठानों की इमारतें और नया रायपुर में राज्य हाउसिंग बोर्ड के नवनिर्मित करीब 96 सर्वसुविधा युक्त फ्लैट्स हैं जिनको सरकार ने अधिगृहित कर लिया है.’


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सिंह देव के अनुसार सरकार ने राजधानी के तीन बड़े होटलों को भी खाली कराकर कोविड-19 क्वारेंनटाइन केंद्र के रूप में रिज़र्व रख लिया. इनका इस्तेमाल आवश्यकता पड़ने पर किया जाएगा.

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दिप्रिंट से बात करते हुए स्वस्थ्यमंत्री ने कहा, ‘क्वारेंनटाइन और आइसोलेशन केंद्र के साथ अब आठ सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज की व्यवस्था की गई है. इसके उपचार के लिए एम्स रायपुर में अभी 200 बिस्तर तैयार हैं. इसे बढ़ाकर 500 बिस्तर करने की तैयारी है. पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर में 400 बिस्तर और माना सिविल अस्पताल में 100 बिस्तर की व्यवस्था है. इसके अलावा बिलासपुर, जगदलपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर और रायगढ़ शासकीय मेडिकल कॉलेजों में कोविड-19 के इलाज के लिए कुल एक हजार बिस्तर आरक्षित किए गए हैं.’

सिंह देव का कहना है कि वैसे संभावित आवश्यकताओं के अनुरूप हमारी तैयारी पूरी है लेकिन यदि 4000-4500 बिस्तरों से ज्यादा की आवश्यकता हुई तो रायपुर के रिम्स अस्पताल को भी कोविड-19 के इलाज के लिए विकसित किया जा रहा है. यहां 500 लोगों के उपचार की व्यवस्था रहेगी.

स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार प्रदेश में 34 आइसोलेशन सेंटर्स भी स्थापित किए गए हैं. ये आइसोलेशन केंद्र राज्य के सभी 26 जिला अस्पतालों, छः सरकारी मेडिकल कॉलेजों, सिविल अस्पताल माना और एम्स रायपुर में स्थापित किए गए हैं.

प्रदेश में अब तक कोविड-19 के 919 संभावित मरीजों की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं. इनमें से 849 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव और कुल 9 की पॉजिटिव आई है. शेष 61 लोगों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है. एम्स में इलाज के बाद दो मरीजों के पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. अभी एम्स में 4 तथा राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज और अपोलो अस्पताल बिलासपुर में एक-एक मरीज का इलाज चल रहा है. एम्स रायपुर के साथ ही प्रदेश में अब जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में भी सैंपलों की जांच की जा रही है.

सरकार ने मंगा रैपिड टेस्ट किट

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव रोजाना कोरोनावायरस के नियंत्रण एवं रोकथाम की व्यवस्था की 1 अप्रैल को समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिया और बताया कि केन्द्र सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों से भी लगातार बात कर राज्य के लिए अधिक से अधिक संसाधन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. सिंह देव ने प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों से भी मदद की अपील की है. उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन को पत्र लिखकर रैपिड एंटी-बॉडी डिटेक्शन किट के उपयोग और खरीदी के संबंध में आईसीएमआर से दिशा-निर्देश जारी करवाने तथा छत्तीसगढ़ के दो और केन्द्रों में कोरोना वायरस टेस्ट की अनुमति देने का अनुरोध किया है.

स्वास्थ्य मंत्री की सफाई

अपने खिलाफ सोशल मीडिया में उठे सवालों का स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार शाम फेसबुक लाइव के जरिए दिया. देव उनके खिलाफ कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश से बाहर रहने को लेकर सोशल मीडिया में उठाए सवालों को लेकर बताया कि मार्च 18 से 23 के उन्हें मबई में भाई की पत्नी के कैंसर की सिर्जरी के लिए रुकना पड़ा था.

स्वास्थ्यमंत्री का कहना था की उनका मुम्बई प्रवास मुख्यमंत्री के संज्ञान में था और उसके बाद पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी द्वारा राजस्थान राज्यसभा चुनाव के प्रभारी के रूप में जयपुर भेजा गया था. लेकिन समझ में नही आया की मेरे मुम्बई और जयपुर प्रवास के दौरान कुछ लोगों ने सवाल क्यों उठाया. कहीं ऐसा तो नही कि सोशल मीडिया में मेरे खिलाफ प्रदेश से बाहर रहने को मुद्दा बनाया जाना प्रायोजित था’.

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