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Friday, 3 May, 2024
होमदेश‘महिलाएं ओयो होटल में आरती करने नहीं जाती हैं’, हरियाणा महिला आयोग की टिप्णणी पर उठा बवाल

‘महिलाएं ओयो होटल में आरती करने नहीं जाती हैं’, हरियाणा महिला आयोग की टिप्णणी पर उठा बवाल

रेणु भाटिया का कहना है कि कैथल कॉलेज में की गई उनकी टिप्पणियों को ‘गलत अर्थ’ निकाला गया, बल्कि वे तो ‘लड़कियों की काउंसलिंग कर रही थीं कि वह खुद को यौन अपराधों से कैसे बचा सकती हैं’.

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चंडीगढ़: हरियाणा राज्य महिला आयोग (एचएससीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेणु भाटिया की इस हफ्ते की शुरुआत में कैथल के एक कॉलेज में की गई टिप्पणी कि ‘‘ओयो होटल में अपने बॉयफ्रेंड के साथ जाने वाली लड़कियों को मालूम है कि वो वहां आरती करने नहीं जा रही हैं और बाद में बलात्कार और ब्लैकमेल होने की शिकायत करती हैं’’ से सोशल मीडिया पर खलबली मच गई है और कईं लोगों ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग भी की है.

इस बारे में पूछे जाने पर भाटिया ने दिप्रिंट से कहा कि जन्मदिन मनाने के लिए ओयो होटल में जाने का “एक अंतर्निहित अर्थ है जिसे हर कोई जानता और समझता है”.

मंगलवार को कैथल के आरकेएसडी कॉलेज में बोलते हुए भाटिया ने महिलाओं को चेतावनी दी थी कि अगर वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ किसी होटल में जाती हैं तो कुछ भी बुरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि इन महिलाओं ने बाद में शिकायत भी की कि उन्हें नशीला पेय पिलाया गया, बलात्कार किया गया और ब्लैकमेल किया गया.

भाटिया को कानूनों और साइबर अपराध के बारे में जागरूकता पर एक समारोह को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया था. यौन शोषण की घटनाओं के बारे में बात करते हुए, उन्होंने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए महिलाओं को समान रूप से जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने कहा, “हमें लड़कियों की शिकायतें आती हैं जहां वे आरोप लगाती हैं कि उन्होंने एक लड़के से दोस्ती की. एक दिन लड़का महिला को एक ओयो होटल में ले गया जहां उसने उसे कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिलाकर पिलाया. उसके साथ बुरे काम किए, उसका वीडियो बनाया और अब वे उसे ब्लैकमेल कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की शिकायतें आज कल आम हो गई हैं.”

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हरियाणा इकाई के पूर्व सचिव भाटिया ने कहा, “लड़कियां अच्छी तरह जानती हैं कि जब वे ऐसी जगह जाती हैं, तो वे वहां हनुमान जी की आरती करने नहीं जाती हैं.”

उन्होंने युवतियों को चेतावनी देते हुए कहा, “ऐसी जगह (होटल) में जाने पर दोस्ती के नाम पर हमारे साथ कुछ भी बुरा हो सकता है.”

भाटिया ने कहा, “हम अन्य चीज़ों में इतने परिपक्व हो गए हैं कि हम जानते हैं कि हमें अपने माता-पिता से क्या चाहिए, लेकिन जैसे ही बच्चे 12वीं कक्षा पास करते हैं, उन्हें ऐसा लगने लगता है जैसे उनके पास पंख और उड़न खटोला है. लड़कियों को लगने लगता है कि वे स्कूल ड्रेस से आज़ाद हैं और जो चाहें पहन सकती हैं. उन्हें सबसे मॉडर्न ड्रेस पहनना पसंद है. लड़कों को लगता है कि अब उनके पास स्कूल बैग नहीं है और उनके पास एक बाइक और एक गर्लफ्रेंड होगी.”

भाटिया ने शुक्रवार को दिप्रिंट को बताया कि “लड़कियों को यौन अपराधों से खुद को बचाने के तरीके पर परामर्श देते हुए उन्होंने जो कहा है उसे काफी नकारात्मक अर्थ में पेश किया गया है.”

महिला आयोग की प्रमुख ने अपनी टिप्पणी में हनुमान का ज़िक्र करने के लिए माफी भी मांगी और कहा कि वे केवल छात्रों को बता रही थीं कि मीडियाकर्मी अक्सर उन्हें बताते हैं कि कैसे युवा महिलाएं यौन शोषण का शिकार होती हैं और लड़के अंतरंग वीडियो का उपयोग करके महिलाओं को ब्लैकमेल करते हैं.

उन्होंने कहा, “मुझे युवा लड़कियों और यहां तक कि लड़कों को यह बताने में कुछ भी गलत नहीं लगता है कि यदि आप जन्मदिन मनाने या किसी पार्टी के लिए ओयो होटल जाते हैं, तो आपके दिमाग में कुछ गलत ख्याल है या अगर कुछ बुरा हो जाता है तो आपको बाद में शिकायत नहीं करनी चाहिए.”

भाटिया ने कहा, “हमारे समाज में लोग अपनी लड़कियों को जन्मदिन मनाने के लिए क्लब या फास्ट फूड जॉइंट्स में जाने से कोई आपत्ति नहीं करेंगे, लेकिन वे अपने बच्चों को इस उद्देश्य के लिए कभी भी ओयो होटलों में नहीं जाने देंगे क्योंकि इसका एक अंतर्निहित अर्थ है जो हर कोई जानता है और समझता है.”


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‘लड़कियों को होटल जाने से रोकना भेदभावपूर्ण’

लिव-इन रिलेशनशिप से निपटने वाले सख्त कानूनों की वकालत करते हुए, भाटिया ने कैथल में भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के कारण राज्य महिला पैनल के पास इस संबंध में “सीमित अधिकार” हैं.

उन्होंने कहा कि महिला आयोग लिव-इन रिलेशनशिप के मामलों में “दखलअंदाज़ी” नहीं कर सकता. “हमारा प्रयास इन मामलों को हल करना है. साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप के मामलों में परिवार भी शामिल होते हैं और इससे दोनों परिवारों का नाम खराब होता है. लिव-इन रिलेशनशिप कानून के कारण महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या भी बढ़ रही है.”

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब महिला आयोग की प्रमुख इस तरह विवादित बयान देती नज़र आई हैं.

पिछले साल 31 दिसंबर को हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ एक जूनियर कोच द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर टिप्पणी के लिए पत्रकारों ने उनसे संपर्क किया था तो उन्होंने जांच होने से पहले ही कहा कि “आरोप अविश्वसनीय प्रतीत होते हैं”.

इस घटना को याद करते हुए अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (एआईडीडब्ल्यूए) की उपाध्यक्ष जगमती सांगवान ने कहा, “यह पहली बार नहीं है कि एचएससीडब्ल्यू ने इस तरह की टिप्पणी की है. एचएससीडब्ल्यू की अध्यक्ष के रूप में उनसे अपेक्षा की गई थी कि वे महिलाएं को सहायता प्रदान करें.”

सांगवान ने दिप्रिंट को बताया कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था कि एक महिला का ऐसे पद पर आसीन है जहां उनसे महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने की उम्मीद की जाती है, लेकिन वे अपने बयानों से उन्हें नीचा दिखा रही हैं. उन्होंने कहा, “रेणु भाटिया को न केवल अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए बल्कि उन्हें तुरंत उनके पद से हटा देना चाहिए.”

कैथल में भाटिया की टिप्पणी पर सांगवान ने कहा कि होटल एक ज़रूरत है और पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा अक्सर इसका इस्तेमाल किया जाता है.

उन्होंने कहा, “इसलिए, यह कहना कि महिलाओं को होटलों में नहीं जाना चाहिए, भेदभावपूर्ण है.”

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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